जम्मू शहर की मुख्य सड़कों तक सीमित है फागिंग,लोगों ने कहा- डेंगू-मलेरिया से बचाना है तो निगम गलियों में चलाए अभियान
जम्मू में डेंगू के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्थानीय लोगों ने नगर निगम से गलियों और मोहल्लों में फागिंग करवाने की मांग की है। उनका कहना है कि निगम के ऑटो केवल मुख्य सड़कों पर फागिंग करते हैं जबकि गलियों में मच्छरों की समस्या ज्यादा है। निगम का कहना है कि वे सभी वार्डों में फागिंग करने की कोशिश कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, जम्मू। डेंगू की दस्तक के बीच जम्मू नगर निगम व मलेरिया विभाग का फागिंग अभियान मुख्य सड़कों तक सिमित रह रहा है। लोग चाहते हैं कि निगम के आटो मुहल्लों की गलियों में भी पहुंचे। खाली प्लाटों में लगे कचरे के ढेरों और जलभराव होने वाले स्थलों के आसपास फागिंग पर जोर दिया जाए।
जम्मू नगर निगम करीब सवा माह का रोस्टर तैयार कर मलेरिया विभाग के साथ मिलकर शहर के सभी 75 वार्डों में फागिंग की तैयारी की है। आज दिन तक 20 वार्डों में फागिंग की जा चुकी है। 23 जुलाई को अभियान की शुरूआत वार्ड नंबर 34 व 35 से की गई थी। उसके बाद से 25,27, 27,28,29, 30,31,32,12,13,14,19, 39, 40, 41, 61 आैर वीरवार को वार्ड नंबर 64 व 65 में फागिंग की गई।
रोजाना ही दो से तीन वार्डों में नगर निगम के आटो पहुंच रहे हैं और फागिंग कर रहे हैं। यह अभियान 29 अगस्त तक चलना है। लोगों की मानें तो निगम के आटो सिर्फ मुख्य गलियों से गुजरते हुए थर्मल फागिंग कर रहे हैं।
बीच मुहल्लों की गलियों में मच्छर ज्यादा हैं, वहां आटो नहीं आ रहे। लोगों का कहना है कि नगर निगम व मलेरिया विभाग मुहल्लों की छोटी गलियों में भी फागिंग करवाए ताकि डेंगू के खतरे से निपटा जा सके।
हर गली में हो फागिंग
‘फागिंग जमीनी स्तर पर होनी चाहिए। सिर्फ बड़ी गलियों या बाजारों में फागिंग की जा रही है। बीच गलियों, मुहल्लों में काेई फागिंग करने नहीं पहुंच रहा। मच्छर और गंदगी इन्हीं गलियों में दिखती है। मुख्य मार्ग तो चकाचक रहते हैं।’ -संजीव मेहरा, निवासी गुज्जर नगर
‘वार्ड में एक आधे घंटे में आटो फागिंग करके चला जाता है। इतने बड़े वार्ड में इतनी जल्दी कैसे फागिंग हो सकती है। साफ है सिर्फ मुख्य सड़कों पर आटो घूमाए जा रहे हैं। गलियों, मुहल्लों में खाली प्लाटों, स्थानों पर फागिंग हो।’ -शहीन मलिक, निवासी शहीदी चौक
‘बरसात जारी है तो पानी जमा होना आम है। ऐसे में मच्छर भी पनपते हैं। फागिंग से कीड़े-मकौडे मर जाते हैं। लिहाजा बीच मुहल्लों में आटो घूमाए जाएं। अधिकारी स्वयं आएं और गलियों में साफ-सफाई का निरीक्षण भी करें। सभी को लाभ मिलेगा।’ -रणधीर सिंह, निवासी ओल्ड सिटी
‘हमारे वार्ड में तो आटो फागिंग करके चला भी गया लेकिन मुहल्लों में कहीं कोई फागिंग नहीं हुई। आम लोगों की किसी को परवाह नहीं। सिर्फ कागजों में दिखाने के लिए औपचारिक अभियान चलाए जा रहे हैं। वरना गलियां क्यों छूटती।’ -मादव कुमार, निवासी जानीपुर
यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभागों में बड़े फेरबदल की संभावना, स्वास्थ्य मंत्री सकीना इटू ने दिए संकेत
जागरुकता से ही बचाव
‘करीब सवा महीने का रोस्टर तैयार कर मलेरिया विभाग के साथ मिलकर फागिंग की जा रही है। कोशिश कर रहे हैं कि सभी मुहल्लों में आटो फागिंग करें। लोगों को जागरुक भी कर रहे हैं। जहां-कहीं डेंगू के मामले की पुष्टि होती है, वहां तो विशेष रूप से फागिंग की जाती है। लोग जागरुक रहें, डरने की जरूरत नहीं है। बस ध्यान रखें। आसपास पानी जमा न होने दें।’ -डा. विनोद शर्मा, हेल्थ आफिसर, जम्मू नगर निगम
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।