पूर्वी लद्दाख के मान-मेरक गांवों में फटा बादल, घरों-सरकारी विभागों के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास मान मेरक और आसपास के इलाकों में बादल फटने से भारी बाढ़ आई जिससे कई घर और सरकारी बुनियादी ढांचा तबाह हो गया। सेना राहत कार्यों में जुटी है और प्रशासन नुकसान का आकलन कर रहा है। उपराज्यपाल ने अधिकारियों को प्रभावितों की मदद करने और बुनियादी ढांचे को ठीक करने के लिए तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास स्थित मान, मेरक व साथ लगते कुछ इलाकों में बादल फटने से आए फ्लैश फ्लड में कई घरों व सरकारी विभागों के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है।
मान, मेरक के साथ बोद्ध खरबू, लामायूरू में भी घरों व बुनियादी ढांचे को नुकसान हुआ है। मान से मेरक तक सड़क पर कई जगह मलबा जमा हो जाने से सड़क संपर्क बाधित हो गया है। इसके साथ क्षेत्र में सिंचाई के लिए बनाए तालाबों, जल जीवन मिशन के बुनियादी ढांचे व बिजली आपूर्ति के लिए लगाए गए डीजल जेनरेशन सेटों को नुकसान पहुंचा है।
बादल फटने से उपजे हालात क्षेत्र की सुरक्षा के लिए तैनात सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर के जवान लोगों को राहत देने के लिए मैदान में आ गए। सैनिक, बाढ़ से प्रभावित इलाकों में सड़कों से मलबा हटाने व प्रभावित के घरों को साफ करने में मदद कर रहे हैं।
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उपराज्यपाल कविन्द्र गुप्ता ने वरिष्ठ अधिकारियों से फ्लैश फ्लड से उपजे हालात के बारे में जानकारी लेने के बाद प्रशासन को प्रभावितों की मदद के लिए अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
इस समय वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे इलाके में फ्लैश फ्लड से हुई तबाही का आंकलन करने के लिए राजस्व विभाग की टीमें कार्रवाई कर रही हैं। जल्द बाढ़ से हुए नुकसान की रिपोर्ट विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी जाएगी। सड़क यातायात व पानी सप्लाई के बुनियादी ढांचे को ठीक करने के लिए कार्रवाई जारी है।
पूर्वी लद्दाख के चुशुल के काउंसिलर कोंचोक स्टेंजिन ने क्षेत्र का दौरा कर लोगों को अचानक आई बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लिया। उनके साथ दुरबुक के एसडीएम मोहम्मद इस्माइल , एसएचओ तांगत्से, राजस्व विभाग, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, ग्रामीण विकास विभाग, लोक निमार्ण विभाग, व प्रभावित गांवों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। काउंसिलर ने मान से मेरक तक सड़क से मलबा हटाने के लिए तुरंत मशीनें भेजने के लिए कहा।
कोंचोक स्टेंजिन ने जागरण को बताया कि फ्लैश फ्लड से कई लोगों की खेती लायक जमीनें भी बह गई हैं। कई परिवारों की फसलें बह जाने के साथ घर मलबे से भर गए, मवेशियों के शेड, याक आश्रयों, ग्रीनहाउस व शौचालयों को नुकसान हुआ है।
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लोगों को राहत देने के लिए सेना द्वारा की गई कार्रवाई की सराहना करते हुए काउंसिलर ने उम्मीद जताई प्रशासन व लेह स्वायत्त पर्वतीय परिषद प्रभावितों को राहत देने के लिए जल्द कार्रवाई करेगी।
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