पिता की रिहाई की मांग को लेकर श्रीनगर में इंजीनियर रशीद के बेटे की भूख हड़ताल, कार्यकर्ताओं सहित डिटेन
अवामी इत्तेहाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को श्रीनगर में हिरासत में ले लिया गया है। यह लोग अपनी पार्टी के चीफ इंजीनियर रशीद के समर्थन में भूख हड़ताल कर रह ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, जम्मू। अवामी इत्तेहाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को शुक्रवार को श्रीनगर में हिरासत में ले लिया गया है। वो अपनी पार्टी के चीफ इंजीनियर रशीद के समर्थन में भूख हड़ताल कर रहे थे। दरअसल रशीद संसद सत्र में शामिल होने की मांग को लेकर तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल कर रहे हैं।
पार्टी कार्यकर्ता संगरमल शॉपिंग कॉम्पलेक्स में इकट्ठा हुए और भूख हड़ताल शुरू कर दी। इससे पहले जिला प्रशासन ने लाल चौक इलाके में प्रताप पार्क में बैठकर भूख हड़ताल करने की उनकी एप्लिकेशन को रद कर दिया था। वहीं पुलिस यहां उनका इंतजार कर रही थी और रशीद के बेटे अबरार सहित पार्टी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। उन्हें कोठीबाग पुलिस स्टेशन में रखा गया है।
पिता को संसद में भाग नहीं लेने दिया जाना लोकतंत्र की हत्या: अबरार
हिरासत में लिए जाने से पहले रशीद के बेटे अबरार ने कहा कि उसके पिता को संसद सत्र में भाग नहीं लेने दिया जाना लोकतंत्र की हत्या है। ने साढ़े पांच साल से जेल में बंद हैं और उन्हें संसद में शामिल होने की अनुमति नहीं है।
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जेल में भूख हड़ताल कर रहा है रशीद
रशीद ने तिहाड़ जेल में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। वह बारामुला विधानसभा क्षेत्र से पिछले साल चुने गए थे। उन्होंने यहां से उमर अबदुल्ला को हरा दिया था जो वर्तमान में जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने पीपल काफ्रेंस के नेता सजद गनी लोन को भी हरा दिया था।
गौरतलब है कि अवामी इत्तेहाद पार्टी के प्रमुख और उत्तरी कश्मीर के सांसद इंजीनियर रशीद जो वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद है, उन्होंने आज से भूख हड़ताल शुरू कर दी है। वह संसद की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति नहीं मिलने का विरोध कर रहे हैं। इस मामले पर अब हाईकोर्ट ने जमानत देने को लेकर एनआईए से जवाब मांगा है। इस पर एएनआईए की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि वह इस विषय पर निर्देश लेंगे।
इंजीनियर रशीद की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरिहरन ने कहा कि उनके मुवक्किल संसद के आगामी बजट सत्र में भाग लेना चाहते हैं। 31 जनवरी से चार अप्रैल तक चलने वाले सत्र में शामिल होने के लिए उन्हें अंतरिम जमानत दी जाए।

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