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    क्या है ये न्यूरोटॉक्सिन? रहस्यमयी बीमारी से मरने वालों के शरीर में मिला यह केमिकल; राजौरी में अब तक 14 की मौत

    Updated: Wed, 15 Jan 2025 02:01 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बडाल गांव में रहस्यमयी बीमारी का कहर जारी है। मंगलवार को एक और बच्ची की मौत हो गई जिससे मरने वालों की संख्या 14 हो गई है। पीड़ितों के सैंपल से न्यूरोटॉक्सिन मिले हैं लेकिन विशेषज्ञों ने किसी भी प्रकार के वायरल इन्फेक्शन से इनकार किया है। अब इस मामले की जांच स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ पुलिस भी करेगी।

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    राजौरी में रहस्यमयी बीमारी से अब तक 14 लोगों की मौत हो गई है।

    जागरण संवाददाता, राजौरी। राजौरी के बडाल गांव में रहस्यमयी बीमारी का प्रकोप जारी है और मंगलवार को एक और बच्ची ने दम तोड़ दिया। उसके तीन भाई-बहन 48 घंटे में मौत का शिकार हो चुके हैं।

    इस तरह एक माह में चार परिवारों के 14 लोगों की मौत हो चुकी है। उधर, विशेषज्ञों ने किसी भी प्रकार के वायरल इन्फेक्शन से इनकार किया, पर पीड़ितों के सैंपल से न्यूरोटॉक्सिन मिले हैं। जांच जारी है।

    खाना खाने के बाद बीमार पड़ गए थे बच्चे

    मुहम्मद असलम के छह बच्चे शुक्रवार रात खाना खाने के बाद गंभीर रूप से बीमार पड़ गए थे। इन्हें राजौरी से जीएमसी जम्मू रेफर किया गया था। यहां दो बच्चों की रविवार को मौत हो गई, जबकि एक ने सोमवार को दम तोड़ दिया। अब छह वर्षीय सफीना कौसर की भी जम्मू के एसएमजीएस अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।

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    सोमवार को असलम के मामा की भी इसी तरह की बीमारी के कारण मौत हो गई। प्रदेश सरकार भी इस विषय पर सजग है और मेडिकल टीमों को फिर से गांव में भेजा गया है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों की बैठक ली और स्थिति पर चर्चा की। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गांव में स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।

    स्वास्थ्य विभाग के साथ अब पुलिस भी करेगी जांच

    मुख्य सचिव अटल डुल्लु ने मंगलवार को पुलिस को इन मौतों के संदर्भ में अब तक स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट के आधार पर कोई निष्कर्ष निकालने के लिए अपनी पेशेवर योग्यता और वैज्ञानिक तकनीक का सहारा लेने को कहा।

    इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से इन रिपोर्टों का अध्ययन करने का भी आग्रह किया ताकि इन मौतों के कारणों का पता लगाया जा सके। मुख्य सचिव ने बडाल गांव में होने वाली रहस्यमयी मौतों के कारणों को मंगलवार को विभिनन राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थानों के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ-साथ संभागीय और जिला प्रशासन के सभी संबंधित अधिकारियों की एक बैठक की।

    मुख्य सचिव अटल डुल्लु ने इस अवसर पर पीजीआई चंडीगढ़, राष्ट्रीय वायराली संस्थान, सीएसआईआर तथा एनसीडीसी के विभिन्न विशेषज्ञों से उनके निष्कर्षो के बारे में भी सुना। इन विशेषज्ञों ने बताया कि किसी भी तरह का वायर या बैक्टिरियल संक्रमण नहीं मिला है। हालांकि, उनके सैंपल में कुछ न्यूरोटॉक्सिन पाए गए थे, जिसके बारे में जांच की जा रही है।

    बच्चों को घरों से बाहर निकलने कतरा रहे लोग

    गांव के लोग इतने डरे हैं कि एहतियात के तौर पर अपने बच्चों को घर के अंदर रख रहे हैं और सामूहिक समारोहों से बच रहे हैं। कुछ लोगों ने अधिकारियों पर संकट का जवाब देने में धीमी जांच का आरोप लगाया है।

    अलबत्ता, अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारी लोगों से स्वच्छता बनाए रखने और किसी भी असामान्य लक्षण की तुरंत रिपोर्ट करने का आग्रह कर रहे हैं। अभी तक बीमारी की सही प्रकृति एक रहस्य बनी हुई है।

    क्या होते हैं न्यूरोटॉक्सिन?

    न्यूरोटॉक्सिन ऐसे केमिकल होते हैं, जडो नर्वस सिस्टम को शिथिल कर देते हैं या प्रभावित करते हैं। यह भोजन या अन्य माध्यम से या किसी जीव के काटने से भी शरीर के भीतर जा सकते हैं।

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