आतंकियों का सफाया करने के लिए केंद्र का मेगा प्लान, पुंछ हमले के बाद सेना को मिले बुलेट प्रूफ Armado वाहन; थर-थर कांपेंगे दहशतगर्द
आतंकियों के लगातार सेना की गाड़ियों को निशाना बनाने के कारण अब जवानों को आने जाने के लिए पुंछ और राजौरी में बुलेट प्रूफ आर्माडो (Mahindra Armado) वाहनों की पहली खेप मिल गई है। इन वाहनों की मदद से जवान बिना किसी दिक्कत के आसानी से आवाजाही कर पाएंगे। इन वाहनों को आधुनिक स्तर से तैयार किया गया है जिससे दहशतगर्द थर-थर कांपेंगे।

जागरण संवाददाता, राजौरी। भारतीय सेना को राजौरी और पुंछ जिलों में हाई क्वालिटी बुलेट प्रूफ आर्माडो (Mahindra Armado) वाहनों का पहला बैच प्राप्त हुआ है, जिसका उद्देश्य दोनों सीमावर्ती जिलों में सेना के जवानों के परिवहन बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। क्योंकि पिछले कुछ समय में आतंकियों द्वारा सेना के वाहनों को निशाना बनाया जा रहा है। इन वाहनों में सवार होकर सेना के जवान सुरक्षित एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में आ जा सकेंगे और इसके साथ-साथ आतंकियों की गोलीबारी के बीच पहुंचकर उनसे मुकाबला भी करेंगे।
यह बख्तरबंद लाइट स्पेशलिस्ट वाहन विशेष रूप से भारतीय सेना लिए बनाए गए हैं। वर्तमान सुरक्षा स्थिति के कारण, विशेषकर पिछले कुछ सालों के दौरान आतंकी हमलों, मुठभेड़ों में वृद्धि को देखते हुए राजौरी और पुंछ जिलों पर रक्षा और प्रशासनिक मशीनरी का नए सिरे से ध्यान केंद्रित हो रहा है।
आतंकियों ने कई बार बनाया सेना के वाहनों को निशाना
हाल के एक हमले में आतंकियों ने 21 दिसंबर को डीकेजी-बुफलियाज रोड पर टोपा पीर क्षेत्र पर सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें चार सेना के जवान बलिदान हो गए, जबकि तीन अन्य घायल हो गए थे।
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इसके बाद से ही यह बात उठ रही थी कि जवानों को एक जगह से दूसरे क्षेत्र में आने जाने के लिए बुलेट प्रूफ वाहनों का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है। अगर जवान बुलेट प्रूफ वाहनों पर उपयोग करे तो वह सुरक्षित ही एक जगह से दूसरी जगह तक आ जा सकते है और आतंकियों की गोलीबारी के बीच जाकर उन्हें ढेर कर सकते है।
आधुनिक सुविधाओं से लेस हैं बुलेट प्रुफ गाड़ियां
इस मांग के बाद राजौरी व पुंछ दोनों जिलों में भारतीय सेना को कुछ एडवांस्ड बुलेट प्रूफ गाड़ियां मिली हैं। इन वाहनों का इस्तेमाल सैनिक ने करना भी शुरू कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि पहली खेप में पचास के करीब वाहन राजौरी व पुंछ में पहुंच चुके है और आने वाले दिनों में ऐसे वाहन और राजौरी व पुंछ में भेजे जाएंगे। वहीं इस वाहनों में सवार होकर सेना के जवान एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जा रहे है। यह वाहन आधुनिक सुविधाओं से लेस है।
ये रहेगी गाड़ी में खासियत
इसमें 3.2 लीटर बहु-ईंधन डीजल इंजन है जो 216 hp की पावर जनरेट करता है। ये एक सिक्स -स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स ट्रांसमिशन के साथ आती है। 4X4 सिस्टम के माध्यम से सभी चार पहियों को पावर भेजता है। जो डिफरेंशियल लॉक के साथ जुड़ जाता है। परफॉर्मेंस की बात करें तो यह 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है और 12 सेकंड में 0-160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है।
इसके साथ ही कंपनी ने ये दावा किया है कि एएलएसवी बैलिस्टिक और विस्फोटकों के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फ्रंट, साइड और रियर के लिए संरक्षित गतिशीलता की पेशकश करता है। वहीं, बात वजन की तो ये 1,000 किलोग्राम से अधिक 400 किलोग्राम अतिरिक्त वजन को उठा सकती है।
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