रजौरी रहस्यमयी बीमारी को लेकर नया अपडेट, मेडिकल टीम ने 38 मरीज किए डिस्चार्ज; हालात में हो रहा सुधार
रजौरी में रहस्यमयी बीमारी के कारण अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामला में ताजा अपडेट है कि अब बीमारी से ग्रस्त 38 मरीज रीकवर हो गए हैं जिन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। साथ ही वर्तमान में 60 परिवारों के 363 लोगों को क्वारनटीन किया गया है। बडाल गांव को 14 क्लस्टरों में बांट दिया गया है। इनकी लगातार निगरानी हो रही है।

जम्मू, पीटीआई। रजौरी जिले के बडाल गांव में रहस्यमयी बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती कराए गए 38 मरीजों को पूरी तरह से रिकवर होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। मुख्य सचिव अटल डुल्लो की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया गया कि वर्तमान में 60 परिवारों के 363 लोगों को क्वारनटीन किया गया है। इस स्वास्थ्यकर्मी और पुलिस कर्मी भी शीमिल थे। बडाल में 7 दिसंबर से 19 फरवरी तक इस बीमारी ने 3 परिवारों के 17 लोगों की जान ले ली।
स्वास्थय सचिव सईद आबिद राशिद शाह ने बैठक में बताया कि टेस्ट के बाद प्रभावित परिवारों को आइसोलेट कर दिया गया है और उनको पानी और खाना उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि कुल 55 सिंपटोमैटिक में से 38 क पूरी तरह ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गा है जबकि 17 लोगों की मौत हो गई है।
वर्तमान में कोई नया मरीज भर्ती नहीं हुआ
शाह ने बताया कि वर्तमान में अस्पतालों में कोई नया मरीज भर्ती नहीं कराया गया है। साथ ही जो मरीज अस्पताल में भर्ती हैं उन्हें PGIMER चंडीगढ़, एम्स नई दिल्ली के डॉक्टर देख रहे हैं। संक्रमित लोगों को लेकर गांव में हेल्थ टीम मौजूद है जो उन लोगों की जांच करेगी जिनमें नए सिंपटम्स पाए जाते हैं।
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60 परिवारों के 363 लोग क्वारनटीन
डिविजनल कमिश्नर रमेश कुमार ने बताया कि जो परिवार लगातार निगरानी में हैं, उनके साथ खाने पीने की वस्तुओं का आदन-प्रदान नहीं किया जा रहा है। साथ ही वर्तमान में 60 परिवारों के 363 लोगों को क्वारनटीन किया गया है। इतना ही नहीं 592 जानवरों को भी अलग रखा गया है और उनकी जांच की जा रही है।
फर्टिलाइजर, कीटनाशक की जांच के आदेश
मौतों का कारण पता लगाने के लिए और लोगों की जान बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की बात करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि स्थानीय तौर पर इस्तेमाल होने वाले फर्टिलाइजर, कीटनाशक की जांच की जाए और इसके मूल कारण का पता लगाया जाए। उन्होंने भविष्य में इसी तरह की स्थितियों से निपटने के लिए स्थानीय अस्पताल सुविधाओं को बढ़ाने की बात भी कही जिसमें अतिरिक्त आईसीयू बेड, ऑक्सीजन प्लांट, आइसोलेशन वार्ड और स्पेसिफिक दवाओं और स्पेश्लिस्ट की उपलब्धता शामिल है।
दिल्ली स्थित एम्स से मांगी मदद
मुख्य सचिव ने एम्स दिल्ली से मदद मांगते हुए कहा कि वह केंद्रीय शासित प्रदेश के अस्पतालों के स्थानीय कर्मचारियों को सहयोग करें। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को और एक्सपर्ट्स को भी भेजा जाए। डुल्लू डुल्लू ने लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों को प्राप्त टेस्ट रिपोर्टों और विभिन्न संस्थानों से प्रतीक्षित रिपोर्टों के आधार पर जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया।
अधिकारियों ने बताया कि लोगों की सुरक्षा के लिए गांव को 14 क्लस्टरों में बांटा गया है। इनकी मल्टी डिपार्टमेंट टीम लगातार निगकरानी कर रही है। गांव की सभी दुकानें सील है जबकि राशन बांटने की कड़ी निगरानी की जा रही है।
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