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    JK News: बडाल गांव में रहस्यमय बीमारी का रहस्य उलझा, एम्स दिल्ली के डॉक्टरों की टीम पहुंची राजौरी

    जम्मू कश्मीर में राजौरी जिले के बडाल गांव में रहस्यमय बीमारी का रहस्य अभी उलझा ही हुआ है। बीमारी का पता लगाने के लिए एम्स दिल्ली की टीम शनिवार को फिर राजौरी पहुंची गई। चार डॉक्टरों की टीम ने राजौरी पहुंचते ही वहां अस्पताल में भर्ती मरीजों की स्थिति जांची और उनसे बात की। अस्पताल में बडाल के 11 मरीज भर्ती हैं।

    By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Sun, 02 Feb 2025 05:45 AM (IST)
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    एम्स दिल्ली के डॉक्टरों की टीम पहुंची राजौरी के बडाल गांव (फाइल फोटो)

     जागरण संवाददाता, राजौरी। जम्मू कश्मीर में राजौरी जिले के बडाल गांव में रहस्यमय बीमारी का रहस्य अभी उलझा ही हुआ है। बीमारी का पता लगाने के लिए एम्स दिल्ली की टीम शनिवार को फिर राजौरी पहुंची गई। चार डॉक्टरों की टीम ने राजौरी पहुंचते ही वहां अस्पताल में भर्ती मरीजों की स्थिति जांची और उनसे बात की।

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    रविवार को टीम बडाल फिर जाएगी

    उन्होंने पूछा कि वह जिस दिन बीमार हुए, उस दिन क्या खाया था। अस्पताल में बडाल के 11 मरीज भर्ती हैं। टीम बडाल गांव में लोगों के लिए बनाए गए विशेष शिविरों में भी गई। वहां उन्होंने लोगों से गांव की स्थिति और बीमारी के बारे में तथ्य जुटाने के लिए बातचीत की। रविवार को टीम बडाल फिर जाएगी।

    बता दें कि बडाल में रहस्यमय बीमारी से 17 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 13 बच्चे थे। बीमारी का पता लगाने के लिए देश भर से विभिन्न टीमें राजौरी आ चुकी हैं और सैंपल ले गईे, लेकिन अब तक एक भी रिपोर्ट सामने नहीं आई है।

    चंडीगढ़ मेडिकल कॉलेज की टीम भी पहुंची राजौरी

    मेडिकल कॉलेज राजौरी के डॉ. एएस भाटिया ने बताया कि गांव के ये मरीज इलाज के लिए जब अस्पताल लाए गए थे, उस समय उनकी हालत काफी गंभीर थी। यहां उपचार के बाद उनकी हालत में सुधार है।

    पीजीआइ की टीम ने सैंपल लिए पिछले तीन दिनों से पीजीआइ चंडीगढ़ की टीम राजौरी में है। इस टीम में तीन डॉक्टर हैं। उन्होंने शनिवार को भी बडाल का दौरा किया। उन्होंने मृतकों के घरों व बीमार हुए लोगों के घरों से कुछ सैंपल भी जुटाए। टीम सैंपल जांच के लिए साथ लेकर जाएगी।

    मेडिकल कॉलेज में भर्ती 11 लोगों को डिस्चार्ज करना था

    जानकारी के अनुसार तीन रोज पहले मेडिकल कॉलेज प्रशासन को मेडिकल कॉलेज में भर्ती 11 लोगों को डिस्चार्ज करना था, लेकिन प्रिंसिपल डॉ. एएस भाटिया ने मना कर दिया। इसके पीछे तर्क था कि यह लोग किस कारण से बीमार हुए हैं, हमने जो दवाई दी है, उससे कैसे ठीक हुए हैं। इन मरीजों को जब तक डिस्चार्ज नहीं कर सकते जब तक हमें यह पता न चले कि ये लोग किस कारण से बीमार हुए थे।

    चंडीगढ़ पीजीआई से तीन डॉक्टरों की टीम मेडिकल कॉलेज दोपहर बाद पहुंची। टीम में बाल रोग विशेषज्ञ भी शामिल थे। टीम ने भर्ती मरीजों से लंबी बातचीत की और अभी तक की जांच की पूरी जानकारी भी मेडिकल कॉलेज राजौरी से हासिल की। टीम ने विशेष शिविरों में रखे गए बडाल गांव के लोगों से बातचीत की।

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