Operation Sindoor: उरी, बालाकोट और अब ऑपरेशन सिन्दूर... तीन स्ट्राइक ने तोड़ी पाकिस्तान की कमर
Operation Sindoor उरी बालाकोट के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर फिर एयर स्ट्राइक की। इस हमले में गुलाम जम्मू-कश्मीर में मौजूद कई आतंकी ठिकानों को धवस्त कर दिया गया है। इसी क्रम में आइए जानते हैं कि पाकिस्तान पर भारत ने कब-कब स्ट्राइक की हैं।

जागरण संवाददाता, जम्मू। Operation Sindoor: पहलगाम आतंकी हमले के ठीक 15वें दिन मंगलवार आधी रात करीब 1 बजकर 44 मिनट पर भारत ने पाकिस्तान और गुलाम जम्मू-कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर एयर स्टाइक की।
भारत ने इसे ‘आपरेशन सिंदूर’ नाम दिया है। भारत ने बहावलपुर में जैश के सरगना मसूद अजहर व लश्कर सरगना हाफिस सईद के अड्डों सहित नौ आतंकी ठिकानों पर एकसाथ बमबारी की। इससे पहले भी भारत पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक कर चुका है। आइए, जानते हैं भारत ने पाकिस्तान पर कब-कब एयर स्ट्राइक की।
साल 2016 में उरी (Uri Surgical Strike) और 2019 में पुलवामा आतंकी (Pulwama Terror Attack) हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के रूप में बदला लिया था। 2016 में उरी (Uri Surgical Strike) में अपने 19 सैनिकों के मारे जाने के बाद भारत ने नियंत्रण रेखा के पार चरमपंथियों के शिविरों पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की थी।
2019 में की थी बालाकोट एयर स्ट्राइक
2019 में पुलवामा में विस्फोट हुआ जिसमें भारतीय अर्द्धसैनिक बलों के 40 जवान मारे गए थे. इसके बाद भारत ने बालाकोट (Balakot Surgical Strike) में अंदर तक एयर स्ट्राइक की।
26 फरवरी 2019 की देर रात, भारत के साथ साथ पाकिस्तान भी गहरी नींद में सो रहा था, उस वक्त रात के करीब सवा एक बजे हथियारों से लैस 20 मिराज-2000 लड़ाकू विमान एक के बाद एक ग्वालियर के एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरना शुरू करते हैं।
2 हजार किलो बम जैश के ठिकानों पर गिराए
भारत के 16 विमान पीओके में घुस गये थे, जिनमें से चार फाइटर जेट्स एस्कॉर्ट ड्यूटी के लिए थे और चार अन्य लड़ाकू विमान बैक-अप बनकर पीछे रह गए थे।
ये फाइटर जेट्स पीओके में करीब 15 किमी अंदर बालाकोट पहुंचते हैं और इजरायल में बना 2 हजार किलो का स्पाइस बम जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के शिविर पर गिरा देते हैं।
जैश-ए-मोहम्मद के शिविर पर बम गिराने के बाद ये सभी फाइटर जेट्स वापस भारत लौट जाते हैं। इस दौरान चार मिराज विमान, जो मीका आरएफ और आईआर एयर-टू-एयर मिसाइलों से लैस थे, वो तब तक पीछे रहते हैं, जब तक कि बाकी के 12 विमान भारतीय हवाई क्षेत्र में वापस नहीं आ गए।
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