Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जम्मू-कश्मीर के कई भागों में अगले 24 घंटों में भारी बारिश की संभावना, कल भी बंद रहेंगे स्कूल, प्रशासन सतर्क

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 07:06 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने भारी बारिश की चेतावनी के बाद आपदा प्रबंधन की तैयारी की है। लोगों को नदी-नालों से दूर रहने और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से बचने की सलाह दी गई है। सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष सक्रिय हैं और हेल्पलाइनें शुरू की गई हैं। झेलम चिनाब समेत सभी नदियों के जलस्तर पर निगरानी रखी जा रही है। निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

    Hero Image
    स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है और यात्रियों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

    राज्य ब्यूरो,जागरण, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर प्रदेश प्रशासन ने अगले चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश के विभिन्न भागों में मूसलधार बारिश की संभावना को देखते हुए संबधित प्रशासन को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके साथ ही लोगों से कहा गया है कि वह नदी-नालों के नजदीक न जाएं और भूस्खलन की दृष्टि संवेदनशील इलाकों में जाने से बचें। सभी जिलों में आपदा नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिए गए हैं और किसी भी आपात स्थिति में जनता की मदद के लिए जिला स्तर पर हैल्पलाइन सेवाएं भी शुरु कर दी गई हैं।

    झेलम, चिनाब, तवी, उज्ज, वैश्यु समेत सभी प्रमुख नदी-नालों के जल प्रवाह की भी लगातार निगरानी की जा रही है। बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील नीचले इलाकों से कई लाेगों को कथित तौर पर सुरक्षित जगहों पर भी भेजा गया है।

    यह भी पढ़ें- लेह में बॉलीवुड फिल्म धुरंधर की शूटिंग के दौरान फूड पॉइजनिंग, 116 क्रू मेंबर्स अस्पताल में भर्ती; पेट-सिर में तेज दर्द की शिकायत

    जम्मू प्रांत के स्कूलों में 19 अगस्त को भी अवकाश घोषित

    दक्षिण कश्मीर को जम्मू प्रांत के साथ जोड़ने वाले सड़क मार्ग मरगन-सिंथनटाप को भी मौसम के साफ होने तक आम वाहनेां की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। जम्मू प्रांत में स्कूलों में 19 अगस्त को भी अवकाश घोषित कर दिया गया है।

    आपको जानकारी हो कि मौसम विभाग ने 18-19 अगस्त को प्रदेश लगभग सभी जिलों में तेज बारिश और कहीं कहीं हल्की बारिश की संभावना जताई है। गत गुरूवार को किश्तवाड़ और उसके बाद गत रविवार को जिला कठुआ में बादल फटने से आई तेज बाढ़ से हुई जान-माल की क्षति को देखते हुए प्रशासन किसी भी तरह की चूक से बचने का प्रयास करते हुए किसी भी प्राकृतिक आपदा के जोखिम को न्यूनतम बनाने का प्रयास कर रहा है।

    बचाव या राहत कार्यों में कोई देरी न हो

    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी प्रशासन को पूर्वानुमान को अत्यंत गंभीरता से लेने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि बचाव या राहत कार्यों में कोई देरी न हो।सरकार लोगों की जान बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी विभागों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।

    यह भी पढ़ें- Cervical Cancer से बचाव के लिए अब निशुल्क टीकाकरण, जानें कब और कैसे मिलेगी यह सुविधा

    मौसम विभाग ने भी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बादल फटना, निचले इलाकों में अचानक बाढ़, पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग, बटोत-डोडा-किश्तवाड़ और जम्मू-राजौरी-पुंछ राजमार्ग के संवेदनशील हिस्सों पर बारिश के दौरान पहाड़ों से चट्टानों के खिसकने की चेतावनी जारी है।

    प्रदेश सरकार ने जिला प्रशासन को सतर्क रहने को कहा

    प्रदेश आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों, पुलिस, संबधित प्रशासनि अधिकारियों और इंजीनियरों के साथ साथ संबधित कर्मचारियों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने का निर्देश दिया है।

    सभी जिला अधिकारियों को राहत शिविरों की तैयारी सुनिश्चित करने और संवेदनशील क्षेत्रों में दवाइयां, खाद्य सामग्री और पेयजल जैसी आवश्यक आपूर्ति का भंडारण करने के लिए कहा गया है। सरकार ने पुलिस और एसडीआरएफ तत्कालिक परिस्थितियों के आधार पर किसी भी क्षेत्र से नागरिकों को सुरक्षित निकालने, उन्हें राहत शिविरों तक पहुंचाने और भीड़ प्रबंधन के लिए सभी तैयार करने को कहा है।

    यह भी पढ़ें- मध्य कश्मीर में पिकनिक जा रही स्कूली बस गैस सिलेंडर से भरे ट्रक से भिड़ी, 6 छात्रों समेत सात घायल

    नदियों, नहरों पर चौबीसों घंटे निगरानी रखने के निर्देश

    सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग को नदियों, नहरों और जलाशयों पर चौबीसों घंटे निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है। इंजीनियरों को जलस्तर की बारीकी से निगरानी करने और जिला प्रशासन के साथ वास्तविक समय की जानकारी साझा करने को कहा गया है। यदि जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बढ़ता है, तो आपातकालीन प्रतिक्रिया दल तैनात किए जाएंगे।

    प्रशासन ने यात्रियों, पर्यटकों और परिवहनकर्ताओं को भारी वर्षा के दौरान पहाड़ी सड़कों से बचते हुए, सावधानीपूर्वक यात्रा की योजना बनाने की सख्त चेतावनी दी गई है। एक पहाड़ी इलाकों में ट्रेकिंग या यात्रा करने वालों को पूरी सावधानी बरतने और मौसम से संबधित सलाह के अनुपालन का निर्देश दिया गया है।

    यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में वनों के कटाव-जलवायु परिवर्तन से आसमां से बरस रही आपदा, एक सप्ताह में 4 बार फटे बादल

    पर्यटकों को मौसम अपडेट देने के भी निर्देश

    टूर आपरेटरों और होटल व्यवसायियों को पर्यटकों को मौसम संबंधी जोखिमों के बारे में सूचित करने और सुरक्षा प्रोटोकाल सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।भूस्खलन, अचानक बाढ़ या मकान गिरने की स्थिति में, जनता से तुरंत निकटतम पुलिस स्टेशन, तहसील कार्यालय या आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष को सूचित करने के लिए कहा गया है।