एक्सपर्ट आए, SIT बनीं पर 17 मौतों के रहस्य से नहीं उठ सका पर्दा; अब CBI करेगी राजौरी में रहस्यमयी मौतों की जांच?
राजौरी के बडाल गांव में दो महीने में 17 लोगों की मौत हो गई है लेकिन मौतों का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। देशभर के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों के विशेषज्ञों ने गांव का दौरा किया और सैंपल लिए लेकिन कोई भी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। अब बुद्धल विधानसभा क्षेत्र के विधायक जावेद इकबाल चौधरी ने सीबीआई जांच की मांग की है।

गगन कोहली, राजौरी। जिले के बडाल गांव में दो महीने में 17 लोगों की मौतों का रहस्य अब भी बरकरार है। देशभर के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों के दिग्गज विशेषज्ञ समय-समय पर गांव में खाने, पानी सहित अन्य चीजों के 300 से अधिक सैंपल लेकर वापस भी जा चुके हैं।
सीबीआई जांच की उठी मांग
गृह मंत्रालय की भी अंतर विभागीय टीम के 16 सदस्यों ने तीन दिन तक मृतकों के घरों से लेकर गांव से सैंपल जुटाए, लेकिन एक भी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। अब बुद्धल विधानसभा क्षेत्र के विधायक जावेद इकबाल चौधरी ने सीबीआई जांच की मांग की है।
बता दें कि सात दिसंबर को बडाल निवास फजल हुसैन की मौत हो गई थी तो उस समय कहा गया था कि फजल के घर में बेटी की शादी थी और उसमें बचा हुआ खाना-खाने से फजल की मौत हो गई, लेकिन चंद दिनों में इनके चार बच्चों की भी मौत हो गई और पत्नी गंभीर रूप से बीमार हो गई। इसके बाद दो अन्य परिवारों के सदस्य भी बीमार हो गए।
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अब तक मौत के कारणों का नहीं चला पता
कुल मिलाकर 17 लोगों की मौत हो गई, लेकिन मौतों के कारणों के बारे में पता नहीं चल पाया। देशभर से विभिन्न संस्थानों की टीमें भी गांव पहुंची और प्रभावित गांव उसके आसपास के क्षेत्रों का गहण अध्यन किया और सैंपल लेकर लौट गई। मामले में जहर की बात सामने पर एसएसपी राजौरी ने भी एसपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी टीम का गठन किया, लेकिन यह टीम भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है।
22 जनवरी को गांव में पाबंदियां लागू कर दी। सभी दुकानों को बंद करवा कर 363 लोगों को राजौरी में बने विशेष केंद्रों में शिफ्ट कर दिया, जो विशेष केंद्रों में ही रह रहे हैं। वर्तमान में भी गांव में उन्हीं लोगों को आने-जाने दिया जा रहा है, जिनके पास विशेष अनुमति है। 17 लोगों की मौतों के बाद बडालवासी अब भी सहमे हैं, लेकिन राहत यह है कि 24 जनवरी के बाद से बडाल गांव से कोई भी नया मामला नहीं आया है।
कीटनाशक, शाकनाशी व उर्वरक के 529 नमूने एकत्र किए गए
जिला उपायुक्त अभिषेक शर्मा द्वारा गठित समर्पित टीमों ने बडाल गांव से संबंधित चल रही जांच के सिलसिले में जिले भर से कीटनाशक, शाकनाशी और उर्वरक के 529 नमूने एकत्र किए हैं। 257 दुकानों की पहचान नमूने के लिए की गई, जिनमें कीटनाशक और शाकनाशी बेचने वाली 60 दुकानें और उर्वरक बेचने वाली 194 दुकानें शामिल हैं।
इनमें से 254 दुकानों से गहन नमूने संग्रह किए गए। इनमें कीटनाशक और शाकनाशी के 293 नमूने और उर्वरक के 236 नमूने शामिल हैं। इन नमूनों को जांच के लिए भेजा जाएगा। टीमों ने जिन दुकानों से नमूने लिए है उन्हें सील कर दिया गया है। अब सभी नमूनों की रिपोर्ट आने के बाद ही इन दुकानों को खोलने की अनुमति प्रशासन द्वारा दी जाएगी।
सीएम उमर भी कर चुके हैं बडाल का दौरा
17 लोगों की मौतों के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी बडाल गांव पहुंचे और मृतकों के घरों में जाकर संवेदना को प्रकट किया और लोगों को आश्वासन दिया था कि जल्द ही मामला साफ हो जाएगा। अगर किसी ने लोगों को जहर दिया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी, अगर कोई बीमारी है तो इसका उपचार होगा, लेकिन अभी तक कुछ भी साफ नहीं हो पाया है।
एसआईटी टीम को भी नहीं मिली सफलता
गांव में हुई मौतों के बाद शुरू हुई जांच के बीच मृतकों के शरीर में जहर पाए जाने की बात सामने आई। इसके बाद एसएसपी राजौरी ने एसआइटी टीम का गठन किया और जांच का जिम्मा एसपी कोटरंका को सौंपा।
टीम ने सौ से अधिक लोगों से पूछाताछ की। गांव के कई बार दौरे किए। दो माह बीतने के बाद भी न तो चिकित्सा विभाग को कोई सुराग मिल पाया है न पुलिस को। यह मामला अभी भी अनसुलझा बना हुआ है। गांव में डर का माहौल है।
300 से अधिक लोगों को राजौरी शिफ्ट किया
प्रशासन ने 15 रोज पहले बडाल गांव से करीब 300 लोगों को राजौरी में बने तीन विशेष केंद्रों में शिफ्ट कर दिया। इन लोगों में मृतकों के परिवारों के सदस्य व जनाजों में शामिल हुए लोग व बीमार हुए लोगों के परिवारों के सदस्य व उनके संपर्क में आए लोग शामिल हैं, जो अभी भी इन्हीं विशेष केंद्रों में ठहरे हुए है।
22 जनवरी से गांव में सब कुछ है बंद
प्रशासन ने बडाल में 22 जनवरी को पाबंदियां लागू करके सभी दुकानों, स्कूलों को बंद कर दिया और बडाल गांव में आने जाने पर रोक लगा दी। गांव में मात्र उन्हीं लोगों को आने-जाने की अनुमति दी गई जिन्हें प्रशासन ने गांव में नियुक्त कर रखा है। किसी को भी गांव में आने-जाने की अनुमति नहीं दी गई।
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