Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Pahalgam Attack: LG मनोज सिन्हा ने माना पहलगाम हमला सुरक्षा में भारी चूक, बोले- 'मैं पूरी जिम्मेदारी लेता हूं'

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 02:54 PM (IST)

    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहलगाम हमले की ज़िम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित था जिसका उद्देश्य कश्मीर की अर्थव्यवस्था को बाधित करना और सांप्रदायिक तनाव फैलाना था। उन्होंने सुरक्षा चूक को स्वीकार किया और आतंकवाद का मुकाबला करने की सरकार की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया। सिन्हा ने कहा हमले का उद्देश्य कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र को कमजोर करना था लेकिन अमरनाथ यात्रा से स्थिति में सुधार होगा।

    Hero Image
    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्थानीय आतंकवादी भर्ती में कमी की भी जानकारी दी।

    डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहलगाम हमले की ज़िम्मेदारी लेते हुए इसे कश्मीर की अर्थव्यवस्था को बाधित करने और सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित कार्रवाई बताया। सुरक्षा चूक को स्वीकार करते हुए एलजी मनोज सिन्हा ने स्थानीय आतंकवादी भर्ती में कमी को रेखांकित किया और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सिन्हा ने पहलगाम हमले के बाद पर्यटन गतिविधियों को हुए अस्थायी झटके का ज़िक्र करते हुए इस बात का यकीन भी दिलाया कि चल रही अमरनाथ यात्रा एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगी। एक अंग्रेजी समाचार पत्र को दिए गए साक्षात्कार में सिन्हा ने इस हमले को पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवादी कृत्य बताया। उनका कहना था कि इसका उद्देश्य कश्मीर में सांप्रदायिक तनाव फैलाना और क्षेत्र की आर्थिक प्रगति को पटरी से उतारना था।

    सिन्हा ने कहा, "मैं इस घटना की पूरी ज़िम्मेदारी लेता हूँ, जो निस्संदेह एक सुरक्षा विफलता थी।" यह हमला भारत की एकता को निशाना बनाने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास था, लेकिन इसे इस बात के सबूत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए कि केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद फिर से पनप रहा है।

    यह भी पढ़ें- किसी ने जताई सहानुभूति तो कोई बता रहा उमर का सियासी स्टंट, आम कश्मीरियों की तीव्र प्रतिक्रिया, कहा- चुनावी वादों पर ध्यान दें

    "पड़ोसी (पाकिस्तान) का इरादा सांप्रदायिक विभाजन पैदा करना और देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ प्रतिक्रिया भड़काना था ताकि इससे अलगाव की भावना बढ़े।"

    सिन्हा ने बताया कि हमले का समय और स्थान कश्मीर के तेजी से बढ़ते पर्यटन क्षेत्र और समग्र आर्थिक पुनरुद्धार को कमजोर करने के उद्देश्य से चुना गया था। "पिछले पाँच वर्षों में जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था का आकार दोगुना हो गया है।

    पर्यटक बड़ी संख्या में आ रहे हैं। यह कश्मीर की आर्थिक स्थिति पर पाकिस्तान का प्रहार है।" यही नहीं आम कश्मीरियों द्वारा की गई पहलगाम हमले की व्यापक निंदा "पाकिस्तान और आतंकवादी संगठनों को करारा जवाब" है।

    यह पूछे जाने पर कि क्या हमले में स्थानीय आतंकवादियों की भागीदारी सुरक्षा बलों के लिए एक नई चुनौती बन गई है, इस पर सिन्हा ने कहा कि स्थानीय आतंकवादियों की भर्ती रिकॉर्ड काफी तेजी से नीचे आ गया है।

    उन्होंने कहा, "इस साल स्थानीय आतंकवादियों की भर्ती की सिर्फ़ एक घटना हुई है जबकि पिछले साल यह संख्या 6-7 थी। एक समय था जब यह आंकड़ा 150-200 हुआ करता था। लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर दोनों क्षेत्रों में बड़ी संख्या में आतंकवादियों की घुसपैठ में मदद की है।"

    यह भी पढ़ें- कूड़ा बीनने के नाम पर करते थे रेकी, पुलिस ने 72 घंटे में पकड़ा अंतरराज्यीय चोर गिरोह, तीन महिलाएं भी शामिल

    पहलगाम हमले ने पर्यटन को अस्थायी रूप से झटका दिया, जिसके तुरंत बाद पर्यटकों का आना कम हो गया। सिन्हा ने कहा, "घटना के बाद पर्यटकों का आना लगभग बंद हो गया था। हमारा मानना था कि अमरनाथ यात्रा एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगी।"

    उपराज्यपाल ने पुष्टि की कि हमले के बाद बंद हुए पर्यटन स्थल धीरे-धीरे फिर से खुल गए हैं। "कई पहले ही खुल चुके हैं। अन्य पर्यटन स्थल भी एक मज़बूत सुरक्षा योजना को अंतिम रूप देने के बाद चरणबद्ध तरीके से खोले जाएंगे।

    व्यापक सुरक्षा परिदृश्य पर विचार करते हुए एल मनोज सिन्हा ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने पाकिस्तान के लिए स्पष्ट सीमा रेखाएं खींच दी हैं। "भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी आतंकवादी हमले को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। जिस तरह से हमारी सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए, उससे एक कड़ा संदेश गया है।

    यह भी पढ़ें- जम्मू के लोगों के लिए जरूरी खबर, जल्द से कर लें ये काम नहीं तो जब्त हो जाएंगे वाहन; चेतावनी जारी

    लेकिन जिस देश ने आतंकवाद को अपनी घोषित राजकीय नीति बना लिया है, उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता।" चुनौतियों के बावजूद, सिन्हा ने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और खुफिया एजेंसियाँ भविष्य के किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।