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    रहस्यमय मौतों से घिरे राजौरी के बडाल गांव में पहुंचे सीएम उमर, पूरा इलाका कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित; आवाजाही पर रोक

    रहस्यमय बीमारी के साए में जी रहे राजौरी के बडाल गांव के लोगों की चिंताएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पीड़ितों के संपर्क में रहे एक और युवक के मंगलवार को बीमार पड़ने के बाद गांव में फिर हड़कंप मच गया और उसे उपचार के लिए तुरंत चंडीगढ़ रेफर किया गया है। गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए आवाजाही पर पूर्ण रोक लगा दी है।

    By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 22 Jan 2025 07:39 AM (IST)
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    रहस्यमय मौतों से घिरे राजौरी का बडाल गांव कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित (फोटो- जागरण)

     जागरण संवाददाता, राजौरी। जम्मू-कश्मीर के राजौली जिले के बडाल गांव में तीन परिवारों के 13 बच्चों समेत 17 लोगों की मौत से हर कोई हैरान है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला गांव में स्थिति का निरीक्षण करने के लिए मंगलवार को स्वयं बडाल पहुंचे।

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    बडाल गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित किया

    उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि इस गांव में मौतों के पीछे के रहस्य को सामने लाने के लिए जांच चल रही है। सभी सवालों के जवाब जल्द ही मिल जाएंगे। वहीं पीड़ितों के संपर्क में रहे एक युवक के मंगलवार को बीमार पड़ने के बाद प्रशासन ने बडाल गांव को कंटेनमेंट जोन (नियंत्रित क्षेत्र) घोषित करते हुए आवाजाही पर पूर्ण रोक लगा दी है।

    सभी मौतें सात दिसंबर से 19 जनवरी के बीच रहस्यमय परिस्थितियों में हुई

    भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 163 के तहत राजौरी के सहायक जिला मजिस्ट्रेट राजीव कुमार खजूरिया द्वारा मंगलवार देर रात जारी आदेश के बाद पीड़ित परिवारों के घर सील कर दिए गए हैंबडाल गांव में ये सभी मौतें सात दिसंबर से 19 जनवरी के बीच रहस्यमय परिस्थितियों में हुई हैं।

    इनका कारण पता लगाने के लिए प्रदेश की स्वास्थ्य एजेंसियों समेत चंडीगढ़, नई दिल्ली से लेकर पुणे तक चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थानों के विशेषज्ञ जांच कर चुके हैं। उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को गांव में जाकर शोक संतप्त परिवारों के साथ मिलकर संवेदना प्रकट की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि दूरदराज के इलाकों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए जिला स्तर पर स्वास्थ्य क्षेत्र की अपर्याप्तता को दूर किया जाएगा।

    उमर अब्दुल्ला ने कही ये बात

    उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह घटनाएं बैक्टीरिया या वायरल मूल की संक्रामक बीमारी के कारण नहीं थीं। इसमें कोई सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलू नहीं है। मृतकों के नमूनों में कुछ न्यूरोटाक्सिन पाए जाने के बाद एसआइटी बनाई गई है।

    पुलिस ने भी इस बात का संज्ञान लिया है कि मौतें किसी की करतूत का नतीजा तो नहीं हैं। नागरिक प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस जांच कर रहे हैं। हमारे पास केंद्रीय टीम भी है, जिसने कुछ उपाय सुझाए हैं। जांच के बाद ही पूर बात सामने आएगी।

    अंतर मंत्रालयीय टीम ने लिए सैंपल

    अंतर मंत्रालयीय टीम ने दूसरे दिन मोहम्मद रफीक के घर का दौरा किया। रफीक के भी तीन बच्चों व पत्नी की मौत हो चुकी है। टीम के सदस्यों ने घर के अंदर और बाहर से कई सैंपल लिए। परिवार के सदस्यों से भी काफी देर तक बातचीत की और पूछा कि बच्चों ने बीमार होने से पहले क्या खाया था? वह कहां गए थे और किससे मिले थे। शुरुआत में उन्हें किस तरह की चिकित्सा सुविधा दी गई। सैंपल लेने के बाद टीम देर शाम को राजौरी लौट आई। यह सैंपल अब जांच के लिए दिल्ली भेजे जाएंगे।

    एक और युवक की हालत बिगड़ी

    बडाल गांव में एक और युवक एजाज(25) को बीमार होने पर इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। वह मोहम्मद असलम का भांजा है। मोहम्मद असलम और उसके परिवार के छह बच्चों की मौत पहले ही हो चुकी है।

    एजाज दोपहर तक असलम के घर में ही था और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के दौरे को लेकर प्रबंध कर रहा था। दोपहर बाद अचानक वह बीमार हो गया। इसके बाद मौके पर मौजूद डॉक्टरों ने उसे कोटरंका अस्पताल रेफर किया। उसे अब चापर से पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर करने की तैयारी है।

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