J&K Weather: चिल्ले कलां ने बढ़ाई भीषण ठंड, सर्दी से लोगों का हाल बेहाल; आने वाले दिनों में और गिरेगा पारा
जम्मू-कश्मीर में चिलेकलां शुरू होने से भीषण ठंड का प्रकोप जारी है। घाटी के सभी इलाके डीप फ्रीजर में तब्दील हो गए हैं। श्रीनगर में न्यूनतम तापमान -6.6 ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता,श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में 40 दिनों का चिल्लेकलां शुरू होने से ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। चिल्लेकलां शुरू होने के चौथे दिन भीषण ठंड ने लोगों का जीना बेहाल कर रखा है। घाटी में तापमान जमाव बिंदु से कई डिग्री तक नीचे जा चुका है। हालांकि अभी भी घाटी में शुष्क मौसम का दौर अभी समाप्त नहीं हुआ है। आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की संभावना है।
पहलगाम घाटी का सबसे ठंडा क्षेत्र
मंगलवार को भी श्रीनगर समेत तमाम स्थानों पर तापमान जमाव बिंदु से कई डिग्री सेल्सियस नीचे बना रहने से डल झील समेत घाटी के तमाम जलस्रोत व पानी के नल आंशिक तौर पर जमे रहे। पहलगाम न्यूनतम तापमान -7.8 डिग्री सेलसियस के साथ घाटी का सब से ठंडा क्षेत्र बना रहा।
आने वाले दिनों में और गिरेगा पारा
जबकि श्रीनगरवासी न्यूनतम तापमान -6.6 डिग्री सेलसियस के साथ भीषण ठंड से जूझते रहे। इधर इस बीच मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में पारे में आर गिरावट आने से भीषण ठंड का प्रकोप और अधिक बढ़ जाने की संभावना जताई है।
चिल्लेकलां शुरू होने से पड़ रही है भीषण ठंड
गौरतलब है कि 21 दिसंबर को घाटी में सर्दियों का सबसे कठिन दौर कहलाने वाले 40 दिवसीय चिलेकलां के पहले दिन ही दिन श्रीनगर में न्यूनतम तापमान -8.5 डिग्री सेलसियस रिकॉर्ड किया गया था। जो न केवल मौजूदा सर्दियों में श्रीनगर का सबसे कम न्यूनतम तापमान था बल्कि बीते 133 वर्षों में यह दूसरी बार था।
जब श्रीनगर में न्यूनतम तापमान -8 डिग्री सेलसियस के पार चला गया हो। बाकी स्थानों पर भी चिलेकलां का दौर शुरू होते ही पारे में भारी गिरावट आई थी। हालांकि चिलेकलां से पूर्व ही घाटी में तापमान जमाव बिंदु से नीचे बने रहने के चलते समूची घाटी कड़ाके की ठंड की चपेट में थी। लेकिन चिलेकलां के शुरू होते ही भीषण ठंड का प्रकोप और अधिक बढ़ गया था।
डल झील समेत जमे रहे अधिकांश जलस्रोत
मौसम विभाग के अनुसार पहलगाम न्यूनतम तापमान -7.8 डिग्री सेलसियस के साथ घाटी का सब से ठंडा क्षेत्र बना रहा। श्रीनगर में न्यूनतम तापमान -6.6,काजीगुंड में -6.2,कुपवाड़ा व कुकरनाग में -6.4 जबकि गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान -7.4 डिग्री सेलसियस रिकॉर्ड किया गया।
तापमान के जमाव बिंदु से नीचे बने रहने के चलते प्रसिद्ध डल झील समेत घाटी के अधिकांश जलस्रोत तथा पानी के नल आंशिक तौर पर जमे रहे जिसके चलते आज भी लोगों को जल संकट से जूझना पड़ा।
आग जला बर्फ पिछला रहे हैं लोग
पानी के नल व टेंकियां जम जाने से आज भी अधिकांश स्थानों पर लोगों को नलों के सामने बल्यू लैंप व आग जलाते देखा गया ताकि नलों व टेंकियों में बर्फ बन चुका पानी पिघल सके। इधर मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों के दौरान घाटी में मौसम के मिजाज शुष्क बने रहने तथा इस बीच भीषण ठंड का प्रकोप लगातार बने रहने की संभावना जताई है।
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मौसम विभाग ने की है ये भविष्यवाणी
बता दें कि विभाग ने इस वर्ष के अंत तक घाटी के मौसम में कोई विशेष परिवर्तन न आने की भी पहले ही भविष्यवाणी कर रखी है। विभागाधिकारियों के अनुसार 31 दिसंबर के भीतर पश्चिमी विक्षोभ के हलके प्रभाव के चलते घाटी के कुछ उच्च पर्वतीय इलाकों में हलकी बर्फबारी व बारिश हो सकती है।
अलबत्ता इस बीच निचले इलाकों में मौसम आमतौर पर शुष्क बना रहेगा। अलबत्ता इस बीच तापमान में और अधिक गिरावट आ भीषण ठंड का प्रकोप और अधिक बढ़ जाने की भी विभागाधिकारियों ने संभावना जताई है।
निचले इलाकों में बर्फ की चादर बिछनी बाकी
सनद रहे कि मौजूदा सर्दियों में घाटी के ऊपरी इलाके तो कई बार बर्फ की चादर ओढ़ चुके हैं। अलबत्ता श्रीनगर समेत अधिकांश निचले इलाकों में बर्फ की चादर अभी बिछनी बाकी है। यहां पर यह बताना भी असंगत नही होगा कि मौसम विशेषज्ञों ने मौजूदा सर्दियों में ला नीना के प्रभाव के चलते समूची घाटी में शिद्दत की ठंड पड़ने की भी भविष्यवाणी कर रखी है।

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