आखिर राजौरी के इस गांव में हुआ क्या? नहीं थम रहा मौत का मंजर, रहस्यमयी बीमारी से अब तक 13 की गई जान
राजौरी के बडाल गांव में रहस्यमयी बीमारी से मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। सोमवार को दो और बच्चों की मौत हो गई जिससे मरने वालों की संख्या 13 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग अब तक बीमारी का पता नहीं लगा पाया है। डॉक्टर भी चिंतित हैं कि आखिर ये कौन सी बीमारी है जिसका पता नहीं चल पा रहा है।

जागरण संवाददाता, राजौरी। राजौरी जिले के बडाल गांव में रहस्यमय बीमारी से सोमवार को दो और बच्चों की मौत हो गई। इनकी एक बहन रविवार को दम तोड़ चुकी है। उसके तीन सगे भाई-बहन अभी अस्पताल में उपचाराधीन हैं।
ये सभी छह बच्चे गांव के मुहम्मद असलम के हैं। इन बच्चों के पिता मुहम्मद असलम के मामा मुहम्मद यूसुफ की भी देर शाम जीएमसी राजौरी में मौत हो गई। उन्हें भी इसी तरह के लक्षण थे। इन्हें मिलाकर इस गांव में पिछले एक माह में 10 बच्चों समेत 13 लोगों की मौत हो चुकी है।
मौत के कारणों का नहीं चल रहा है पता
बता दें कि गांव में फैली रहस्यमय बीमारी का पता लगाने के लिए पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पीजीआई चंडीगढ़, एम्स दिल्ली और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) दिल्ली के विशेषज्ञों की विभिन्न टीमें दौरा कर चुकी हैं, लेकिन मौतों का कोई कारण पता नहीं चला है। सैंपल की जांच के लिए विशेष लैब भी गांव में लाई गई थी। कोटरंका उप-मंडल का बडाल गांव रहस्यमय बीमारी से जूझ रहा है।
पिछले साल दिसंबर से शुरू है मौत का सिलसिला
पिछले साल दिसंबर में दो परिवारों के नौ लोगों की मौत हो गई थी। इसमें मुहम्मद अफजल और चार बच्चों की भी मौत हुई थी। उसकी पत्नी अभी भी जीएमसी जम्मू में उपचाराधीन है। 11 जनवरी उसके घर में निधन के बाद होने वाला धार्मिक कार्यक्रम था।
इसमें मुहम्मद असलम और उसके बच्चे भी गए थे। दोनों करीबी रिश्तेदार हैं। कार्यक्रम में खाना खाने के बाद असलम छह बच्चे बीमार हो गए। उन्हें उल्टी, बुखार, बेहोशी की शिकायत होने लगी। उन्हें पहले उप जिला अस्पताल कोटरंका और फिर जीएमसी राजौरी ले जाया गया। इसके बाद सभी को जीएमसी जम्मू रेफर कर दिया गया।
सोमवार को भी गई थी दो बच्चों की जान
सोमवार को जिन दो बच्चों जहूर अहमद (14) और मोहम्मद मारूफ (10) की मौत हुई है, उन्हें रविवार को जीएमसी राजौरी से एसएमजीएस अस्पताल जम्मू रेफर किया गया था। सोमवार को इन्होंने दम तोड़ दिया। इनकी आठ वर्षीय बहन नवीना कौसर की रविवार को ही मौत हो गई थी।
मृत बच्चों के रिश्तेदार एजाज अहमद ने बताया कि मौतों के सही कारण के बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। स्वास्थ्य विभाग बीमारी की पहचान करने में विफल रहा है। मुहम्मद यूसुफ कथित तौर पर पहले के पीड़ितों में देखे गए लक्षणों के समान लक्षणों से जूझ रहे थे।
पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य अलर्ट घोषित
अधिकारियों को अभी तक बीमारी के सटीक कारण का पता नहीं चल पाया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने प्रकोप की जांच करने, नमूने एकत्र करने और प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा दल भेजने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
इस बीच, जिला प्रशासन ने इस क्षेत्र में स्वास्थ्य अलर्ट घोषित कर दिया है और लोगों से एहतियाती उपाय करने का आग्रह किया है। लोगों को मुफ्त चिकित्सा जांच और बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान की हैं। संदिग्ध मामलों की निगरानी और उपचार के लिए बडाल में अस्थायी स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है।
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डॉक्टरों की चिंता, ऐसी कौन सी बीमारी या वायरस है जो पकड़ में नहीं आ रहा
गांव में एक माह में तीन परिवारों के 12 लोगों की मौत अचंभित करती है। इनमें अधिकतर बच्चे ही शामिल हैं। जांच में जुटे डॉक्टरों का कहना है कि यह कोई वायरस है जो सीधे दिमाग पर ही अटैक कर रहा है।
डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों की हालत ठीक दिखती है और 10 मिनट के अंदर ही फिर से गंभीर हो जाती है और चंद ही मिनटों में उनकी मौत हो जाती है। यह कौन सा वायरस है यह जांच में पकड़ में नहीं आ रहा है।
हमारे पास एक ही परिवार के छह बच्चे उल्टी, बेहोशी व बुखार की हालत में हमारे पास आए थे। उपचार के बावजूद इनकी इनकी हालत गंभीर होती गई तो इन्हें जम्मू रेफर कर दिया, जहां पर तीन बच्चों की मौत हो चुकी है। तीन की हालत गंभीर है। इन मौतों के कारणों का पता लगाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कारणों का कुछ पता नहीं चल पा रहा है। हमारी टीमें गांव में तैनात है और हर स्थिति पर नजर रखे हुए है।
-डॉ. एएस भाटिया, मेडिकल कॉलेज राजौरी के प्रिंसिपल
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