कश्मीर में अवैध कटाई पर प्रशासन का बड़ा एक्शन, वन विभाग के दो अधिकारी निलंबित, आरा मिल भी सील
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कुपवाड़ा में अवैध आरा मशीन चलाने और पेड़ों की अवैध कटाई में शामिल दो वनकर्मियों को निलंबित कर दिया है। इनमें एक ब्लॉक वन अधिकारी भी शामिल है। वन सुरक्षा बल ने एक अभियान में देवदार के छह शहतीर जब्त किए जो अवैध रूप से काटे गए पेड़ों से थे। जांच में ये दोनों वनकर्मी लकड़ी की तस्करी में लिप्त एक नेटवर्क के साथ जुड़े हुए थे।

राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। उत्तरी कश्मीर में पेड़ों की अवैध कटाई में कथित तौर पर संलिप्त दो वनकर्मियों को प्रदेश प्रशासन ने गुरूवार को निलम्बित कर दिया।
इनमें एक ब्लाक वन अधिकारी शामिल है। इन दोनाें की कथित मिलीभगत से ही जंगल के पास ही एक अवैध आरा मशीन भी चल रही थी। उसे भी सील कर दिया गया है।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार, जिला कुपवाड़ा के अंतर्गत हंडवाड़ा में वन सुरक्षा बल (एफपीएफ) ने कुलनगाम इलाके में एक अवैध आरा मिल की खबर मिलते ही 17-18 सितम्बर की मध्यरात्रि को एक अभियान चलाया।
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यह अभियान एफपीएफ के उपनिदेशक मंजूर अहमद और हंदवाड़ा के अतिरक्त उपायुक्त मंजीत सिंह की निगरानी में चलाया गया। एफपीएफ के दल ने आरा मिल में देवदार के छह शहतीर(59 घन फुट लकड़ी)जब्त किए।
यह लकड़ी जिला कुपवाड़ा में कामराज वन डीविजन के कंडी क्षेत्र में नौगाम मावर में अवैध रूप से काटे गए पेड़ों की है।
संबधित अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में ब्लाक वन अधिकारी नजम साकिब और वन रक्षक अब्दुल मजीद को निलंबित कर दिया गया है। यह दोनों ही अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहे हैं।
शुरुआती जांच में पता चला है कि यह दोनों जंगल में पेड़ों की अवैध कटाई और फिर वहां से लकड़ी की तस्करी में लिप्त एक नेटवर्क के साथ तथाकथित तौर पर जुड़े हुए हैं।
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आरा मिल को भी सील किया गया है और वहां रखी गई लकड़ी को भी जब्त किया गया है। इस पूरे नेटवर्क का पता लगाने के लिए आगे की कार्रवाई जारी है। वन विभाग के अनुसार, जांच में पुलिस की भी मदद ली जा रही है।
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