Kathua Encounter: सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच फिर शुरू हुई मुठभेड़, एक आतंकी के मारे जाने की सूचना
कठुआ में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एक बार फिर मुठभेड़ शुरू हो गई है। सोमवार देर रात पंजतीर्थी क्षेत्र में शुरू हुई इस मुठभेड़ में एक आतंकी के मारे जाने की खबर है। हालांकि इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि घेरे में वही तीन आतंकी फंसे हैं। जिनकी तलाश में सर्च अभियान चलाया गया।

जागरण संवाददाता, कठुआ। जम्मू-कश्मीर के अंतर्गत जिला कठुआ में पहले सन्याल, फिर सुफैन और अब सोमवार देर रात पंजतीर्थी क्षेत्र में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया है, लेकिन इसकी पुष्टि अभी होना बाकी है।
जानकारी के अनुसार, रात करीब सवा दस बजे गश्त कर रहे सुरक्षाबल व आतंकियों का आमना-सामना हो गया। आतंकियों ने सुरक्षाबलों को देखते ही गोलीबारी शुरू कर दी। जिसके बाद जवानों ने भई पॉजिशन ले ली। 15 मिनट तक दोनों तरफ से जमकर गोलीबारी हुई। इसमें 15 से 30 राउंड फायर किए गए।
इसके साथ बिलावर से बड़ी संख्या में सुरक्षाबल मुठभेड़ स्थल पर पहुंच गए। यह क्षेत्र बिलावर तहसील में रामकोट पुलिस चौकी के अंतर्गत आता है।
इन्हीं आतंकियों की तलाश में थे जवान
माना जा रहा है घेर में वही तीन आतंकी फंसे हैं, जो सुफैन में अपने दो साथी आतंकियों के मारे जाने के बाद घटनास्थल से भाग निकले थे। इसके बाद ये आतंकी गत दिवस रुई क्षेत्र में देखे गए थे। पंजतीर्थी क्षेत्र रुई क्षेत्र से आगे ही पड़ता है, जो घुसपैठियों का बिलावर तक पहुंचने का पारंपरिक रूट रहा है।
बता दें कि गुरुवार को कठुआ जिले के जुथाना गांव में मुठभेड़ के दौरान तीन आतंकी मारे गए थे, जबकि पुलिस के तीन जवान बलिदान हुए थे। ये जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के जवान थे।
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वहीं, शुक्रवार सुबह जब मुठभेड़ स्थल (Kathua Encounter) पर पुलिस की तरफ से ड्रोन की मदद से जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया तो चौथे जवान का शव बरामद हुआ। उक्त जवान की पहचान जगवीर सिंह पुत्र भोलाराम, निवासी गांव मट्टू, खौड़, जम्मू के रूप में हुई।
कठुआ में ही घूम रहे आतंकी
ये तीनों आतंकी कठुआ में ही छिपते-छिपाते नजर आ रहे हैं। वहीं, कठुआ जिले के हीरानगर क्षेत्र में हुई आतंकी मुठभेड़ के बाद पहाड़ी क्षेत्र के लोगों में डर का भी माहौल है। क्योंकि ये आतंकी किसी के भी घर पहुंच जाते हैं और बंदूक की नोक पर उनसे मदद मांग रहे हैं। आलम यह है कि हर जगह आतंकी मुठभेड़ की ही चर्चा होती रहती है। ग्रामीण अंधेरा होते ही दरवाजे बंद कर घरों के अंदर कैद हो जा रहे हैं।
सरथली, लोआंग, सरथल, डुगन, दरावल, बकोगा, धोला, कामलोग, गला आदि स्थानों में सैनिक शिविर स्थापित किए गए हैं जो कि समय-समय पर गश्त भी करते हैं। इसके बावजूद मुठभेड़ के बाद लोगों में डर का माहौल है।
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