भाजपा प्रवक्ता ठाकुर का जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रधान कर्रा पर तीखा प्रहार, बोले- भूख हड़ताल नहीं निजी वजन घटाने का अभियान
भाजपा के अल्ताफ ठाकुर ने कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा की भूख हड़ताल को निजी वजन घटाने का अभियान बताया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा एक गंभीर मुद्दा है और इसे राजनीतिक नाटक से बहाल नहीं किया जा सकता। ठाकुर ने कांग्रेस नेताओं को सत्य का उपवास करने और खोखले तमाशे बंद करने की सलाह दी।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। भाजपा के जम्मू-कश्मीर प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा पर तीखा हमला बोला और कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए उनके द्वारा घोषित भूख हड़ताल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया अभियान से प्रेरित एक निजी वजन घटाने के अभियान से ज्यादा कुछ नहीं है।
ठाकुर ने श्रीनगर में मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए कहा कि सच कहूं तो यह भूख हड़ताल राज्य के दर्जे को लेकर नहीं है। यह तारिक कर्रा का प्रधानमंत्री मोदी के मोटापा-विरोधी मंत्र 'फिट इंडिया, हिट इंडिया' का आखिरकार पालन है। अगर सुर्खियां बटोरने के लिए खाना छोड़ना कांग्रेस की नई रणनीति है, तो वे इसे फिटनेस अभियान भी कह सकते हैं।
ठाकुर ने कर्रा के इस कदम को प्रचार का हथकंडा बताते हुए कहा कि कांग्रेस नेता "खुद को भूखा रखकर राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने की कोशिश कर रहे हैं - लोगों के लिए नहीं, बल्कि कैमरों के लिए।" उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा एक गंभीर मुद्दा है और यह ऐसा भी नहीं है जिसे राजनीतिक नाटक या सांकेतिक विरोध प्रदर्शनों के जरिए बहाल किया जा सके।
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ठाकुर ने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करना भारत सरकार के एजेंडे में है। लेकिन यह संवैधानिक रूप से उचित समय पर होगा न कि असफल राजनीतिक अवसरवादियों के हुक्म से। आगे तंज कसते हुए ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को पहले सत्य का उपवास करना चाहिए। लोगों को भावनात्मक नाटक और राजनीतिक नौटंकी से बरगलाना बंद करना चाहिए। कर्रा जो कर रहे हैं वह अधिकारों के बारे में कम और पसंद के बारे में ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग खोखले प्रतीकवाद की राजनीति से आगे बढ़ चुके हैं और वास्तविक विकास, शांति और प्रगति चाहते हैं। ठाकुर ने निष्कर्ष निकाला, "अगर कर्रा लोगों की मदद करना चाहते हैं, तो उन्हें ज़मीनी स्तर पर काम करना चाहिए, न कि खोखला तमाशा करना चाहिए।
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जम्मू-कश्मीर को नेतृत्व की ज़रूरत है, नाटकबाज़ी की नहीं।" भाजपा नेता के इस तीखे बयान ने केंद्र शासित प्रदेश में पहले से ही गरमाए राजनीतिक माहौल में और घी डालने का काम किया है, क्योंकि चुनावी घोषणाओं से पहले पार्टियाँ अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
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