Ladakh में कर्फ्यू के बीच LG Kavinder ने जांची सुरक्षा स्थिति; दोपहर बाद दो और मृतकों का होगा अंतिम संस्कार
लेह में कर्फ्यू छठे दिन भी जारी है स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है। उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक करेंगे। 24 सितंबर को हुई हिंसा में चार लोगों की मौत के बाद तनाव है। मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद हैं और निषेधाज्ञा लागू है। लेह सर्वोच्च निकाय की मांगों को लेकर हुए प्रदर्शनों के बाद कर्फ्यू लगाया गया था जिसमें कई लोग घायल हुए थे।

डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। हिंसा प्रभावित लेह शहर में सोमवार को छठे दिन भी कर्फ्यू जारी रहा। उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए दोपहर को एक बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे।
एक अधिकारी ने कहा, "कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में स्थिति कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रही और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बल बड़ी संख्या में तैनात हैं और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी रख रहे हैं।"
उन्होंने बताया कि उपराज्यपाल कविन्द्र गुप्ता ने स्कर्बुचन निवासी पूर्व सैनिक त्सावांग थारचिन और हनु निवासी रिनचेन दादुल (21) के अंतिम संस्कार के मद्देनजर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए राजभवन में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है।
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इससे पहले दो युवाओं - स्टैनज़िन नामग्याल (24) और जिग्मेट दोरजय (25) - का अंतिम संस्कार रविवार को किया गया। इन चारों की 24 सितंबर को शहर में व्यापक हिंसा के बीच मौत हो गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि लेह शहर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अभी भी बंद रखी गई हैं जबकि कारगिल सहित केंद्र शासित प्रदेश के अन्य प्रमुख हिस्सों में पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाने वाली निषेधाज्ञा भी लागू है।
लेह सर्वोच्च निकाय (एलएबी) द्वारा राज्य का दर्जा और लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग पर केंद्र के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए बुलाए गए बंद के दौरान व्यापक हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद बुधवार शाम लेह शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था। झड़पों में लगभग 80 पुलिसकर्मियों सहित 150 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं।
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दो काउंसलरों सहित 60 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया। इनमें पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक भी शामिल हैं, जिन्हें शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया था और बाद में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद कर दिया गया था।
शनिवार को शहर में चरणबद्ध तरीके से चार घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई और यह ढील शांतिपूर्ण रही।
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