Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'जम्मू-कश्मीर की स्थिति सुधारने पर रहा फोकस', CM उमर अब्दुल्ला ने अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ में बांधे पुलिंदे

    By Agency Edited By: Prince Sharma
    Updated: Tue, 05 Nov 2024 04:32 PM (IST)

    Jammu Kashmir News जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने कहा कि अगर भाजपा ने अटल बिहारी वाजपेयी के दृष्टिकोण को अपनाया होता तो जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति अलग होती। उन्होंने वाजपेयी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा जम्मू-कश्मीर की स्थिति सुधारने की कोशिश की और बातचीत को एकमात्र रास्ता बताया। वाजपेयी ने पड़ोसी देशों के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया।

    Hero Image
    जम्मू-कश्मीर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने की पूर्व प्रधानमंत्री की तारीफ (जागरण फोटो)

    पीटीआई, श्रीनगर। Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि यदि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दृष्टिकोण को अपनाया होता तो जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति ऐसी नहीं होती।

    जम्मू-कश्मीर विधानसभा में शोक सन्देश के दौरान बोलते हुए अब्दुल्ला ने पूर्व प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि वाजपेयी ने हमेशा जम्मू-कश्मीर की स्थिति को सुधारने की कोशिश की।

    उन्होंने कहा कि जब वाजपेयी 1999 में पहली बार दिल्ली-लाहौर बस से पाकिस्तान गए थे तो उन्होंने मीनार-ए-पाकिस्तान का दौरा किया था और यह करना आसान नहीं था।

    सदन के नेता अब्दुल्ला ने कहा कि फिर वह सीमा पर खड़े होकर कहते थे कि हम दोस्त बदल सकते हैं। लेकिन पड़ोसी नहीं। वाजपेयी ने कहा कि बातचीत ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने असफलताओं का सामना करने के बावजूद बार-बार दोस्ती का हाथ बढ़ाया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'जम्मू-कश्मीर में की तनाव कम करने की कोशिश'

    उन्होंने कहा कि मैं उन्हें (वाजपेयी) जानता हूं और उनकी परिषद में मंत्री के रूप में उनके साथ काम किया है। जब हम वाजपेयी को याद करते हैं तो हम उन्हें जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में याद करते हैं। उन्होंने हमेशा जम्मू-कश्मीर में स्थिति को सुधारने की कोशिश की। उन्होंने तनाव कम करने की कोशिश की।

    यह भी पढ़ें- कश्मीर में अब नहीं होगी घंटो की बिजली कटौती, बर्फबारी में भी मिलेगी बेहतर सप्लाई; सुधार के लिए हो रहा ये काम

    अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने नियंत्रण रेखा के पार के मार्गों को खोलने का काम किया, जिन्हें बाद में फिर से बंद कर दिया गया। वह लोगों को एक-दूसरे के करीब लाना चाहते थे।

    उन्होंने नागरिक समाज को एक दूसरे के करीब लाने की कोशिश की। आज हमें अलग रखने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर वाजपेयी का दृष्टिकोण अपनाया गया होता तो जम्मू-कश्मीर इस स्थिति में नहीं होता। उन्होंने कहा कि उनके जाने के बाद उनके दृष्टिकोण को भुला दिया गया। उन्होंने जो योजना दी थी उसे भुला दिया गया।

    हम क्या कर सकते हैं? वर्ष 2000 में तत्कालीन एनसी सरकार द्वारा विधानसभा में लाए गए स्वायत्तता प्रस्ताव के बारे में कुलगाम के विधायक एम वाई तारिगामी की टिप्पणी का जिक्र करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि यह सच है कि प्रस्ताव वापस भेज दिया गया था, लेकिन वाजपेयी को बाद में एहसास हुआ कि सरकार ने जल्दबाजी में प्रतिक्रिया दी थी

    'वाजपेयी के इरादों से असहमत होना मुश्किल होगा'

    मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने वरिष्ठ मंत्री अरुण जेटली को जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ इस पर बातचीत करने के लिए नियुक्त किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर वाजपेयी के इरादों से असहमत होना मुश्किल होगा। सदन के नेता ने कहा कि श्रद्धांजलि देने वालों की सूची बहुत बड़ी थी, जो दर्शाती है कि हमारे दो सत्रों के बीच कितना लंबा अंतराल था।

    यह भी पढ़ें- नवंबर या दिसंबर? कश्मीर में कब होगी नौवीं तक की परीक्षाएं, शिक्षा विभाग ने कर दिया क्लियर