'PM मोदी और शाह चुनाव में व्यस्त थे, मगर अब करेंगे बात', Article 370 की बहाली के मुद्दे पर बोले CM उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा उठाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री महाराष्ट्र और झारखंड में चुनावों में व्यस्त थे लेकिन अब उनके पास समय है इसलिए इस मुद्दे को उठाया जाएगा ताकि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा जल्द ही बहाल किया जा सके।

पीटीआई, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा उठाएंगे।
अब्दुल्ला ने यहां एसकेआईएमएस अस्पताल के 42वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह में भाग लेने के बाद प्रेसकर्मियों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री महाराष्ट्र और झारखंड में चुनावों में व्यस्त थे। लेकिन अब उनके पास समय है, इसलिए इस मुद्दे को उठाया जाएगा ताकि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा जल्द ही बहाल किया जा सके।
'राज्य का दर्जा वापस लेना प्राथमिकता'
नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के निधन के तीन महीने से भी कम समय बाद सन् 1982 में इसी दिन उनकी जयंती पर तृतीयक देखभाल अस्पताल की नींव रखी गई थी।
यह पूछे जाने पर कि क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक की जयंती पर छुट्टी बहाल की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कई चीजें वापस लाने की जरूरत है, लेकिन प्राथमिकता पहले इसका राज्य का दर्जा बहाल करना है।
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अब्दुल्ला ने कहा कि कई अन्य तिथियां भी हैं, लेकिन हमें एक बड़ी लड़ाई लड़नी है। हमें जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लड़ना है। हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री हमसे नहीं, बल्कि लोकसभा चुनाव और उसके बाद विधानसभा चुनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर के लोगों से किए गए अपने वादे को पूरा करेंगे।
'चुनाव में लोगों ने जमकर लिया भाग'
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनावों में लोगों की भारी भागीदारी देखी गई। लोगों को जबरन बूथों पर ले जाने की कोई शिकायत नहीं थी। बल्कि, वे खुद गए और इस उम्मीद के साथ चुनावों को बड़ी सफलता दिलाई कि उनसे किए गए वादे, खासकर जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के वादे पूरे होंगे।
एसकेआईएमएस अस्पताल के महत्व पर अब्दुल्ला ने कहा कि इसे इसलिए बनाया गया था ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को पीजीआई या एम्स जैसे अन्य तृतीयक देखभाल संस्थानों में जाने की जरूरत महसूस न हो। अब्दुल्ला ने कहा कि इस अस्पताल ने जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा की है। फिर भी इसमें कुछ कमजोरियां और खामियां हैं। एसकेआईएमएस की स्वायत्तता और इसके इंजीनियरिंग विंग को बहाल किया जाना चाहिए।
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