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    माता वैष्णो देवी जाने से भी मिलेगा महाकुंभ जितना पुण्य, पढ़िए कैसे होगा मां के दर्शन से उद्धार

    प्रयागराज में महाकुंभ लगा हुआ है। करोड़ों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई है। इस बीच स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि माता वैष्णो देवी जाने से भी महाकुंभ जितना पुण्य मिलेगा। स्वामी जी ने कहा कि कटड़ा त्रिकुटा पर्वत पर तीन पिंडियां इसी त्रिवेणी के साक्षात और स्थायी रूप से विराजमान रहती हैं।

    By Rakesh Sharma Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 31 Jan 2025 07:17 PM (IST)
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    महाकुंभ और वैष्णो देवी के दर्शन को लेकर स्वामी राजेश्वरानंद महाराज का बड़ा बयान।

    संवाद सहयोगी, कटड़ा। त्रिकुटा पर्वत पर तीन पिंडियों के दर्शन या त्रिवेणी में तीन नदियों के संगम में स्नान दोनों एक समान रूप से शुभफल प्रदान करते हैं। यह संदेश स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज ने कश्मीर मार्ग कटड़ा मे भूमिका मंदिर के पास नल्लेया स्थित श्री राजमाता जी आश्रम शनि मंदिर के वार्षिकोत्सव पर भक्तजनों को दिया।

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    सदगुरु राज दरबार के प्रबंधक राम वोहरा ने बताया कि श्री राजमाता जी आश्रम शनि मंदिर के वार्षिकोत्सव संदर्भ में आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव के प्रथम दिवस स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज के सान्निध्य में भक्त समूह ने सर्वप्रथम गुरुदेव एवं श्रीगणेश आह्वान पश्चात जय माता दी की जय जयकार और ढोल बाजे के साथ "चलो बुलावा आया है" भेंटो की धुनों पर नाचते, गाते हुए नल्लेया से त्रिकुटा पर्वत पर वैष्णो देवी दर्शन की ओर बढ़े।

    'त्रिकुटा पर्वत पर तीन पिंडियां संगम त्रिवेणी के साक्षात'

    इस अवसर पर भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो प्रयागराज त्रिवेणी संगम पर कुंभ स्नान का महात्म्य चल रहा है। इसी के समकक्ष दृष्टिकोण से देखें तो कटड़ा त्रिकुटा पर्वत पर तीन पिंडियां इसी त्रिवेणी के साक्षात ओर स्थाई रूप से विराजमान रहती हैं।

    एक तरफ गंगा यमुना सरस्वती का संगम विशेष ग्रह नक्षत्र में कुंभ स्नान का शुभफल प्राप्त होता है तो दूसरी तरफ महालक्ष्मी, महासरस्वती, महाकाली का दर्शन गुप्त नवरात्र में विशेष शुभफल प्रदान करता है।

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    विश्वभर में प्रयागराज को तीर्थराज तो शक्तिपीठों में त्रिकुटा पर्वत स्थित वैष्णो देवी दरबार को सर्वोच्च शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है। त्रिवेणी और त्रिकुटा स्थित तीन शक्तियां ही मनुष्य के भीतर सत रज तम के रूप में विराजमान रहती हैं।

    भव्य भंडारे का होगा आयोजन

    संतुलित रूप से इन शक्तियों का उपयोग करते हुए मनुष्य जीवन जीने की युक्ति भक्ति और मुक्ति को प्राप्त कर सकते हैं। शनिवार आज शाम 6 बजे से शनि मंदिर नलेय्या में भगवती चौकी पर भंडारे का आयोजन किया जाएगा।बता दें कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ लगा है। इस महाकुंभ में करोड़ों लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। भारी संख्या में अभी भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।   

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