राजौरी के बडाल में नहीं थम रहा मौत का तांडव, खौफ और गम में डूबे लोग; असलम के घर से उठा आठवां जनाजा
राजौरी जिले के बडाल गांव में रहस्यमयी मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें से 13 बच्चे हैं। मृतकों में असलम के छह बच्चे और उनके मामा-मामी भी शामिल हैं। गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है और लोग दहशत में जी रहे हैं। सरकार और प्रशासन मामले की जांच कर रहे हैं।

गगन कोहली, बडाल (राजौरी)। खौफ और गम में डूबे राजौरी जिले के बडाल गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है। एक-एक कर 17 रहस्यमयी मौत से पूरा गांव सहमा हुआ है। अभी तक किसी को कुछ स्पष्ट पता नहीं कि मौत के कारण क्या हैं? इसलिए ग्रामीण ही नहीं, पुलिस-प्रशासन और सरकार सब के सब स्तब्ध हैं।
एक तरफ केंद्रीय टीम यहां मामले की जांच में पहुंची है तो दूसरी तरफ सोमवार शाम को मोहम्मद असलम की अंतिम छठी संतान यासमीन कौसर का शव पोस्टमार्टम के बाद जम्मू से गांव पहुंचा। शव पहुंचते ही हर तरफ चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया।
असलम के सभी बच्चों की हो चुकी है मौत
असलम के सभी छह बच्चों के अलावा उसके मामा-मामी की रहस्यमयी मौत हो चुकी है। लोग अपनी संवेदना प्रकट करने के लिए असलम के घर आते हैं और वहां से निकल जाते हैं। पुलिस और प्रशासन अधिक लोगों को असलम के घर में जमा नहीं होने दे रहा है। एक अजीब सी दहशत का माहौल बना हुआ है।
(राजौरी जिले के बडाल गांव में आठ दिन में एक ही परिवार के आठ सदस्यों की मौत होने के बाद सोमवार को सील किया गया मोहम्मद असलम का घर)
असलम की आखिरी बेटी यासमीन कौसर जिसने उपचार के दौरान रविवार को एसएमजीएस अस्पताल जम्मू में दम तोड़ा था, सोमवार की देर शाम को उसका शव पोस्टमार्टम के बाद जम्मू से बडाल गांव पहुंचा।
शव को एंबुलेंस से उतारकर घर के अंदर पहुंचाया गया और अंतिम रस्मों को पूरा करने के बाद घर के पास ही खेत में जनाजा पढ़ा गया। उसमें विधायक जावेद इकबाल भी शामिल हुए।
3 परिवारों में जा चुकी है 17 जानें
जनाजे के दौरान मौलाना ने कहा कि तीन परिवारों में 17 मौतें हो चुकी हैं। अब इन मौतों के पीछे जो कोई भी है, उसे खुदा सामने लाए ताकि गांव के अन्य लोग अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सके।
इसके बाद शव को कब्रिस्तान में वहीं दफन किया गया, जहां उसके भाई-बहन और रिश्तेदारों के सात कब्रें थीं। इस नए बने कब्रिस्तान में मुहम्मद असलम के पांच बच्चे व मामा-मामी दफन हैं, इन्हीं के साथ जबीना को भी दफन कर दिया गया।
(मुहम्मद असलम के घर के बाहर बैठे ग्रामीण)
मौतों के रहस्य से पर्दा हटाने के लिए जद्दोजहद कर रहे विशेषज्ञ
बडाल गांव में एक-एक कर 17 लोगों की रहस्यमय तरीके से मौत किसी बड़ी आपदा से कम नहीं है। आपदा में तो मौत के कारणों का पता होता है, लेकिन यहां मौतों के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए विशेषज्ञों की टीम जद्दोजहद कर रही है।
एक दिन पहले रविवार को गांव की एक बावली को पानी में कीटनाटक के अंश होने के कारण सील कर दिया गया था तो दूसरे दिन सोमवार को असलम के घर को भी सील कर दिया गया।
स्कूल में मिड डे मील बंद, बच्चों को किया जा रहा जागरूक
बडाल गांव के हाई स्कूल में मिड डे मिल की सुविधा फिलहाल बंद कर दी गई। अध्यापक स्कूल में आने वाले विद्यार्थियों को लगातार जागरूक कर रहे हैं ताकि स्कूल के विद्यार्थी पूरी तरह से सुरक्षित रहें। स्कूल के अध्यापक विद्यार्थियों को बता रहे हैं कि घर का खाना ही अपने साथ लाएं।
उन्होंने कहा कि खाना खाने के लिए बर्तन भी घर से ही लाएं। घर से सीधे स्कूल आएं और स्कूल से सीधे अपने घर जाएं। बीच रास्ते में किसी भी प्रकार की खाद्य वस्तु का सेवन न करे।
इसके अलावा विद्यार्थी अपनी स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखें। अध्यापक विद्यार्थियों से कह रहे है कि क्षेत्र में 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 13 बच्चे शामिल हैं। उनमें से अधिकतर बच्चे इसी स्कूल के विद्यार्थी थे।
छह बच्चों को खोने वाली मां बार-बार हो रही बेसुध
अपने छह बच्चों को खोने वाली मां साकिया का बुरा हाल है। वह रो-रोकर बार-बार बेहोश हो जाती है। बेसुध होकर अपने बच्चों की तलाश शुरू कर देती है। उसे यकीन नहीं हो रहा है कि उसके छह के छह बच्चे अब इस दुनिया को अलविदा कर चुके हैं।
(अपने छह बच्चों को याद कर रोती साकिया बेगम)
साकिया के पास गांव की कुछ महिलाएं बैठकर उसे हौसला देने का प्रयास करती है, लेकिन वह बस एक ही बात कहती है कि मेरे बच्चों को ठंड लग रही होगी, आग जला दो। कभी कहती है कि खाना बन गया। मेरे बच्चों को बुलाओ ताकि वह गर्म गर्म खान खा ले।
इस मंजर को देखकर हर किसी की आंखों से आंसू छलक रहे हैं, लेकिन छह बच्चों को खोने वाली मां की हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही है। उसे उम्मीद थी कि यासमीन ठीक हो जाएगी, लेकिन खुदा को कुछ और ही मंजूर था।
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पाबंदियों के बीच हुआ निकाह, बारात में सिर्फ पांच लोग शामिल
राजौरी के बडाल गांव के इखलाक शाह का निकाह सोमवार को सादगीपूर्ण तरीके से हुआ, जिसमें सिर्फ पांच लोग बारात में शामिल हुए। बडाल गांव के निवासी इखलाक पुत्र कयूम शाह डेढ़ महीने में 17 लोगों की मौत के कारण सभी परेशान हैं, क्योंकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इन मौतों का कारण क्या हैं?
स्थानीय लोगों ने बताया कि सोमवार को इखलाक का निकाह सादगीपूर्ण तरीके से हुआ। गांव के बुजुर्ग और पूर्व वार्ड सदस्य (पंच) मुहम्मद हफीज ने बताया पंद्रह किलोमीटर दूर दराज गांव में पुल के घर आई बारात में इखलाक उसके पिता, दो दोस्त और एक मौलवी समेत सिर्फ पांच लोग शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि इस सरल विवाह का निर्णय ग्रामीणों द्वारा इन मौतों पर शोक व्यक्त करने और अधिकारियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का पालन करने के लिए लिया गया था। दूल्हे इखलाक शाह के बड़े भाई उमर शाह जो बारात का हिस्सा बनने के बजाय घर पर ही रहे।
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