विधानसभा स्पीकर मेरे पिता समान... मेरा कोई व्यक्तिगत विरोध नहीं, पर... पीडीपी विधायक वहीद परा ने नोटिस का दिया जवाब
पीडीपी नेता वहीद उर रहमान परा ने विधानसभा स्पीकर के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें निर्वाचित सदस्य का बचाव करना चाहिए था। उन्होंने डोडा के विधायक मेहराज मलिक को जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए जाने पर अपनी राय व्यक्त की जिसे लेकर स्पीकर ने उन्हें नोटिस जारी किया था।

राज्य ब्यूरो,जागरण, श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की युवा इकाई के अध्यक्ष और पुलवामा के विधायक वहीद उर रहमान परा ने कहा, "मैंने अपनी राय व्यक्त की है, विधानसभा स्पीकर के प्रति मेरा कोई व्यक्तिगत विरोध नहीं है।"
उन्होंने कहा, "विधानसभा स्पीकर को एक निर्वाचित सदस्य का बचाव करना चाहिए था। अगर अध्यक्ष का कार्यालय किसी निर्वाचित सदस्य का विरोध, निंदा और बचाव नहीं करेगा, तो यह एक खतरनाक मिसाल कायम करता है।"
परा ने कहा, "यह मुद्दा किसी व्यक्ति का नहीं, बल्कि विधानसभा की संस्था, उसकी सवोच्चता और प्रतिष्ठा की रक्षा का है।" आपको बता दें कि जनसुरक्षा अधिनियम पीएसए के तहत डोडा के विधायक मेहराज मलिक को बंदी बनाए जाने पर वहीद उर रहमान परा ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा था- शर्मनाक आत्मसमर्पण। विधानसभा सचिवालय द्वारा एक निर्वाचित विधायक के खिलाफ पीएसए का समर्थन लोकतंत्र पर सीधा हमला है।
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जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को कार्रवाई करनी चाहिए, विधायकों की संस्था, जनता की अंतिम संस्था, को चुप न होने दें। आज मेहराज हैं, कल आप भी हो सकते हैं।
विधानसभा स्पीकर ने उनके इस पोस्ट का कड़ा संज्ञान लेते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उनके स्पष्टीकरण से असहमत होने पर स्पीकर उन्हें कुछ समय के लिए विधानसभा सत्र से निलंबितभी कर सकते हैं।
परा ने कहा कि विधानसभा स्पीकर अब्दुल रहीम राथर का मैं बहुत सम्मान करता हूं। मेरे लिए वह मेरे पिता के समान हैं, लेकिन उन्हें एक निर्वाचित सदस्य का पीएसए से बचाव करना चाहिए था। स्पीकर के नोटिस के बारे में पूछे जाने पर पीडीपी विधायक वहीद-उर-रहमान परा ने कहा कि मैने अपनी राय रखी है।
परा ने कहा कि विधानसभा स्पीकर अब्दुल रहीम राथर मेरे लिए मेरे पितातुल्य हैं। उन्होंने जिस तरह से सदन का संचालन किया और प्रक्रियात्मक ईमानदारी को बनाए रखा, उससे मझे बहुत कुछ सीखने को मिला है। उन्होंने विधानसभा सत्रों के दौरान सभी पक्षों को अपनी बात रखने का हर संभव अवसर प्रदान किया है।
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मेरा मानना है कि विधानसभा स्पीकर की जिम्मेदारियों में न केवल कार्यवाही का प्रबंधन करनाबल्कि विधानसभा सदस्यों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा करना भी शामिल है।
डोडा विधायक मेहराज मलिक को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिए जाने का जिक्र करते हुए परा ने कहा कि ऐसे मामलों पर विधानसभा की चुप्पी से लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता का विश्वास कमजोर होता है।
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