ईद-ए-मिलाद उन नबी के अवकाश पर कश्मीर में शुरू हुआ विवाद, जानें क्यों मजहबी नेताओं ने प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लिया
जम्मू-कश्मीर में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के अवकाश को लेकर विवाद हो गया। महाप्रशासनिक विभाग द्वारा स्पष्ट आदेश जारी न होने पर मजहबी नेताओं ने सरकार की आलोचना की है। उनका कहना है कि यह मुस्लिम भावनाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि त्यौहार सरकारी फाइलें नहीं बल्कि लोग तय करेंगे। वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष ने कहा कि पूरे देश में अवकाश है राजनीति नहीं होनी चाहिए।

नवीन नवाज, जागरण, श्रीनगर। बाढ़ की त्रासदी से जूझ रहे जम्मू कश्मीर में ईद-ए-मिलाद उन नबी का पवित्र पर्व भी राजनीति का शिकार हो गया है। ईद मनाने पर कोई पाबंदी नहीं है,लेकिन अवकाश को लेकर महाप्रशासनिक विभाग द्वारा कोई स्पष्ट आदेश जारी न किए जाने के कारण।
मजहबी नेताओं ने प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लेते हुए इसे मुस्लिम भावनाओं को ठेस पहुंचाने का एक कुत्सित प्रयास बताया है जबकि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने बिना उपराज्यपाल का नाम लिए बगैर कहा कि हमारे त्यौहार कौन तय करेगा, हमारी मान्यताएं और लोग या फिर सरकारी फाइले। जम्मू कश्मीर मुस्लिम वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष डाॅ द्रख्शां अंद्राबी ने अवकाश के विवाद को अनावश्यक बताते हुए कहा कि पूरे देश में आज अवकाश है।
महाप्रशासनिक विभाग जिसे राजस्व विभाग ने अवकाश में बदलाव का आग्रह किया था, ने भी स्पष्ट किया है कि अवकाश आज यानि पांच सितंबर 2025, शुक्रवार के लिए पहले से ही घोषित था।
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पांच सितंबर के लिए सरकारी कैलेंडर में अधिसूचित था अवकाश
ईद-ए-मिलाद उन नबी का अवकाश पांच सितंबर के लिए सरकारी कैलेंडर में अधिसूचित है और इसके साथ ही चांद देखे जाने के आधार पर इसमें बदलाव के लिए कहा गया है। जम्मू कश्मीर राजस्व विभाग ने पहली सितंबर 2025 को महाप्रशासनिक विभाग को लिखित तौर पर आग्रह किया था कि मुस्लिम समुदाय से संबधित सभी त्यौहार चांद निकलने के आधार पर तय होते हें।इसलिए इस वर्ष ईद ए मिलाद उन नबी के पर्व का अवकाश जो पहले पांच सितंबर 2025 शु्क्रवार के लिए अधिसूचित है, एक दिन आगे बढाकर उसे छह सितंबर 2025 शनिवार के दिन के लिए कर दिया जाए। अलबत्ता,महाप्रशासनिक विभाग ने इस पत्र पर काेई जवाब नहीं दिया था।
अवकाश को लेकर मुस्लिम समुदाय में बना रहा असमंजस
पूरे प्रदेश में शुक्रवार को ईद के अवकाश को लेकर लोगों में विशेषकर मुस्लिम समुदाय में असमंजस बना रहा है। जम्मू कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम मुफ्ती नासिर उल इस्लाम ने कहा कि यह सरकार की विफलता और उदासीनता है। ईद का अवकाश तो चांद देखे जाने के आधार पर तय किया जाता है। उन्होंने कहा कि चांद के आधार पर ईद ए मिलाद उन नबी पांच सितंबर शुक्रवार के बजाय छह सितंबर शनिवार को है और अवकाश भी शनिवार को होना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं किया गया जो हमारे एक पवित्र दिन, जो इस्लाम को मानने वालों के लिए बहुत बड़ा दिन है, के प्रति स्थानीय प्रशासन का नकारात्मक रवैया दर्शाता है। यह गलती किस स्तर पर हुई है,इसकी जांच होनी चाहिए और भविष्य में इससे बचने के लिए सरकार को आवश्यक उपाय करने चाहिए।
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मौलवी उमर फारूक ने भी की सरकार की आलोचना
कश्मीर के प्रमुख मजहबी नेता मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने भी ईद-ए-मिलाद उन नबी के अवकाश को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं पर आघात है। यह जानबूझकर की गई एक गलती है, जो जम्मू कश्मीर के मुस्लिमों के लिए अस्वीकार्य है। हम इसका विरोध करते हैं। उन्होंने कहा निर्वाचित सरकार जिसे जम्मू कश्मीर की जनता ने चुना है,जम्मू कश्मीर के लोगों के हक के लिए,उनके अधिकारों के लिए खड़े होने में विफल रही है।
पीडीपी नेता मंसूर, मंत्री इट्टू इसे भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताया
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता पीरजादा मंसूर ने कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनकी सरकार क्या कर रही है?क्या वह इतने असहाय हैं कि अब कश्मीर में मुस्लिमो के त्यौहार व अवकाश भी तय नहीं कर सकते। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू ने कहा कि यह अत्यंत आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि निर्वाचित सरकार के बार-बार आग्रह के बावजूद अवकाश की तिथि और दिन में बदलाव नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यहां लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। हमारे त्यौहार हमारी मान्यताएं और हमारे लोग तय करेंगे या फिर सरकारी फाइलें?
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अंद्राबी ने कहा पर्व पर राजनीति नहीं
जम्मू कश्मीर मुस्लिम वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष द्रख्शां अंद्राबी ने कहा कि आज पूरे देश में ईद-ए-मिलाद उन नबी का अवकाश है और यहां भी है। इसमें कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। सभी लोग ईद-ए-मिलाद उन नबी मना रहे हैं। इस बीच, महाप्रशासनिक विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि आज यानि शुक्रवार पांच सितंबर को ही पूरे प्रदेश में ईद ए मिलाद उन नबी के उपलक्ष्य में सरकारी अवकाश है। इस विषय में पहले ही अधिसूचना जारी है। उन्होंने राजस्व विभाग द्वारा अवकाश मे बदलाव के लिखित आग्रह पर अपनी अनभिज्ञता प्रकट की है।
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