कश्मीर से आगे जम्मू में पंख फैलाने की तैयारी में पीपुल्स एलांयस फार चेंज, राजनीतिक पकड़ मजबूत करने की तैयारी
पीपुल्स एलायंस फॉर चेंज (पीएसी) जम्मू-कश्मीर में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए तैयार है। कश्मीर प्रांत से आगे यह जम्मू के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अपनी पकड़ बढ़ाना चाहता है। पीएसी अपने संगठनात्मक ढांचे को अंतिम रूप दे रहा है और एक राजनीतिक दृष्टिकोण दस्तावेज तैयार कर रहा है। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी जैसे दलों के विकल्प के रूप में एक मंच प्रदान करने का लक्ष्य है।

राज्य ब्यूरो,जागरण, श्रीनगर। पीपुल्स एलांयस फार चेंज पीएसी ने अपने पंख फैलाने की तैयार कर ली है। वह खुद को कश्मीर तक सीमित रखने के मूड में नहीं है बल्कि कश्मीर प्रांत के आगे जम्मू में विशेषकर जम्मू के मुस्लिम बहुल इलाकों में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहता है। इसके लिए उसने अब अपने संगठनात्मक ढांचे को अंतिम रूप देने के साथ साथ अपने राजनीतिक दृष्टिकोण पर आधारित एक दस्तावेज भी तैयार करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।
आपको बता दें कि पीएसी का गठन पीपुल्स कान्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट पीडीएफ के चेयरमैन व पूर्व राजस्व मंत्री हकीम मोहम्मद यासीन और जस्टिस फार डिवेल्पमेंट फ्रंट जेडीएफ के साथ मिलकर किया है। इसमें श्रीनगर के पूर्व उपमहापौर शेख इमरान भी शामिल हैं।
जेडीएफ को प्रतिबंधित जमाते इस्लामी का संगठन माना जाता है, क्योंकि इसमें प्रतिबंधित जमाते इस्लामी के वही लोग शामिल हैं,जिन्होंने गत विधानसभा चुनाव में भाग लिया है। पीएसी के गठन के समय पीपुल्स कान्फ्रेंस के चेयरमैन और पूर्व समाज कल्याण मंत्री सज्जाद गनी लोन ने कहा कि था कि पीएसी जम्मू कश्मीर में नेशनल कान्फ्रेंस, कांग्रेस, पीडीपी के विकल्प के तौर पर लाेगों को एक यथार्थवादी राजनीतिक मंच प्रदान करेगा।
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अलबत्ता, जेडीएफ के पीएसी का हिस्सा बनने पर प्रतिबंधित जमाते इस्लामी ने एतराज जताया है और कहा कि यह लोग दिल्ली के एजेंडे पर काम कर रहे हैं।
पीएसी ने अब जम्मू कश्मीर की राजनीति में अपनी स्थिति मजबूत बनाने और कश्मीर प्रांत से आगे जम्मू में भी अपने जनाधार बढ़ाने के लिए अगठबंधन के आंतरिक ढांचे को सुव्यवस्थित करने, जमीनी स्तर पर पहुँच बढ़ाने और एक साझा राजनीतिक दृष्टिकोण दस्तावेज तैयार कर उसे सार्वजनिक करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।
शेख इमरान ने कहा कि पीएसी का एक संयुक्त घोषणापत्र जारी किया जाएगा जो गठबंधन के सामूहिक मूल्यों, प्रतिबद्धताओं और भविष्य के लक्ष्यों को प्रतिबिंबित करेगा। इस एकीकृत दस्तावेज़ को तैयार करने की ज़िम्मेदारी कार्यकारी परिषद को सौंपी गई है।
प्रतिबंधित जमाते इस्लामी से संबधित शमीम अहमद ठोकर और सैयार अहमद रेशी ने कहा कि अब जमाते इस्लामी से नहीं बल्कि जेडीएफ से हैं और पीएसी के एक प्रमुख घटक हैं। हम सभी जम्मू कश्मीर में एक स्वच्छ, मजबूत राजनीतिक व लोकतांत्रिक व्यवस्था की बहाली के लिए काम कर रहे हैं।
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हमारे साथ जो अन्याय हुआ है,उसके लिए न्याय प्राप्त करना है। यह न्याय सिर्फ एक वर्ग या क्षेत्र तक नहीं है। जम्मू में भी हमारे लोग हैं,हम उनको भी अपने साथ लेकर चलना चाहते हैं, इसलिए एक साझा घोषणापत्र औरसंगठनात्मक ढांचा तैयार कर रहे हैं।
पीएसी से जुढ़े एक नेता ने कहा कि हमारे पास अतीत में बने गठबंधनों का अनुभव है, यह गठबंधन ज्यादा नहीं चल पाए और रास्ते में ही दम तोड़ गए,क्योंकि वह आम जनताके लिए नहीं थे। हम आम जनता के लिए राजनीति करना चाहते हैं। पीएसी में शामिल पीपुल्स कान्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के समर्थक हैं, इसके अलावा जमाते इस्लामी से जुड़े कई लोग हैं जो एक राजनीतिक आवाज चाहते हैं।
उन्हें पीएसी यह आवाज देगी। इसके लिए जल्द ही एक जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा। उन्हाेंने कहा कि जम्मू प्रांत के पर्वतीय और मुस्लिम बहुल इलाकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा,क्योंकि इन क्षेत्रों का नेशनल कान्फ्रेंस, पीडीपी और इन जैसे अन्य दलों से सिर्फ अपने वोट बैंक के लिए इस्तेमाल किया है जबकि अन्य दलों ने इन्हेंं भाषाई और धर्म के आधार पर उपेक्षित रखा है।
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निकट भविष्य में प्रदेश में पंचायत और स्थानीय निकायों के चुनाव हैं और उनसे पहले पीएसी को कश्मीर से आगे जम्मू में विस्तार दिया जाएगा ताकि लोकतंत्र के मूल संस्थानों पंचायतों और नगर निकायों में हम अपनी स्थिति मजबूत बना सके।
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