Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राजौरी में 17 मौतों का रहस्य बरकरार, पीजीआई टीम की जांच जारी; SIT के हाथ अभी भी खाली

    Updated: Fri, 31 Jan 2025 11:47 AM (IST)

    राजौरी के बडाल गांव में 17 लोगों की मौत के मामले में अभी तक रहस्य बना हुआ है। मेडिकल कॉलेज राजौरी में भर्ती 11 लोग ठीक हो चुके हैं लेकिन उन्हें छुट्टी नहीं दी जा रही है। चंडीगढ़ पीजीआई से तीन डॉक्टरों की टीम जांच कर रही है। एसआईटी टीम भी जांच में जुटी है लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।

    Hero Image
    मेडिकल कॉलेज राजौरी में भर्ती मरीजों की जांच करने पहुंची पीजीआई चंढीगड़ डॉक्टरों की टीम।

    जागरण संवाददाता, राजौरी। बडाल गांव में 17 लोगों की मौत का रहस्य अभी बना हुआ है। मेडिकल कॉलेज राजौरी में भर्ती बडाल गांव के 11 लोग पूरी तरह से ठीक चुके हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन उन्हें छुट्टी नहीं दे रहा है, क्योंकि इनके बीमार होने के करणों का पता नहीं चल पाया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गुरुवार को चंडीगढ़ पीजीआई से तीन डॉक्टरों की विशेष टीम को मेडिकल कॉलेज राजौरी में भेजा है। यह टीम भर्ती मरीजों की जांच कर रही है। इसके अलावा टीम विशेष केंद्रों में रखे गए गांव के लोगों से भी मिल रही है। यह टीम अपनी रिपोर्ट मेडिकल कॉलेज राजौरी के प्रिंसिपल डॉ. एएस भाटिया को देगी, उसी आधार पर कार्य किया जाएगा।

    बीमारी का कारण पता लगने तक नहीं मिलेगी छुट्टी

    जानकारी के अनुसार तीन रोज पहले मेडिकल कॉलेज प्रशासन को मेडिकल कॉलेज में भर्ती 11 लोगों को डिस्चार्ज करना था, लेकिन प्रिंसिपल डॉ. एएस भाटिया ने मना कर दिया। इसके पीछे तर्क था कि यह लोग किस कारण से बीमार हुए हैं, हमने जो दवाई दी है, उससे कैसे ठीक हुए हैं। इन मरीजों को जब तक डिस्चार्ज नहीं कर सकते जब तक हमें यह पता न चले कि ये लोग किस कारण से बीमार हुए थे।

    यह भी पढ़ें- तो इस वजह से फैल रही है बीमारी? राजौरी में 17 मौतों के बाद बड़ा खुलासा; भूलकर भी न पिएं झरनों का पानी

    चंडीगढ़ पीजीआई से तीन डॉक्टरों की टीम मेडिकल कॉलेज दोपहर बाद पहुंची। टीम में बाल रोग विशेषज्ञ भी शामिल हैं। टीम ने भर्ती मरीजों से लंबी बातचीत की और अभी तक की जांच की पूरी जानकारी भी मेडिकल कॉलेज राजौरी से हासिल की। टीम ने विशेष शिविरों में रखे गए बडाल गांव के लोगों से बातचीत की।

    मेडिकल कॉलेज राजौरी में भर्ती मरीजों की जांच करती पीजीआई चंढीगड़ से आई तीन डाक्टरों की टीम।

    क्या कहा मेडिकल कॉलेज राजौरी के प्रिंसिपल ने?

    मेडिकल कॉलेज राजौरी के प्रिंसिपल डॉ. एएस भाटिया ने कहा कि हमारे पास 11 लोग उपचार के लिए आए थे। सभी का हमने उपचार किया और मौजूद समय में सभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इन मरीजों को तब तक डिस्चार्ज नहीं किया जाएगा जब तक बीमारी के कारणों का पता नहीं चल पाता। जो सैंपल जांच के लिए दिल्ली गए थे, उनकी रिपोर्ट भी अभी तक नहीं आई है।

    पीजीआई चंडीगढ़ की टीम यह देख रही है कि यह लोग बीमार किस कारण से हुए और किस तरह की दवाई से यह ठीक हुए हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ से आई टीम जो रिपोर्ट देगी हम उसके ऊपर ही अपना कार्य करेंगे।

    विशेष जांच टीम के हाथ अभी भी खाली, सिर्फ पूछताछ

    बडाल में रहस्यमयी ढंग से 17 लोगों की हुई मौत के बाद एसएसपी राजौरी ने 15 जनवरी को एसआईटी का गठन दिया था, ताकि मौतों के असली कारणों का पता लगाया जा सके। टीम में पहले 11 सदस्यों को शामिल किया गया, लेकिन इसके बाद कई अन्य अधिकारियों को शामिल किया, ताकि जांच जल्द पूरी हो सके, लेकिन एसआईटी टीम के हाथ अभी भी खाली के खाली ही है।

    एसआईटी के गठन के बाद टीम ने एक सौ से अधिक लोगों से पूछताछ की, लेकिन कुछ भी साफ नहीं हुआ। टीम ने गांव के हर एक घर में जाकर जांच की और कुछ सैंपल भी लिए, जिन्हें जांच के लिए पुलिस ने अपने स्तर पर एफएसएल में भेजे, लेकिन इसके बाद भी टीम के हाथ कुछ नहीं लगा है।

    अभी तक जो भी जानकारी सामने आई है, उसमें यहीं कहा जा रहा है कि इन मौतों के पीछे किसी प्रकार का काई वायरस नहीं है। इन मौतों के पीछे जहर बताया जा रहा है। यह जहर कहां से आया और तीन परिवारों के 17 सदस्यों को जहर किसने दिया या फिर मृतकों ने किस तरह की खाद्य वस्तु का सेवन किया।

    यह भी पढ़ें- राजौरी के बडाल में नहीं थम रहा मौत का तांडव, खौफ और गम में डूबे लोग; असलम के घर से उठा आठवां जनाजा