कश्मीर में आपूर्ति संकट: हाईवे बंद होने के कारण उत्पादकों-उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ी, बाजारों में कीमतों में उछाल
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी वाहनों के प्रतिबंध से कश्मीर की आपूर्ति श्रृंखला बाधित है खासकर सेब उत्पादकों के लिए कटाई के मौसम में। सेब से लदे ट्रक फंसे हैं जिससे नुकसान का डर है। घाटी में पेट्रोल की कमी से ज़रूरी वस्तुओं के दाम बढ़ रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार सब्ज़ियों और दूध के दाम तेज़ी से बढ़ रहे हैं।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी वाहनों पर जारी प्रतिबंध के कारण कश्मीर की आपूर्ति श्रृंखला में गंभीर व्यवधान उत्पन्न हो गया है।
यह प्रतिबंध सेब की कटाई के मौसम के चरम पर आया है, जिससे फल उत्पादक चिंतित हैं। यही नहीं कश्मीर घाटी में पेट्रोल की कमी हो गई है जिससे आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई हैं।
राजमार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध के कारण सेब, सब्ज़ियां, पेट्रोलियम उत्पाद और अन्य थोक आपूर्ति ले जाने वाले भारी ट्रक फंसे हुए हैं और उधमपुर से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।
इसके परिणामस्वरूप, बाहरी मंडियों के लिए पैक किए गए सेबों के हज़ारों डिब्बे बिना भेजे पड़े हैं, जिससे उनके खराब होने और कीमतों में गिरावट का डर बढ़ गया है।
यह भी पढ़ें- जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग की बिगड़ती स्थिति पर केंद्रीय मंत्री गडकरी की बैठक, Omar Abdullah भी होंगे शामिल
सबे से लदे ट्रक हाईवे पर फंसे हुए हैं। वहीं उत्पादकों का कहना है कि उन्हें रोज़ाना नुकसान हो रहा है क्योंकि खरीदार परिवहन की गारंटी के बिना ऑर्डर देने से हिचकिचा रहे हैं।
इस प्रतिबंध के कारण घाटी में पेट्रोलियम उत्पादों की भारी कमी हो गई है। श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर के कई पेट्रोल पंपों पर "पेट्रोल नहीं" के बोर्ड लगे हैं। जिन पंपों में अभी भी सीमित स्टॉक है, वहां वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं।
अधिकारी मानते हैं कि पेट्रोल और डीज़ल की आपूर्ति ख़तरनाक रूप से कम हो रही है क्योंकि टैंकर सड़कों से नदारद हैं।
यह कमी पहले से ही घरेलू बजट पर असर डाल रही है। जम्मू के बाहर से आपूर्ति बाधित होने के कारण स्थानीय बाज़ारों में सब्ज़ियों और अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतें तेज़ी से बढ़ने लगी हैं।
यह भी पढ़ें- जम्मू की स्वच्छता में नई जान: अवैध विज्ञापनों को हटाने के लिए निगम की एंटी-डीफेसमेंट ड्राइव का आगाज
व्यापारियों का कहना है कि कुछ इलाकों में एक हफ़्ते के भीतर प्याज, टमाटर और अन्य ज़रूरी चीज़ों के दाम दोगुने हो गए हैं, जबकि दूध और मुर्गी पालन भी महंगा हो रहा है।
वहीं ट्रांसपोर्टरों की शिकायत है कि लंबे समय तक लगे प्रतिबंधों के कारण उनके ट्रक बेकार पड़े हैं और सैकड़ों ट्रक कई दिनों से खड़े हैं।
ट्रांसपोर्टरों ने चेतावनी दी है कि राजमार्ग को तुरंत बहाल नहीं किया गया तो उत्पादकों और उपभोक्ताओं, दोनों को और भी ज़्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
वहीं अधिकारियों ने मंगलवार को सड़क को हुए बड़े नुकसान और चल रहे मरम्मत कार्य का हवाला देते हुए जम्मू से श्रीनगर की ओर जाने वाले केवल हल्के वाहनों के लिए राजमार्ग खुला रखा।
यह भी पढ़ें- मूसलाधार बारिश, बाढ़ के बाद पटरी पर लौटने लगी शिक्षा, जम्मू जिले में खुले 194 सरकारी स्कूल
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।