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    जम्मू के स्कूल में यह कैसी व्यवस्था? 200 छात्रों को पढ़ाने के लिए केवल 3 टीचर; बच्चों की पढ़ाई प्रभावित

    जम्मू के बिलावर में स्थित राजकीय हाई स्कूल देहोता शिक्षकों की कमी और बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है।इस स्कूल में 200 छात्रों को पढ़ाने के लिए केवल तीन शिक्षक उपलब्ध हैं जिससे बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। इसके साथ ही स्कूल की इमारत भी जर्जर हालत में है। स्थानीय लोग स्कूल को हाई सेकेंडरी स्कूल में अपग्रेड करने की मांग कर रहे हैं।

    By Karun Sharma Edited By: Suprabha Saxena Updated: Fri, 21 Feb 2025 07:44 PM (IST)
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    स्कूल की इमारत भी जर्जर हालत में है

    संवाद सहयोगी, बिलावर। सरकार नई शिक्षा पॉलिसी लाकर शिक्षा व्यवस्था को और ज्यादा बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है। लेकिन जब तक स्कूलों में शिक्षक और बच्चों के बैठने के लिए इमारत नहीं होगी। तो सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से व्यवस्था कैसे ठीक होगी।

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    बिलावर शिक्षा जोन के अधीन पड़ते राजकीय हाई स्कूल देहोता को अपग्रेड हाई सेकेंडरी स्कूल बनाने की मांग स्थानीय लोग सरकार से कर रहे हैं । लेकिन यहां पर एक तो स्कूल में पढ़ रहे 200 बच्चों को पढ़ाने के लिए मात्र तीन ही शिक्षक उपलब्ध है।

    स्कूल में केवल 6 टीचर थे जिनमें से 2 के ट्रांसफर किए गए

    बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसके अलावा इमारत का भी अभाव है। लोगों का कहना है कि हाई स्कूल में हेडमास्टर ,पांच मास्टर ग्रेड शिक्षक और 6 टीचर ग्रेड शिक्षकों के साथ हेड मास्टर के पद हैं लेकिन मौजूदा समय में तीन शिक्षक ही स्कूल में 200 बच्चों को पढ़ाने के लिए उपलब्ध है।

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    11 शिक्षकों में से कभी भी पूरे शिक्षकों के पद भरे नहीं गए। स्कूल में जो 6 शिक्षक थे। उनमें से दो के ट्रांसफर किसी दूसरे स्थान पर हो गया और एक शिक्षक रिटायर हो गए। लेकिन उनके खाली पड़े पदों को भरने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई भी प्रयास नहीं किया गया।

    स्कूल की इमारत भी सही नहीं

    देहोता के पूर्व सरपंच वीणा देवी, पूर्व नायब सरपंच नपा राम,पूर्व पंच करमचंद अंकुश ठाकुर बाबूराम जोगिंदर सिंह , करनैल सिंह ,शेरो राम लोगों ने बताया कि हाई स्कूल की इमारत के निर्माण के लिए सरकार द्वारा चार साल पहले एक कमरे के लिए फंड्स मंजूर किए गए थे।

    लेकिन वह विभाग की अपेक्षित नीतियों के कारण लैप्स हो गए। ठेकेदार ने सिर्फ कमरे की नींव ही भारी और आगे का काम नहीं करवाया। इस बारे में डिप्टी सीईओ बिलावर चमन लाल चाढ़क से बात की गई तो उन्होंने कहां की स्कूल खुलते ही दूसरे स्कूलों से शिक्षकों की व्यवस्था कर हाई स्कूल देहोता में भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल की इमारत के लिए प्रपोजल दिया गया है।

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