लेह हिंसा मामले में बड़ा फैसला, 26 लोगों को मिली जमानत, दर्जनों लोग अभी भी गिरफ्तारी से बच रहे
लेह की एक अदालत ने 24 सितंबर को हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार 26 लोगों को अंतरिम जमानत दे दी है। यह हिंसा लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शनों के दौरान हुई थी जिसमें पुलिस की गोलीबारी में चार नागरिकों की जान चली गई थी। जमानत मिलने के बावजूद कई लोग अभी भी जेल में हैं।

डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। लेह की एक अदालत ने 24 सितंबर को हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए 26 लोगों को अंतरिम जमानत दे दी है। इस हिंसा में लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की गोलीबारी में चार नागरिकों की मौत हो गई थी।
जमानत आदेश के बावजूद, कई अन्य लोग अभी भी जेल में हैं जबकि पुलिस इस अशांति में शामिल होने के आरोपी कई और लोगों की तलाश कर रही है। अदालत के सूत्रों ने बताया कि जमानत पर रिहा हुए 26 लोगों की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर के लिए निर्धारित की गई है।
"अदालत ने व्यक्तिगत याचिकाओं पर विचार करने के बाद जमानत देने के आदेश दिए। हालांकि, मुकदमा और कार्यवाही अभी पूरी नहीं हुई है और आगे और सुनवाई होनी बाकी है।"
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मोबाइल इंटरनेट बंद
वहीं लेह में लगातार नौवें दिन भी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। जिससे निवासियों और व्यापारियों की परेशानी और बढ़ गई है। इस बीच, पुलिस सूत्रों ने पुष्टि की है कि दर्जनों लोग अभी भी गिरफ्तारी से बच रहे हैं। चल रही जांच में कई नाम सामने आए हैं और सुरक्षा एजेंसियां कथित तौर पर उन लोगों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। बताया जा रहा है कि इन लोगों पर हिंसा भड़काने या उसमें भाग लेने का संदेह है।
आपको बता दें कि 24 सितंबर की घटना, जिसमें चार नागरिक, खारनाक के जिग्मेट दोरजे, हनु के रिनचेन दादुल, इगू के स्टैनज़िन नामगेल और स्कर्बुचन के त्सावांग थारचिन पुलिस गोलीबारी में मारे गए थे, ने पूरे लद्दाख में व्यापक आक्रोश और राजनीतिक उथल-पुथल पैदा कर दी है।
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7 दिन बाद खुले लेह बाजारों में उमड़ी भीड़
हिसंक प्रदर्शनों से उपजे हालत में लद्दाख के लेह जिले में ठप्प हो गई व्यापारिक गतिविधियों बुधवार से जोर पकड़ गई। सात दिन के बाद लेह में खुले बाजारों में खरीददारी करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी। हिसंक प्रदर्शनों के दौरान चार लोगों की मौत के बाद वीरवार को लेह में दशहरा नही मनाया जाएगा।
बुधवार को जिला प्रशासन ने लेह के बाजारों को सुबह दस बजे से शाम छह बजे तक खोलने की अनुमति दी थी। जरूरी खरीदारी करने के लिए सुबह से बाजारों में चहल पहल रही। शाम छह बजे के बाद लेह में प्रशासनिक पाबंधियां लगातार लोगों को अपने अपने घरों तक सीमित रहने का आग्रह किया गया।
लेह के मौजूदा सुरक्षा हालात की समीक्षा की
लद्दाख के उपराज्यपाल कविन्द्र गुप्ता ने बुधवार को उच्च स्तरीय बैठक में लेह के मौजूदा सुरक्षा हालात को लेकर प्रदेश प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से विचार विमर्श किया। उन्होंने जोर दिया कि लोगों को अफवाहों में विश्वास न करने के लिए जागरूक किया जाए। उच्च स्तरीय इस बैठक में लद्दाख के मुख्यसचिव डा पवन कोतवाल, लद्दाख पुलिस के महानिदेशक शिवदर्शन सिंह जम्वाल व लेह नागरिक, पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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दशहरे पर भी खुले रहे बाजार
वीरवार को दशहरे के दिन भी लेह के बाजार दिन के समय खुले रहे। अगले कुछ दिनों में जिले में जन जीवन के पहले की तरह से सामान्य हो जाने के आसार हैं। गृह मंत्रालय ने 3 अक्टूबर की शाम तक जिले में इंटरनेट पर रोक लगाई है। फिलहाल जिला प्रशासन कड़ी सर्तकता बरत रहा है।
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