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    कश्मीर में अब नहीं होगी घंटो की बिजली कटौती, बर्फबारी में भी मिलेगी बेहतर सप्लाई; सुधार के लिए हो रहा ये काम

    Updated: Tue, 05 Nov 2024 01:38 PM (IST)

    कश्मीर घाटी में अब बर्फबारी के दौरान भी बेहतर बिजली सप्लाई मिलेगी। केपीडीसीएल केंद्र की प्रमुख पुनर्विकसित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत 7000 नए डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर सबस्टेशन स्थापित कर रहा है। इससे कश्मीर संभाग के सभी 10 जिलों में बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में काफी सुधार होगा। आरडीएसएस के तहत स्मार्ट मीटरिंग का काम भी ग्रामीण इलाकों में जल्द ही शुरू होने वाला है।

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    कश्मीर घाटी में अब बर्फबारी में भी मिलेगी बिजली (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, जम्मू। कश्मीर घाटी के लोगों को अब बर्फबारी के दौरान भी बेहतर बिजली सप्लाई मिलेगी। न तो अब तकनीकी खराबी के कारण घंटों कटौती का सामना करना पड़ेगा और न ही बिजली के उतार-चढ़ाव के कारण सर्द मौसम में रातों को ठिठुरना पड़ेगा।

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    कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (केपीडीसीएल) ने घाटी में लोटेंशन नेटवर्क को बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र की प्रमुख पुनर्विकसित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत 7,000 नए डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर सबस्टेशन स्थापित कर रहा है।

    10 जिलों की बिजली आपूर्ति में होगा सुधार

    यही नहीं केंद्र की ओर से कश्मीर संभाग में आरडीएसएस-एलआर (लॉस रीडक्शन) कार्यों के तहत सभी 13 पैकेज दिए जा चुके हैं। विभिन्न चरणों में चल रहा यह विकास कार्य अब अंतिम चरण में है। केपीडीसीएल के प्रवक्ता ने कहा कि नए डीटी सबस्टेशनों की स्थापना से कश्मीर संभाग के सभी 10 जिलों में बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में काफी सुधार होगा।

    केपीडीसीएल खुद केंद्र प्रायोजित पांच पैकेज को खुद देख रहा है जबकि उत्तर के चार और दक्षिण कश्मीर के चार पैकेजों के तहज जारी काम एनटीपीसी और पीइएसएल द्वारा पीआइए के रूप में कर रहा है। इनकी कुल लागत 2316 करोड़ रुपये है।

    यही नहीं श्रीनगर, बडगाम और बारामूला जिलों में 5 आरडीएसएस पैकेजों के तहत बड़ी संख्या में डीटी सबस्टेशन पहले ही बनाए और चार्ज किए जा चुके हैं।

    घाटी के ग्रामीण जिलों की बिजली ढांचा मजबूत होगा

    प्रवक्ता ने यह भी बताया कि श्रीनगर, बारामूला और बडगाम जिलों में स्थित इलेक्ट्रिक डिवीजन-1, 2 और 3 में भी केपीडीसीएल ही आरडीएसएस कार्यों को करवा रहा है। जबकि एनटीपीसी के पास श्रीनगर, गांदरबल, बांदीपोरा जिले में इलेक्ट्रिक डिवीजन 4 हैं।

    यही नहीं पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग जिलों में बिजली ढांचे को बेहतर बनाने के लिए चल रहे कार्य पीइएसएल देख रहा है। यह नया बिजली ढांचा न सिर्फ बिजली ढांचे को मजबूत बनाएगा बल्कि उपभोक्ताओं की मांग बढ़ने उसे पूरा करने में भी सक्षम होगा। खासकर कश्मीर घाटी के ग्रामीण जिलों में।

    ग्रामीण इलाकों में जल्द शुरू होगा स्मार्ट मीटरिंग

    आरडीएसएस के तहत स्मार्ट मीटरिंग का काम भी ग्रामीण इलाकों में जल्द ही शुरू होने वाला है। केपीडीसीएल अपने उपभोक्ताओं को बेहतर और गुणवतापूर्ण बिजली पहुंचाने के लिए नए स्टील ट्यूबलर पोल और एलटी-एबी केबल भी लगा रहा है जिससे न सिर्फ ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन नुकसान कम होगा बल्कि राजस्व वसूली में भी बढ़ोतरी होगी।

    RDSS के तहत लगेंगे 40 हजार से अधिक डीटी मीटर

    प्रवक्ता ने बताया कि घाटी में 11 केवी स्तर पर बनाए गए 1485 फीडरों पर पहले ही मीटरिंग शुरू हो चुकी है। आरडीएसएस के तहत यहां लगभग 6.85 लाख उपभोक्ता स्मार्ट मीटर जबकि 40,670 डीटी मीटर लगाए जाएंगे।

    एलटी नेटवर्क को बदलने के लिए 15,000 किलोमीटर एलटी-एबी (एरियल बंच्ड) केबल और 1.5 लाख नए स्टील ट्यूबलर पोल भी लगाए जाएंगे।

    इन सबकी मदद से केडीपीसीएल अगले दो वर्षों में एटीएंडसी घाटे को काफी हद तक कम कर देगा। यह उपभोक्ताओं को नियमित बिजली आपूर्ति में भी मददगार साबित होगा।

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    उपभोक्ताओं को दी जाएगी शटडाउन की जानकारी

    उपभोक्ताओं से सहयोग का आह्वान करते हुए प्रवक्ता ने बताया कि आरडीएसएस-एलआर कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए 11 केवी फीडरों पर शटडाउन अनिवार्य है, ऐसे में उनके साथ समन्वय बनाए रखें। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से उपभोक्ताओं की शटडाउन की जानकारी समय-समय पर दी भी जा रही है।

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