दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों-आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ 7वें दिन भी जारी, भारी गोलाबारी का कर रहे इस्तेमाल
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के अखल जंगलों में आतंकवाद विरोधी अभियान सातवें दिन भी जारी रहा। सुरक्षाबल आतंकियों को मार गिराने के लिए भारी गोलाबारी कर रहे हैं। सेना सीआरपीएफ और एसओजी के जवानों ने संयुक्त रूप से आतंकवादियों के एक समूह की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्र में घेराबंदी कर दी।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के जिला कुलगाम में अखल जंगलों में सुरक्षाबलों का आतंकवाद विरोधी अभियान गुरुवार को सातवें दिन में प्रवेश कर गया। सेना की उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ने करीब एक सप्ताह से जारी इस मुठभेड़ की स्वयं समीक्षा की। सुरक्षाबल आतंकियों को मार गिराने के लिए भारी गोलाबारी का इस्तेमाल कर रहे हैं।
कुलगाम के अखल वन क्षेत्र में सुरक्षाबालों का यह अभियान पिछले हफ्ते पहले शुरू हुआ था। सेना, सीआरपीएफ व पुलिस के एसओजी के जवानों ने संयुक्त रूप से आतंकवादियों के एक समूह की मौजूदगी की खुफ़िया जानकारी मिलने के बाद क्षेत्र में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था।
शुरुआती गोलीबारी में एक आतंकवादी मारा गया। हालांकि इस गोलीबारी में सेना के चार जवान भी घायल हो गए हैं जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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अधिकारियों ने बताया कि, "ऑपरेशन अखल जारी है, रात भर मुठभेड़ जारी रही। आतंकवादियों व सुरक्षाबलों के बीच भारी गोलीबारी हुई। देर रात तक विस्फोटों की आवाजें सुनी दी। अखल का जंगल घना होने की वजह से आतंकवादियों का सही ठिकाना पता नहीं चल पा रहा है। उन्होंने संभावना जताई कि यह अभियान आने वाले दिनों में भी जारी रह सकता है। यह कश्मीर में अब तक का सबसे लंबी मुठभेड़ हो सकती है।
वहीं उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने देवसर का दौरा किया और दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद-रोधी ग्रिड की समीक्षा की। उन्हें सुरक्षा स्थिति परिचालन तैयारियों और चल रहे अभियानों की जानकारी दी गई।
छिपे हुए आतंकवादियों को भागने से रोकने के लिए सेना ने रुद्र हेलीकॉप्टर, ड्रोन और पैरा कमांडो भी मुठभेड़ स्थल के आसपास तैनात कर दिए हैं। हालांकि बीच-बीच में सुरक्षाबल आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करने के लिए भी कह रहे हैं परंतु सेना की हरेक अपील का जवाब आतंकवादी गोलीबारी से ही देर रहे हैं।
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सुरक्षा बल अंदरूनी इलाकों में आतंकवादियों के खिलाफ आक्रामक अभियान चला रहे हैं जबकि सेना जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) की सुरक्षा में पूरी तरह सतर्क है। अखल जंगलों के आसपास आबादी इलाकों में भी सुरक्षाबलों ने अपनी गश्त बढ़ा दी है। स्थानीय लोगों को किसी भी संदिग्ध गतिविधि देखे जाने पर सुरक्षाबलों को सूचित करने को कहा गया है।
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