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    जम्मू-कश्मीर में 91 सरकारी वेबसाइटें आधिकारिक तौर पर बंद, JaKeGA ने बताया इस वजह से पोर्टल चालू नहीं

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 05:05 PM (IST)

    जम्मू कश्मीर सरकार ने खुलासा किया है कि 91 आधिकारिक वेबसाइटें बंद हैं जिससे लोगों को सरकारी सेवाओं तक पहुंचने में परेशानी हो रही है। जम्मू और कश्मीर ई-गवर्नेंस एजेंसी के अनुसार सुरक्षित होस्ट प्रमाणपत्र न मिलने के कारण ये वेबसाइटें बंद हैं क्योंकि संबंधित विभागों ने अनिवार्य सुरक्षा ऑडिट नहीं कराया।

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    सैयद आदिल ने वेबसाइटों को बहाल करने में सरकार की विफलता की आलोचना की है।

    डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर सरकार ने एक चौकाने वाला खुलासा किया है। प्रदेश प्रशासन की 91 आधिकारिक वेबसाइट बंद हैं, जिससे पूरे केंद्र शासित प्रदेश में जरूरी सेवाओं तक लोगों की पहुंच प्रभावित हो रही है। उन्हें कई सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में काफी परेशानी हो रही है।

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    जम्मू और कश्मीर ई-गवर्नेंस एजेंसी (JaKeGA) ने मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के सैयद आदिल द्वारा दायर सूचना के अधिकार (RTI) आवेदन के जवाब में यह पुष्टि हुई है कि 'सुरक्षित होस्ट' प्रमाणपत्र न मिलने के कारण ये वेबसाइटें बंद हैं।

    एजेंसी के अनुसार, संबंधित विभागों द्वारा अनिवार्य सुरक्षा ऑडिट न करने के कारण ये वेबसाइटें बंद कर दी गईं।

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    इसमें आगे कहा गया है कि ये ऑडिट अब CERT-In पैनल वाली एजेंसियों के माध्यम से किए जा रहे हैं। जेकेजीए के प्रशासनिक अधिकारी, जो आरटीआई अधिनियम के तहत इसके जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) भी हैं, ने जवाब में कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य डेटा केंद्र द्वारा पहले से होस्ट की जा रही और 'होस्ट करने के लिए सुरक्षित' प्रमाणपत्र से वंचित वेबसाइटों का ऑडिट जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा नियुक्त तृतीय-पक्ष ऑडिटर, मेसर्स ग्रांट थॉर्नटन द्वारा किया जा रहा है।"

    यह पूछे जाने पर कि क्या सेवा निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए कोई अस्थायी या वैकल्पिक व्यवस्था की गई है, जेकेजीए ने यह कहते हुए सवाल टाल दिया कि इस संबंध में जानकारी संबंधित विभागों द्वारा प्रदान की जा सकती है।" ये वेबसाइटें मई के पहले सप्ताह से ही बंद हैं।

    सैयद आदिल ने इन वेबसाइटों को बहाल करने में सरकार की विफलता की आलोचना की। उन्होंने कहा कि आधिकारिक तौर पर यह खुलासा हुआ है कि 91 वेबसाइटें बंद हैं, लेकिन वास्तविक संख्या लगभग 150 से अधिक हो सकती है।"

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    "इन वेबसाइटों को बहाल करने के लिए सरकार की ओर से बहुत कम अनुवर्ती कार्रवाई की गई है, जो गंभीरता की कमी को दर्शाता है।"