जम्मू कश्मीर में 9 पर्यटनस्थल होंगे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित, एलजी सिन्हा बोले-आरंभ होगा पर्यटन विकास का नया युग
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घोषणा की है कि जम्मू कश्मीर के 9 पर्यटन स्थलों को गुलमर्ग और पहलगाम की तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित किया जाएगा। हालांकि उन 9 पर्यटन स्थलों का नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है लेकिन अनुमान है कि उनमें बंगस लीपावेली गुरेज केरन अथवटू जैसे गुमनाम स्थल शामिल हो सकते हैं।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। घाटी घूमने आए पर्यटक अब केवल गुलमर्ग पहलगाम जैसे पर्यटनस्थलों का ही आनंद नही उठा सकेंगे बल्कि आने वाले दिनों में वे अंतरराष्ट्रीय स्तर के अन्य पर्यटनस्तलों का भी नजारा कर सकतें हैं। उपराज्यपाल मनोज सिंहा ने हाल ही में आयोजित पर्यटन सचिवों के सम्मेलन में इस बात की घोषणा की।
उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा है कि जम्मू कश्मीर प्रदेश के 9 पर्यटनस्थलों को विकसित कर उन्हें गुलमर्ग व पहलगाम की तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाया जाएगा। हालांकि उन्होंने उन 9 पर्यटन स्थलों का नाम तो सार्वजिनक नहीं किया, अलबत्ता अनुमान लगाया जा रहा है कि उनमें बंगस, लीपावेली, गुरेज, केरन, अथवटू जैसी गुमनामी की चादर ओढ़े पर्यटन स्थल हो सकते हैं। इधर उपराज्यपाल द्वारा की इस घोषणा ने घाटी के लोगों विशेषकर पर्यटनस्थलों के निकटवर्ती इलाकों में रह रहे लोगों में विकास की एक नई रोशनी जगा दी है।
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर प्रदेश विशेषकर घाटी पर्यटन की आपार संभावनाएं हैं। हालांकि यहां के लाखों लोग प्रत्येक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से फर्यटन उद्योग से अपनी आजीविका कमा रहे हैं। यहां की अर्थव्यवस्था में पर्यटन को रीढ़ की हड्डी की हेसियत हासिल है।
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पहलगाम, सोनमर्ग, गुलमर्ग, ट्यूलिप व मुगल गार्डन के अलावा यहां सैकड़ों एेसे पर्यटन स्थल मौजूद है, जो अपनी अद्भूत प्राकृतिक सुंदरता के बावजूद अभी भी पर्यटन मानचित्र पर अपनी जगह नही बना पाए हैं।
यदि यह जगह बना भी पाए हैं तो भी सुविधाओं के अभाव के कारण अधिकांश पर्यटक चाह कर भी इन स्थलों का रुख नहीं कर पाते हैं। हालांकि दो वर्ष पूर्व पर्यटन विभाग ने पर्यटन को विकसित करने तथा गुमाम पर्यटन स्थलों को पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए प्रदेश के लगभग 50 पर्यटन स्थलों को चिन्हित किया था। जिनमें से आधे जम्मू तथा आधे कश्मीर में स्थित है।
अभी तक इन पर्यटन स्थलों को विकसित करने की प्रक्रिया शुरू नही हुई थी। अलबत्ता इस बीच हाल ही में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उपराज्यपाल की अध्यक्षता में हुई पर्यटन सचिवों के सम्मेलन में उपराज्यपाल ने घोषणा की कि चिन्हित किए गए 9 पर्यटन स्थलों जिनमें कुछ जम्मू तो कुछ घाटी में स्थित हैं, को अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटन स्थलों में परिर्वतित किया जाएगा।
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यह स्पष्ट नहीं है कि यह कौन से 9 पर्यटन स्थल हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटन स्थल का खिताब पाएंगे। उपराज्यपाल की इस घोषणा से घाटी के एेसे पर्यटन स्थलों जो अभी तक पर्यटन के मानचित्र पर नहीं आए हैं, कि निकट रहने वाले लोगों में विकास की एक नई उम्मीद जगी है। उपराज्यपाल के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह उनके इलाकों में विकास का एक नया युग शुरू करेंगे।
दूधपथरी के निकटवर्ती इलाके रहयार के निवासी सािरम इकबाल ने कहा,यह बड़ी खुशी की बात है। मैं दुआ कर रहा हूं कि हमारी दूधपथरी उन 9 पर्यटन स्थलों में से एक हो। सारिम ने कहा, बड़गाम जिले में स्थित दूधपथरी को अंतराष्ट्रीय स्तर का टूरिस्ट स्पार्ट बनाने से यहां के दर्जनों इलाके जो हर लिहाज से पिढ़े हुए हैं,को फायदा होगा और यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा।
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