बिलावर में तीनों बरातियों की नाले में गिरने से हुई थी मौत? पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया सामने सच
Kathua Murder Case कठुआ हत्याकांड में पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि तीनों बरातियों की मौत ऊंचाई से गिरने से हुई है। हालांकि आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। स्थानीय लोग इसे आतंकी वारदात मान रहे हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी इसे आतंकी घटना बताया था। पुलिस की जांच जारी है। यह मामला जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भी गूंजा था।
जागरण संवाददाता, कठुआ। Kathua Murder Case: जिला कठुआ के पहाड़ी क्षेत्र बिलावर में नाले में मिले किशोर सहित तीन बरातियों के शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत ऊंचाई से गिरने से होने की बात सामने आई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तीनों शवों पर गहरे जख्मों के निशान हैं।
किशोर के सिर पर गहरी चोट का बड़ा जख्म है, दूसरे की एक बाजू टूटी है, जबकि तीसरे मृतक के सिर में गहरा घाव है। हालांकि, आधिकारिक रूप से पोस्टमार्टम रिपोर्ट की पुष्टि नहीं हुई है और न ही कोई अधिकारी रिपोर्ट के बारे में कुछ भी बोलने को तैयार है।
जितेंद्र सिंह ने बताया था आतंकी वारदात
इसी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर अब पुलिस मामला दर्ज कर आगे की जांच करेगी। अब यह पुलिस जांच का विषय है कि तीनों को आतंकियों ने नाले में धक्का दिया था या ये किसी दुर्घटनावश नाले में गिरे हैं।
स्थानीय लोग इस घटना को शुरू से ही आतंकी वारदात बता रहे हैं। वहीं, घटना के बाद केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी एक्स पर इसे आतंकी वारदात ही बताया था।
बरात जाते समय लापता हुए थे तीनों
कठुआ जिला के बिलावर में इसी माह पांच मार्च को फौजी दूल्हे के तीन रिश्तेदार बरात जाते समय रास्ते से लापता हो गए थे। आतंकी वारदात की आशंका पर सुरक्षाबलों ने क्षेत्र में बड़े स्तर पर तलाशी अभियान भी चलाया था। चार दिन बाद तीनों के शव मल्हार क्षेत्र के इंशू नाले में बरामद हुए थे।
पास ही दूल्हे के भाई की पगड़ी और बैग बरामद हुआ था। मृत मिले किशोरे ने उल्टी पेंट पहनी थी। इससे लोगों को आशंका हुई कि आतंकियों ने इन लोगों को यातनाएं देकर नाले में धक्का मारा है। इसके बाद स्थानीय लोगों ने आतंकियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किए और मामला विधानसभा में भी गूंजा था।
आतंकवाद से प्रभावित रहा है यह क्षेत्र
गौरतलब है कि बिलावर का मल्हार क्षेत्र पहले से ही आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्र रहा है, लेकिन बीच में माहौल शांत रहने के कारण हर कोई खुशी-खुशी अपना जीवन यापन कर रहे थे। इस बीच कुछ वर्षों आतंकवाद को दोबारा जिंदा करने की कोशिश की जा रही है, जिसमें कुछ लोगों को पुलिस ने पकड़ कर जेल भी भेजा।
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