Ready to Eat खाने को लेकर अलर्ट! सिंथेटिक रंगों का इस्तेमाल किया तो खैर नहीं
कश्मीर में रेडी-टू-ईट खाद्य पदार्थों में सिंथेटिक रंगों के इस्तेमाल पर सरकार ने चेतावनी जारी की है। वाजवान बिरयानी और अचार जैसे खाद्य पदार्थों में प्रतिबंधित रंगों की मौजूदगी पाई गई है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। उल्लंघन करने पर जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान है। खाद्य व्यापारियों को सिंथेटिक रंगों का उपयोग न करने की सलाह दी गई है।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। कश्मीर घाटी में सड़े गले मांस की बरमादगी से मचे हडकंप के बीच जम्मू-कश्मीर सरकार ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर रेडी-टू-ईट खाद्य पदार्थों, जैसे वाजवान व्यंजन, बिरयानी, अचार सहित अन्य मांस-आधारित व्यंजनों में प्रतिबंधित सिंथेटिक खाद्य रंगों के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी है।
अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि ऐसे रंगों की मौजूदगी जन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है। सार्वजनिक नोटिस के अनुसार, राष्ट्रीय खाद्य प्रयोगशाला, गाजियाबाद की हालिया विश्लेषणात्मक रिपोर्टों से पता चलता है कि तैयार खाद्य पदार्थों जैसे कबाब, बिरयानी, अचार और चिकन टिक्का सहित कुछ अन्य नमूनों में कार्मोइसिन, टार्ट्राज़िन और एरिथ्रोसिन जैसे सिंथेटिक खाद्य रंगों की मौजूदगी पाई गई।
इसमें कहा गया है कि "खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) विनियम, 2011 के विनियमन 3.1.2 और परिशिष्ट ए के अनुसार, वाज़वान, बिरयानी, अचार और अन्य मांस-आधारित तैयार-खानों में सिंथेटिक खाद्य रंगों का उपयोग वर्जित है। ऐसे प्रतिबंधित सिंथेटिक रंगों की उपस्थिति सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है।
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खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की धारा 59 के अनुसार, इस तरह के उल्लंघन दंडनीय हैं। इसमें दोषी को एक अवधि के लिए कारावास का भी प्रावधान हैं, जो तीन महीने तक बढ़ सकता है। इसके अलावा जुर्माना भी हो सकता है जो 3,00,000 (तीन लाख) तक बढ़ सकता है।
नोटिस में सलाह दी गई कि सभी खाद्य व्यापार संचालक (एफबीओ) जो रेडी-टू-ईट खाद्य पदार्थों, विशेष रूप से मांस आधारित उत्पादों जैसे कबाब, वाज़वान, बिरयानी, चिकन टिक्का, अचार आदि के निर्माण, तैयारी, प्रसंस्करण, बिक्री या सेवा में लगे हैं, वे किसी भी तैयार खाद्य पदार्थ में सिंथेटिक खाद्य रंगों का उपयोग न करें।
यह नोटिस जन स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के हित में जारी किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि सभी हितधारकों से सहयोग की अपेक्षा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उपभोक्ताओं तक केवल सुरक्षित और पौष्टिक भोजन ही पहुँचे। उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे बाजार में बिकने वाले रेडी टू ईद पदार्थों का गहनता से जांच करने के बाद ही इस्तेमाल करें।
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