जम्मू कश्मीर में नए आपराधिक कानूनों से आपराधिक न्याय प्रणाली में हुआ बड़ा बदलाव: एलजी सिन्हा
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने नए आपराधिक कानूनों के प्रति जनमानस में समझ विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ये कानून आपराधिक न्याय प्रणाली को पीड़ित-केंद्रित और न्याय-उन्मुख बनाते हैं। मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा आयोजित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि नए कानून आतंकवाद के विरुद्ध देश की शून्य सहनशीलता की नीति को मजबूत करेंगे।

राज्य ब्यूरो,जागरण, श्रीनगर। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरूवार को नए आपराधिक कानूनों के प्रति आम जनमानस मे समझ विकसित करने पर जोर देते हुए कहा इन्होंने आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह पीड़ित-केंद्रित व दंडात्मक से ज़्यादा न्याय-उन्मुख बनाया है।
वह आज यहां जम्मू-कश्मीर पुलिस पब्लिक स्कूल, बेमिना में 'नए आपराधिक कानूनों पर जम्मू कश्मीर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा आयोजित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद उपस्थितजनों को संबोधित कर रहे थे।
उपराज्यपाल ने कहा कि न्याय के प्रति भारत के सामूहिक दृष्टिकोण को दर्शाने वाले यह कानून आतंकवाद के विरुद्ध देश की शून्य सहनशीलता की नीति को भी मजबूत बनाएंगे।
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न्याय प्रणाली अधिक पारदर्शी और कुशल बनी
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि लगभग 150 वर्षों के बाद पहली जुलाई, 2024 को भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया। औपनिवेशिक काल के कानूनों के स्थान पर 'भारतीय न्याय संहिता', 'भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता' और 'भारतीय साक्ष्य अधिनियम' को देश भर में लागू किया गया, जिससे न्याय प्रणाली अधिक पारदर्शी और कुशल बन गई।
तीन नए आपराधिक कानूनों ने हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदल दिया है, इसे पीड़ित-केंद्रित और दंडात्मक से अधिक न्याय-उन्मुख बना दिया है।
आतंकवाद को पहली बार आपराधिक न्याय प्रणाली में परिभाषित किया
उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार, आतंकवाद को आपराधिक न्याय प्रणाली में परिभाषित किया गया है। नए आपराधिक कानून आतंकवाद के प्रति देश की शून्य सहनशीलता की नीति को और मज़बूत करेंगे।
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उपराज्यपाल ने कहा कि यह नए आपराधिक कानून भारत के न्याय के सामूहिक दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। नए कानूनों का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों की रक्षा और उन्हें सशक्त बनाना है। कमजोर वर्गों, महिलाओं और बच्चों को न्याय प्रणाली की प्राथमिकता बनाने के लिए विशेष ध्यान रखा गया है।
कानूनों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत
उन्होंने नए कानूनों के प्रति छात्रों, अभिभावकों और आम जनता में जागरूकता बढ़ाने और उन्हें शिक्षित करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी नए कानूनों के बारे में समझ विकसित करने और कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक न्याय सुनिश्चित करने के व्यापक उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करेगी।
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उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुलिस को सूचना विभाग, शिक्षा विभाग और विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से नए आपराधिक कानूनों पर जन जागरूकता शिविर आयोजित करना जारी रखने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी स्तरों पर क्षमता निर्माण के महत्व पर भी बल दिया।
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