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    उच्च न्यायालय ने वर्चुअल सुनवाई को और व्यवस्थित बनाने के लिए जारी की नई एसओपी, जानें क्या की गई है व्यवस्था

    जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने वर्चुअल कोर्ट की कार्यवाही को व्यवस्थित करने के लिए अब सुनवाई सूची में ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग लिंक उपलब्ध कराने का फैसला किया है। वकीलों को सुनवाई से पहले बेंच सचिव को सूचित करना होगा। अदालत ने वर्चुअल सुनवाई में अनुशासन बनाए रखने और रिकॉर्डिंग पर रोक लगाने जैसे नियम भी तय किए हैं।

    By Dinesh Mahajan Edited By: Rahul Sharma Updated: Thu, 28 Aug 2025 07:49 PM (IST)
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    यह जानकारी हाईकोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी।

    जेएनएफ, जम्मू। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने वर्चुअल कोर्ट कार्यवाही को और व्यवस्थित बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

    अब से अदालत की साप्ताहिक सुनवाई की लिस्ट में ही प्रत्येक बेंच की वीडियो कान्फ्रेंसिंग (वीसी) लिंक दिया जाएगा। इस कदम से वकीलों को सुनवाई संबंधी पहले से जानकारी उपलब्ध होगी और वे बेंच की अनुमति मिलने पर आनलाइन पेश हो सकेंगे।

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    रजिस्ट्रार जनरल (आफिसिएटिंग) एमके शर्मा द्वारा जारी आदेश के अनुसार, वीसी लिंक अब सुनवाई की लिस्ट का हिस्सा होगा। इसके साथ ही एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी जारी की गई है, जिसमें आनलाइन सुनवाई में शामिल होने के लिए कड़े नियम निर्धारित किए गए हैं।

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    एसओपी के अनुसार, जो भी वकील वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होना चाहते हैं, उन्हें सुनवाई वाले दिन सुबह 10 बजे से पहले बेंच सचिव या रीडर को सूचित करना अनिवार्य होगा। लिंक से जुड़ने वाले प्रतिभागियों को अपना केस आइटम नंबर, नाम और यह स्पष्ट करना होगा कि वे याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

    अदालत ने स्पष्ट किया है कि वर्चुअल सुनवाई में वही अनुशासन और मर्यादा बनाए रखी जाएगी जो आम अदालत कक्ष में होती है। निर्धारित ड्रेस कोड का पालन अनिवार्य होगा। केस बुलाए जाने से पहले प्रतिभागियों के माइक्रोफोन और कैमरा बंद रहेंगे।

    साथ ही, कार्यवाही की रिकार्डिंग या शेयर करना सख्त मना है। नियम तोड़ने वालों को तुरंत लिंक से हटा दिया जाएगा और दोबारा जुड़ने की अनुमति नहीं होगी।

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    इसके अतिरिक्त, आदेश में कहा गया है कि वीसी लिंक को हाईकोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट (http://jkhc.gov.in/dis) पर अपलोड करेंगे, ताकि जम्मू और श्रीनगर दोनों विंग्स के वकीलों को आसानी से जानकारी मिल सके।