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    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का जम्मू-कश्मीर के युवाओं से आह्वान, 'भाषाई सद्भाव से एकजुट होकर बनाएं विकसित भारत'

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 05:31 PM (IST)

    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने युवाओं से भाषाई सद्भाव के माध्यम से भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का आह्वान किया। उन्होंने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रीनगर में हिंदी पखवाड़ा के दौरान कहा कि हिंदी को विभिन्न भाषाई पृष्ठभूमि के लोगों को जोड़ने का सेतु बनना चाहिए। उन्होंने भाषाई विविधता को भारत की शक्ति बताया।

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    एलजी ने युवाओं को नई भाषाएँ सीखने के लिए प्रेरित किया ताकि वे राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सकें।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को युवाओं से भाषाई सद्भाव द्वारा, भारत को विकसित भारत में रूपांतरित करने के लिए राष्ट्र को एकजुट करने का आह्वान किया।

    हिंदी पखवाड़ा के उपलक्ष्य में आज यहां राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हजरतबल में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हमें एक सोच, एक उद्देश्य व राष्ट्र-निर्माण के प्रति समान भावना के साथ आगे बढ़ना है।

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    उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि हिंदी एक आवश्यक सेतु का काम करते हुए विभिन्न भाषाई पृष्ठभूमि के लोगों को आपस में जोड़े। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भारतीय भाषाओं में एकात्मता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत की भाषाई विविधता, भारत की श्रेष्ठता की प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि अलग-अलग संस्कृति एवं विचारों की विविधताओं के बावजूद पहचान व चेतना के तल पर हम सभी एक हैं।

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    21वीं सदी भारत की सदी है, यह पत्थर की लकीर है

    उपराज्यपाल ने कहा कि शांति और स्थिरता, एकता और साझा लक्ष्यों की भावना के साथ तथा एक सशक्त सामूहिक पहचान को बढ़ावा देते हुए, भारत मजबूत विकास हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी भारत की सदी है। यह पत्थर की लकीर है।

    निरंतर विकास और उत्पादकता ही भारत को एक प्रमुख वैश्विक शक्ति बनाएगी। इसलिए हमें एक सोच, एक उद्देश्य व राष्ट्र-निर्माण के प्रति समान भावना के साथ आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि हिंदी एक आवश्यक सेतु का काम करते हुए विभिन्न भाषाई पृष्ठभूमि के लोगों को आपस में जोड़े।

    उपराज्यपाल ने कहा कि सैंकड़ों भाषाओं और बोलियों के माध्यम से हमारे समाज की विविधता, सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय एकता अभिव्यक्त होती है। हमें सभी भारतीय भाषाओं में निहित एकात्मता को समझना, उन्हे सीखना तथा भाषाई व सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में प्रयास करना है।

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    मेक इन इंडिया एक व्यापक आंदोलन है

    हमारी युवा पीढ़ी को यह समझना होगा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक समान विचारधारा ने भाषाई मतभेदों को पार करते हुए, भाषाई सद्भाव स्थापित किया एवं राष्ट्र को एकजुट किया था।उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया, विकसित भारत, समान विचारधारा और भारत को विकसित भारत में बदलने के एक समान उद्देश्य से संचालित एक व्यापक आंदोलन है।

    हमारे नीति निर्माताओं ने समावेशी विकास पर जोर दिया है और यह सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि विकास का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुँचे। उपराज्यपाल ने युवाओं से कहा कि समाज की आवश्यकताओं को जानना है, उसे समझना है और उसके लिए जीना है।

    नई भाषाएँ सीखने से दृष्टिकोण व्यापक होते हैं

    उन्होंने युवाओं को मातृभाषा के अलावा अन्य भाषाओं को सीखने के लिए प्रेरित किया और कहा कि नई भाषाएँ सीखने से दृष्टिकोण व्यापक होते हैं और नवाचार को बढ़ावा मिलता है। आज सम्पूर्ण विश्व भविष्य की संभावनाओं के लिए भारतवर्ष की तरफ उम्मीद से देख रहा है और भारत उसके लिए आप सभी युवाओं की तरफ देख रहा है।

    किस तरह आप अपने सामर्थ्य, अपने नवाचार, अपने शोध द्वारा आधुनिक विश्व का मार्गदर्शन करेंगे यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि नीतियों के निर्माण से लेकर उनके क्रियान्वयन में आप कितनी सक्रिय जिम्मेदारी निभाते हैं।

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    राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रीनगर की सराहना की

    उपराज्यपाल ने राजभाषा सेल स्थापित करने और हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु अनेक गतिविधियां आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, श्रीनगर की सराहना की। इस अवसर पर, उपराज्यपाल ने विविध भाषाओं के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लेखकों, विद्वानों और शोधकर्ताओं को सम्मानित किया।