'खोजो और मारो'...आतंकियों के खात्मे में जुटी सेना और पुलिस; जम्मू में चलाया जा रहा व्यापक अभियान
जम्मू संभाग में आतंकियों के खात्मे के लिए पुलिस और सेना एक्शन मोड में है। बीते 15 दिनों में लगभग दो दर्जन से अभियान शुरू किए गए हैं। बता दें कि बीतें कुछ सालों में जम्मू संभाग में आतंकी गतिविधियों में तेजी आई है। कई इलाकों में सर्च ऑपरेशन चल रहे हैं। सेना के पैरा कमांडो दस्ते ड्रोन और खोजी कुत्तों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। प्रदेश में आतंकियों का नया गढ़ बनते जा रहे जम्मू संभाग के सीमावर्ती और पर्वतीय क्षेत्रों में आतंकियों के सफाए के लिए पुलिस ने सेना के साथ मिलकर बीते एक पखवाड़े में लगभग दो दर्जन अभियान शुरू किए हैं।
खोजो और मारो के मूल मंत्र के साथ राजौरी-पुंछ, डोडा-किश्तवाड़, रियासी और ऊधमपुर व कठुआ के ऊपरी इलाकों में चलाए जा रहे इन अभियानों में ड्रोन और खोजी कुत्तों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। सेना के पैरा कमांडो दस्ते की भी मदद ली जा रही है।
जम्मू में आतंकी गतिविधियों में आई है तेजी
उल्लेखनीय है कि जम्मू संभाग में बीते कुछ वर्षों के दौरान आतंकी गतिविधियों में तेजी आई है। आतंकियों ने राजौरी-पुंछ, डोडा-किश्तवाड़, रियासी और ऊधमपुर व कठुआ के ऊपरी इलाकों में सुरक्षाबलों पर कई सनसनीखेज हमले किए हैं।
आतंकियों ने गुरिल्ला युद्ध में पूरी तरह प्रशिक्षित कमांडो की तरह सुरक्षाबलों पर हमला कर भागने और जंगल में गायब होने की रणनीति को अपनाया है। यह आतंकी एम4कार्बाइन समेत अत्याधुनिक हथियारों व अत्याधुनिक संचार उपकरणों से लैस हैं।
राजौरी, पुंछ, डोडा, रामबन, कठुआ, किश्तवाड़ और ऊधमपुर के ऊपरी इलाकों में विगत वर्ष में विभिन्न आतंकी हमलों में 21 सुरक्षाकर्मी बलिदानी हुए हैं और इस दौरान 16 आतंकी मारे गए हैं। रियासी में गत वर्ष आतंकियों ने नौ श्रद्धालुओं की हत्या भी की थी।
40 से 50 बताई जा रही है आतंकियों की संख्या
हालांकि, पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियां जम्मू संभाग में सक्रिय आतंकियों की संख्या को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन विभिन्न स्रोतों के आधार पर इनकी संख्या 45-50 तक बताई जाती है और इनमें से लगभग 30 आतंकी राजौरी-पुंछ-रियासी-माहौर में सक्रिय हैं।
अन्य 15-20 आतंकी कठुआ, उधमपुर, डोडा व किश्तवाड़ में सक्रिय बताए जाते हैं और यह सभी विदेशी ही हैं। बीते वर्ष आतंकियों ने डोडा में ग्राम रक्षा समूह के तीन सदस्यों की हत्या भी की।
बीते 4 साल में राजौरी-पुंछ में 47 सुरक्षाकर्मी बलिदान
राजौरी-पुंछ,रियासी, डोडा,किश्तवाड़ के अलावा उधमपुर और कठुआ के ऊपरी इलाके वर्ष 2019 से पहले लगभग आतंकवाद मुक्त हो चुके थे। इसके बाद इन क्षेत्रों में आतंकियों ने अपनी गतिविधियों को धीरे धीरे बढ़ाया।
राजौरी-पुंछ में बीते चार वर्ष के दौरान 47 सुरक्षाकर्मी बलिदानी हुए हैं और 48 आतंकी मारे गए हैं। कठुआ के बिलावर के ऊपरी क्षेत्र में पांच सैन्यकर्मी एक आतंकी हमले में बलिदानी हुए थे। डोडा में सात सुरक्षाकमर्मी बलिदानी हुए हैं।
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इन इलाकों में चलाए जा रहे हैं अभियान
संबधित अधिकारियों ने बताया कि राजौरी-पुंछ, रामबन, रियासी, डोडा, ऊधमपुर, कठुआ और किश्तवाड़ में बीते एक पखवाड़े से आतंकरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं। सुरक्षाबल इन इलाकों में स्थित सभी प्राकृतिक गुफाओं, नालों और जंगलों की तलाशी ले रहे हैं।
इसके अलावा गुज्जर-बक्करवाल समुदाय द्वारा सर्दियों के दौरान खाली किए गए ढोक भी खंगाले जा रहे हैं। इन इलाकों में आतंकियों के पुराने गाइडों और ओवरग्राउंड वर्करों पर भी लगातार निगाह रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबल उन सभी इलाकों की घेराबंदी लगातार तंग करते जा रहे हैं, जहां आतंकियो के छिपे होने की आशंका हैं।
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