श्रीनगर-जम्मू हाईवे के बंद रहने से फल व्यापारियों को झटका, अब तक 200 करोड़ से अधिक का हो चुका नुकसान
श्रीनगर-जम्मू हाईवे के बंद होने से कश्मीर की फल अर्थव्यवस्था को 200 करोड़ रुपये से ज़्यादा का नुकसान हुआ है। सैकड़ों ट्रक फंसे हैं जिससे फल सड़ रहे हैं। सोपोर मंडी बंद है। फल उत्पादक संघ के अध्यक्ष ने नुकसान बढ़ने की आशंका जताई है। नाशपाती और सेब की फसलें सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहने से कश्मीर की फल अर्थव्यवस्था 200 करोड़ रुपये से ज़्यादा के नुकसान के साथ चरमरा गई है। सैकड़ों ट्रक फंसे हुए हैं और जल्दी खराब होने वाली खेपें सड़क पर सड़ रही हैं। इस स्थिति के कारण एशिया की दूसरी सबसे बड़ी फल मंडी सोपोर को दो दिनों के लिए अपना कामकाज स्थगित करना पड़ा है।
कश्मीर फल उत्पादक और विक्रेता संघ के अध्यक्ष, फ़याज़ अहमद मलिक, उर्फ़ काका जी, ने कहा कि फलों से लदे सैकड़ों ट्रक राजमार्ग पर फंसे हुए हैं। हमें पहले ही 200 करोड़ रुपये से ज़्यादा का नुकसान हो चुका है। उन्होंने कहा,अगर राजमार्ग नहीं खुला, तो यह 400 करोड़ रुपये तक पहुँच सकता है ।
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हमने और नुकसान से बचने के लिए मंगलवार और बुधवार को सभी व्यापारिक गतिविधियाँ रोकने का फैसला किया है। हम और खेपों को बर्बाद होने नहीं दे सकते। मलिक ने कहा कि जल्दी खराब होने वाली उपज, खासकर बागोगोशा नाशपाती और गाला सेब को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है।
उत्पादकों से पहले ही की गई थी अपील
हमने पहले ही उत्पादकों से अपील की थी कि स्थिति में सुधार होने तक कटाई और पैकिंग बंद कर दें। दुर्भाग्य से, फंसा हुआ स्टॉक तेज़ी से खराब हो रहा है। घाटी भर के उत्पादक निराश हैं। सोपोर के एक उत्पादक फैयाज़ अहमद ने कहा, ऐसा लग रहा है जैसे 2022 फिर से आ गया है। उस समय हमें भारी नुकसान हुआ था और आज हम उससे भी बड़ी आपदा का सामना कर रहे हैं।
600 रुपये में बिकने वाला डिब्बा 400 में बिक रहा
रफियाबाद के एक उत्पादक अब्दुल राशिद ने कहा, जो पहले 600 रुपये प्रति डिब्बा बिकता था, अब घटकर 400 रुपये रह गया है। उन्होंने कहा कि अगर अधिकारियों ने तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया तो उद्योग चौपट हो जाएगा। रऊफ सोफी नामक एक और फल उत्पादक ने कहा,जब से राजमार्ग बंद हुआ है,तब से हमारी नींदें उड़ गई है। सोफी ने कहा,यह सड़क हमार जीवन रेखा है। इसका बंद होना मानो हमारी सांस बंद हो जाना है। हालांकि, अधिकारियों ने मुगल रोड से वाहनों की आंशिक आवाजाही की अनुमति दे दी है।
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10 टायर वाले वाहनों की मांग रहे अनुमति
मंडी अध्यक्ष ने कहा, छह टायर वाले ट्रकों को आवाजाही की अनुमति दी गई है, लेकिन हम 10 टायर वाले वाहनों के लिए भी अनुमति मांग रहे हैं। तभी फंसे हुए माल को निकाला जा सकेगा। "व्यापारियों और उत्पादकों ने संयुक्त रूप से सरकार से फलों के ट्रकों की आवाजाही को प्राथमिकता देने की अपील की है। साथ ही, चेतावनी दी है कि लंबे समय तक व्यवधान इस क्षेत्र को तबाह कर देगा जो घाटी में लाखों परिवारों का भरण-पोषण करता है। उत्पादकों ने कहा, कश्मीर की अर्थव्यवस्था बागवानी पर आधारित है। अगर यह राजमार्ग बंद रहा, तो हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ टूट जाएगी।
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