दक्षिण कश्मीर में आतंकरोधी अभियान के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आए दो सैन्यकर्मी लापता, तलाश जारी
जम्मू-कश्मीर के गडूल कोकरनाग में आतंकरोधी अभियान के दौरान हिमस्खलन होने से दो सैन्यकर्मी लापता हो गए हैं जिनमें एक पैरा कमांडो और एक अग्निवीर शामिल हैं। सेना के बचाव दल हेलीकॉप्टर और ड्रोन की मदद से उनकी तलाश कर रही है। यह घटना अहलन गडूल में हुई जहाँ पहले भी आतंकी गतिविधियाँ होती रही हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के गडूल कोकरनाग में आतंकरोधी अभियान के दौरान हिमस्खलन में दो सैन्यकर्मी लापता हो गए हैं। लापता जवानों में एक पैरा कमांडो और एक अग्निवीर शामिल हैं। सेना के बचाव दल की ओर से हेलीकॉप्टर और ड्रोन की मदद से तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
जिस इलाके में यह घटना हुई है, वहां बीते कुछ समय से आतंकी गतिविधियां लगातार बढ़ रहीं थी। इस इलाके को आतंकी दक्षिण कश्मीर और जम्मू प्रांत के डोडा-किश्तवाड़ की तरफ आने जाने के लिए अपने एक ट्रांजिटरूट की तरह इस्तेमाल करते हैं।
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आतंकरोधी अभियान के दौरान हुई घटना
संबंधित सूत्रों के अनुसार, आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर सेना और पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाया। इस अभियान में 20 सुरक्षाकर्मियों का विशेष दस्ता जो आगे थे, बुधवार की तड़के अहलन गडूल में हुए हिमस्खलन की चपेट में आ गया। दो जवान इस दौरान लापता हो गए और अन्य वापस निकटवर्ती सुरक्षित स्थान पर लौटने में कामयाब रहे।
तलाशी अभियान जारी
सैन्य अधिकारियों के अनुसार, जिस इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया था, वह काफी ऊंचाई वाला एक दुर्गम इलाका है। वहां काफी मात्रा में हिमपात हुआ है। हो सकता है कि हिमस्खलन के दौरान खुद को बचाते हुए दोनों जवान रास्ता भटक गए हों। उनके साथ रेडियो संपर्क बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया है।
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सेना की टीम कर रही तलाशी
उनका पता लगाने के लिए सेना के विशेष बचाव दल अत्याधुनिक सेंसरों के साथ तैनात किए गए हैं, जो बर्फ के नीचे दबे किसी इंसान, जानवर या विस्फोटक का पता लगाने में समर्थ हैं। हेलीकॉप्टर और ड्रोन की भी मदद ली जा रही है। इसके अलावा अहलन गडूल में स्थानीय लोगों से भी मदद ली जा रही है। लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला है।
इलाके को किया गया है सील
संबंधित सूत्रों ने बताया कि अहलन गडूल में जिस इलाके में सेना के जवान लापता हुए हैं, उसे चारों तरफ से घेरा गया है और उस तरफ आने-जाने के सभी रास्तों पर विशेष नाके लगाए गए हैं। इसके अलावा अहलन गडूल में स्थानीय लाेगों से भी मदद ली जा रही है। लेकिन अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है।
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पहले भी हो चुकी है घटना
उन्होंने बताया कि गत वर्ष अगस्त में अहलन गडूल में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें एक नागरिक मारा गया था और दो सैन्यकर्मी वीरगति को प्राप्त हुए थे। इसी इलाके में वर्ष 2023 में डीएसपी हुमायूं और सेना के दो अधिकारी आतंकरोधी अभियान में बलिदान हुए थे।
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