आतंकियों ने पहलगाम में पर्यटकों की मौत का मनाया था जश्न, NIA ने किया खुलासा; जांच में सामने आई कई अहम बातें
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पहलगाम आतंकी हमले की जांच में एक अहम गवाह का पता लगाया है। गवाह ने बताया कि आतंकियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या के बाद जश्न मनाया और हवा में गोलियां दागीं। NIA ने आतंकियों के दो मददगारों परवेज अहमद और बशीर अहमद को भी गिरफ्तार किया है। जांच में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों का हाथ होने की बात सामने आई है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। पहलगाम बैसरन में 26 निर्दाेष नागरिकों की हत्या का आतंकियों ने जश्न मनाते हुए हवा में गोलियां भी दागी थी। इसके बाद वे वहां से अपने किसी सुरक्षित ठिकाने की तरफ निकल गए।
यह जानकारी इस जघन्य कांड की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू कश्मीर पुलिस की मदद से चिन्हित किए गए एक स्थानीय गवाह से हासिल की है। इसी गवाह ने आतंकियो के पकड़े गए दो मददगारों परवेज अहमद जोथड़ और बशीर अहमद जोथड़ को वहीं पास में एक पहाड़ी पर कुछ सामान के साथ देखा था।
आपको बता दें कि 22 अप्रैल 2025 को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने जिनकी संख्या पहले पांच तक बताई जा रही थी, अब तीन बताई जाती है, ने बैसरन पहलगाम में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय घोड़ेवाले की हत्या की थी। इस जघन्य कांड को अंजाम देने वाले आतंकी अभी तक सुरक्षाबलों की पकड़ से दूर हैं।
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एनआइए ने अभी तक इस मामले में उनके दो स्थानीय मददगारों को परवेज अहमद जोथड़ और बशीर अहमद जोथड़ को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इसके अलावा एनआइए ने एक स्थानीय नागरिक का भी पता लगाया है जिसे आतंकियों ने बैसरन से निकलते हुए रोका था।
एनआइए से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इस मामले में अभी तक जिन गवाहों के बयान दर्ज किए हैं, उनमें सबसे अहम यही एक स्थानीय गवाह है। एनआइए ने इसे जम्मू कश्मीर पुलिस की मदद से चिन्हित किया है। पूछताछ में इसने बताया कि मौत का नंगा नाच खेलने के बाद आतंकी जब बैसरन से निकल रहे थे तो वहीं रास्ते में उसका सामना आतंकियों से हुआ था। आतंकी तीन ही थे।
उन्होंने पहले उसे भी पर्यटक समझा, लेकिन जब उसने कहा कि वह पर्यटक नहीं स्थानीय नागरिक है तो पहले उन्हाेंने उससे उसका नाम पूछा और फिर उसे कलमा पढ़ने को कहा। उसने अपना नाम बताया और कलमा भी पढ़ा। इससे आतंकियों को उसके मुस्लिम व स्थानीय कश्मीरी होने का यकीन हो गया। उन्होंने उसे छोड़ दिया और फिर वहीं उसी समय हवा में ऐसे गोलियां दागी जैसे वे किसी जीत का जश्न मना रहे हों।
उक्त गवाह के अनुसार, उसने वहीं कुछ ही दूरी पर परवेज और बशीर को भी खड़े देखा था। उनके पास कोई सामान था। वे दोनों पहले से ही आतंकियों का इंतजार कर रहे थे। उक्त गवाह के अनुसार, वह स्थानीय होने के कारण इन दोनों को अच्छी तरह से पहचानता है। उसने हमलावर आतंकियों में से एक सुलेमान उर्फ सुलेमानी उर्फ हाशिम के शामिल होने की भी पुष्टि की है।
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एनआइए ने उक्त गवाह को स्टार प्रोटेक्टिड की श्रेणी में रखा है। उसने जिस जगह आतंकियों के साथ आमना सामना होने की जानकारी दी है, एनआइए ने वहां से कुछ चले हुए कारतूस भी बरामद किए हैं।
संबधित सूत्रों के अनुसार, हाशिम मूसा के साथ अन्य दो आतकियों के बारे में काेई ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। माना जा रहा है कि वह कुछ समय पहले ही कश्मीर में घुसपैठ करने में कामयाब रहे होंगे जबकि हाशिम बीते तीन वर्षाें से जम्मू कश्मीर में सक्रिय है।
पहले वह राजौरी-पुंछ में सक्रिय रहा है। उसने पुंछ में एक सैन्य दल पर अपने साथियों संग घात लगाकर हमला किया था। वह गत वर्ष गुलमर्ग के बोटापथरी इलाके में सैन्य दल और सोनमर्ग के निकट सुरंग निर्माण कंपनी के कर्मियों पर हमले की वारदात में भी शामिल रहा है।
उन्होंने बताया कि परवेज और बशीर ने भी अपनी पूछताछ में हाशिम के हमले में शामिल होने की पुष्टि की है। उसके साथ अन्य दो आतकियों के बारे में उन्हें भी कोई जानकारी नहीं है। हाशिम को उन्होंने सुरक्षाबलों के पास उपलब्ध एक फोटो के आधार पर पहचाना।
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उन्होंने बताया कि हाशिम अपने साथियों संग हमले से एक दिन पहले ही उनकी ढोक में आया था। उसने वहां खाना बनवाया और खाया था। उसने बशीर की बीबी को पांच सौ रूपये के पांच नोट भी दिए थे और अपने लिए चावल व कुछ मसाले भी पैक करवाए थे।
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