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    अबू कताल की मौत से घटेगी लश्कर के आतंकियों की घुसपैठ, कई हमलों का मास्टरमाइंड था हाफिज सईद का भतीजा

    Updated: Mon, 17 Mar 2025 08:32 AM (IST)

    लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर अबू कताल की मौत से संगठन को बड़ा झटका लगा है। कताल 2002-2004 के दौरान राजौरी-पुंछ और उत्तरी कश्मीर में सक्रिय था। 2008 के मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान सरकार के दबाव में हाफिज सईद ने उसे गुलाम जम्मू कश्मीर में लश्कर के ट्रेनिंग कैंपों की जिम्मेदारी सौंपी थी। कताल ने जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ और कई हमलों में अहम भूमिका निभाई थी।

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    Abu Katal Killed: हाफिज सईद का राइट हैंड था अबू कताल (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। Abu Katal Killed: जिया-उर-रहमान उर्फ नदीम उर्फ अबू कताल उर्फ कताल सिंधी की मौत लश्कर-ए-तैयबा पर बड़ा आघात है। कताल वर्ष 2002-2004 तक राजौरी-पुंछ व उत्तरी कश्मीर में कुछ जगहों पर सक्रिय रहा था।

    2008 में मुंबई हमले (26/11 Mumbai Attack) के बाद जब पाकिस्तान सरकार को हाफिज और जकी उर रहमान लखवी समेत लश्कर के प्रमुख कमांडरों पर लगाम लगानी पड़ी तो हाफिज सईद ने अबू को गुलाम जम्मू कश्मीर में खुरेटा कोटली और नकिया व जंदरूट स्थित लश्कर के ट्रेनिंग कैंपों की जिम्मेदारी सौंपी थी।

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    जम्मू-कश्मीर में नेटवर्क से संपर्क में था अबू

    जम्मू-कश्मीर में कुछ वर्ष तक सक्रिय रहने के बाद अबू वापस पाकिस्तान लौट गया था, लेकिन उसने राजौरी-पुंछ में स्थानीय नेटवर्क के साथ लगातार संवाद बनाए रखा जिसका उसने वर्ष 2020 में पूरा लाभ लेना शुरू किया।

    उसने जिला पुंछ में मोहरा गुरसाई में अपने दो खास ओवरग्राउंड वर्करों निसार अहमद उर्फ हाजी निसार और मुश्ताक हुसैन चाचा की मदद से न सिर्फ गुलाम जम्मू-कश्मीर से जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की सुरक्षित घुसपैठ कराई, बल्कि भाटाधुलियां औेर ढांगरी हमले को भी अंजाम दिया।

    रियासी हमले का मास्टर माइंड था अबू कताल

    उसके भेजे आतंकियों ने रियासी में श्री माता वैष्णो देवी के दर्शनार्थ आए श्रद्धालुओं की बस पर हमला किया था। ढांगरी, राजौरी में पहली जनवरी 2023 को आतंकियों ने दो बच्चों समेत सात लोगों की हत्या की थी।

    निसार और मुश्ताक जेल में हैं। ढांगरी हमले के संदर्भ में एनआईए द्वारा दायर आरोपपत्र में अबू कताल और साजिद जट्ट को भी आरोपित बनाया गया है।

    कताल ही बढ़ा रहा था हाफिज के आतंकी खेल को

    जम्मू कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया कि अबू लश्कर के उन कमांडरों में शामिल था, जिन्हें हाफिज, लखवी, मकई जैसे कमांडरों के बाद दूसरी पंक्ति में अग्रणी माना जाता है।

    हाफिज ने गुलाम जम्मू कश्मीर, सिंध और पाकिस्तानी पंजाब में लश्कर के महत्वपूर्ण ट्रेनिंग कैंपों की जिम्मेदारी अपने दामाद वलीद के बाद अगर किसी को सौंपी है तो वह अबू कताल सिंधी उर्फ जिया उल रहमान को ही सौंपी।

    इससे उसकी हैसियत का अंदाजा लगाया जा सकता है। बीते पांच वर्ष के दौरान लश्कर के पकड़े गए आतंकियों, ओवरग्राउंड वर्करों ने पूछताछ में कताल, लंगरियाल, जट्ट, कासिम, खालिद जैसे कमांडरों का नाम लिया है, जिससे पता चलता है कि यही हाफिज के आतंकी खेल को आगे बढ़ा रहे हैं।

    टीआरएफ के हैंडलरों की जो बातचीत रिकार्ड की गई है, उसमें भी सज्जाद के बाद अबू का नाम कई बार आया है। इसलिए उसकी मौत से राजौरी-पुंछ में जहां लश्कर के आतंकियों की घुसपैठ व गतिविधियों में कमी आना तय है।

    विदेशों में मारे गए आतंकी, जो जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में संलिप्त रहे

    • पहली मार्च, 2022 : आईसी-814 विमान के अपहरणकर्ताओं में शामिल जैश कमांडर आतंकी मिस्त्री जहूर उर्फ जाहिद अखूंद की कराची में हत्या।
    • 19 सितंबर, 2022 : भारत में आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों में लिप्त आतंकी हैंडलर मोहम्मद लाल की नेपाल के काठमांडु में हत्या।
    • 20 फरवरी, 2023 : रावलपिंडी में हिजबुल के इम्तियाज आलम उर्फ बशीर अहमद पीर की अज्ञात बंदूकधारियों ने हत्या कर दी थी। वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में जुटा था।
    • 22 फरवरी, 2023 : जम्मू-कश्मीर में आइएस का नेटवर्क मजबूत करने में जुटे अजाज अहमद अहंगर की काबुल में हत्या कर दी गई। वह अफगानिस्तान में बसा हुआ था। केंद्र सरकार ने उसे चार जनवरी को मोस्ट वांटेड आतंकी की सूची में शामिल किया था। 1996 में कश्मीर की जेल से छूटने के बाद से वह फरार था। माना जा रहा है कि तालिबान ने उसकी हत्या कर दी।
    • 26 फरवरी, 2023 : कराची में अल बदर के पूर्व कमांडर सैयद खालिद राजा की हत्या। वह जम्मू-कश्मीर का अल बदर का कमांडर रह चुका था।
    • 4 मार्च, 2023 : पाक के खैबरपख्तून में आतंकी सैयद नूर शोलाबर की हत्या कर दी गई। वह अफगानिस्तान में भी सक्रिय रहा था और जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए पाक की मदद कर रहा था।
    • 6 मई, 2023 : खालिस्तान कमांडो फोर्स के स्वयंभू प्रमुख और कुख्यात आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़ की पाकिस्तान के शहर लाहौर में हत्या कर दी गई। मोटरसाइकिल पर आए दो अज्ञात हमलावरों ने 63 वर्षीय पंजवड़ को उस समय गोली मार दी, जब वह अपनी सोसाइटी में टहल रहा था। नशीली दवाओं और हथियारों की तस्करी और अन्य आतंकी गतिविधियों को संचालित कर रहा पंजवड़ 2020 में भारत सरकार की ओर से जारी आतंकियों की सूची में आठवें स्थान पर था। भिंडरांवाला के संपर्क में रहा पंजवड़ नाम बदलकर पाकिस्तान में रह रहा था।
    • 18 जून, 2023 : खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा के सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह कनाडा में बैठकर पंजाब में टारगेट किलिंग करवाता था और भारत के खिलाफ दुष्प्रचार चलाता था।
    • पांच अगस्त, 2023 : पाकिस्तान में कराची सिंध के नवाबशाह जिले में मुल्ला सरदार हुसैन अरैन (जेयूडी) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह हाफिज सईद के करीबियों में एक था।
    • आठ सितंबर 2023 : गुलाम जम्मू कश्मीर के रावलकोट में एक मस्जिद के भीतर लश्कर कमांडर मोहम्मद रियाज उर्फ अबू कासिम की हत्या। वह राजौरी व पुंछ जिलों में दोबारा आतंकवाद को जिंदा करने के लिए हिंदुओं व सुरक्षाबलों पर हमले की साजिश में भी शामिल था।
    • 12 सितंबर 2023 : लश्कर व हिजबुल का कोआर्डिनेटर कहा जाने वाला जियाउर रहमान पाकिस्तान के कराची में शाम की सैर के दौरान दो मोटरसाइकिल सवार हमलावरों की गोलीबारी में मारा गया।
    • 30 सितंबर, 2023 : लश्कर के सरगना हाफिज सईद के करीबी सहयोगी मुफ्ती कैसर फारूक की पाकिस्तान के कराची में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
    • 11 अक्टूबर 2023 : पठानकोट एयरबेस हमले का गुनाहगार शाहिद लतीफ अपने भाई सहित पाकिस्तान के सियालकोट में मारा गया। उसका एक साथी भी गोली लगने से गंभीर रूप से घायल। अज्ञात हमलरवरों ने मस्जिद के बाहर तीनों पर की गोलीबारी।
    • 7 मार्च, 2025: भारतीय व्यापारी एवं नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा करने में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ की मदद करने वाले मुफ्ती शाह मीर की बलूचिस्तान प्रांत के तुरबत में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। वह मानव तस्करी में शामिल व आइएसआइ के नेतृत्व वाले आत्मघाती दस्तों से भी जुड़ा था।

    ट्रेनिंग कैंपों व आतंकियों के बीच समन्वय की बड़ी कड़ी टूटी

    आतंकी अबू कताल की मौत से राजौरी-पुंछ में जहां लश्कर के आतंकियों की घुसपैठ व गतिविधियों में कमी आना तय है। सिंध, पंजाब और गुलाम जम्मू-कश्मीर में लश्कर के ट्रेनिंग कैंपों और आतंकियों के बीच जो समन्वय की बड़ी कड़ी भी टूटी है। इसका नुकसान लश्कर को होना है।

    जम्मू कश्मीर के राजौरी-पुंछ में आतंकियों की सुरक्षित घुसपैठ से लेकर उनके लिए सुरक्षित ठिकानों व ओवरग्राउंड वर्करों का नेटवर्क बंदोबस्त तक वह खुद संभालता था। राजौरी-पुंछ में बीते पांच वर्ष के दाैरान हुए विभिन्न आतंकी हमलों के षडयंत्र के प्रमुख सूत्रधारों में भी वह एक है।

    करीब सात वर्ष पहले हाफिज ने उसे, साजिद जट्ट उर्फ सज्जाद जट और लंगरियाल को जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों को अंजाम देने का भी जिम्मा सौंपा।

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