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    Amarnath Yatra 2024: जम्मू से अमरनाथ धाम के लिए इस दिन रवाना होगा पहला जत्था, दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु करवा चुके हैं पंजीकरण

    Updated: Mon, 24 Jun 2024 10:26 AM (IST)

    अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2024) के लिए सुरक्षा से लेकर यात्रा प्रबंधों की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। श्रद्धालु जम्मू में 26 से पहुंचना शुरू हो जाएंगे। यात्रा के लिए तत्काल रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी होगी। अमरनाथ श्राइन बोर्ड जल्द ही आरएफआईडी कार्ड (RFID Card) के काउंटर भी लगाएगा। इस कार्ड के जरिए श्रद्धालुओं की लोकेशन पता चल पाएगी।

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    29 जून से यात्रा शुरू हो रही है अमरनाथ यात्रा

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। बाबा अमरनाथ यात्रा की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। 29 जून से यात्रा शुरू हो रही है। पहला जत्था जम्मू से 28 जून को पहलगाम व बालटाल के लिए रवाना होगा। यात्रा के दोनों मार्गों पहलगाम व बालटाल पर सुरक्षाबलों की तैनाती हो रही है।

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    कैंप निदेशक यात्रा शुरू होने से तीन दिन पहले अपने-अपने शिविरों में कामकाज संभाल लेंगे। यात्रा के दोनों मार्गों पर 125 लंगर लगाए जा रहे हैं। ये लंगर 25 जून से शुरू हो जाएंगे।

    यात्रा के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु जम्मू के यात्री निवास भगवती नगर में 26 जून से पहुंचना शुरू हो जाएंगे। बता दें कि दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु एडवांस पंजीकरण करा चुके हैं।

    बिना इस कार्ड के नहीं मिलेगा प्रवेश

    श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड जल्द आरएफआईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) कार्ड के काउंटर यात्री निवास भगवती नगर, रेलवे स्टेशन, पहलगाम, बालटाल में लगाए जाएंगे। इस कार्ड के बिना श्रद्धालुओं को प्रवेश की इजाजत नहीं होगी।

    इस कार्ड के जरिए श्रद्धालुओं की लोकेशन पता चल पाएगी। इसे सुरक्षा की दृष्टि से अहम माना जाता है। दोनों मार्गों पर नुनवान व बालटाल में बिना इस कार्ड के प्रवेश नहीं मिलेगा।

    यात्रा मार्ग पर प्रशासन ने किया है ये इंतजाम

    श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड और संबंधित जिलों के प्रशासन व संबंधित विभाग तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। लखनपुर से जम्मू व जम्मू से श्रीनगर व आगे यात्रा के दोनों मार्गों पर विभिन्न क्षेत्र अलग अलग जिला प्रशासन के अधीन आते हैं।

    जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की ड्यूटी श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के हवाले की है। इनकी संख्या 80 से अधिक हैं जिन्हें कैंप निदेशक व अतिरिक्त कैंप निदेशक बनाकर यात्रा के दोनों मार्गों पर विभिन्न शिविरों में तैनाती होगी।

    कैंप निदेशकों को रूट व शिविरों की जिम्मेदारी सौंपी है। सरकार ने पहले ही वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।

    श्रीनगर में ठहराए जाएंगे श्रद्धालु

    नोडल अधिकारियों भूपेंद्र कुमार व शाहिद इकबाल चौधरी ने यात्रा के प्रबंधों का जायजा लिया। यात्रा के दोनों मार्गों पर लंगर लगाने के लिए शेड बनाने का कार्य तेजी के साथ चल रहा है। बालटाल, पहलगाम, नुनवान आदि शिविरों में लंगर के शेड स्थापित हो चुके है।

    पवित्र गुफा व अन्य शिविरों में लंगर के शेड लगाने का कार्य लगभग हो चुका है। श्रीनगर के पंथा चौक में निर्माणाधीन यात्री निवास की तीन मंजिलों में श्रद्धालुओं को ठहराने की व्यवस्था होगी। श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की है।

    देश के कोने कोने से श्रद्धालु यात्री निवास भगवती नगर में आए बिना सीधे ही पहलगाम व बालटाल पहुंच कर यात्रा करेंगे। बता दें कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा शनिवार सुबह श्रीनगर राजभवन से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पवित्र गुफा में हिमलिंग की प्रथम पूजा की थी।

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    तत्काल पंजीकरण की सुविधा होगी

    यात्रा पर आने वाले साधु-संतों के लिए दो केंद्र बनाए गए हैं। तत्काल पंजीकरण के लिए श्रद्धालुओं की संख्या उपलब्ध कोटे के आधार पर होगी और यह पूरी तरह पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होगी अर्थात पहले से पंजीकृत श्रद्धालुओं को अवसर मिलने के बाद कोटा प्रतिदिन जारी किया जाएगा और उस कोटा के आधार पर श्रद्धालुओं का पंजीकरण किया जाएगा।

    श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड प्रतिदिन दोनों यात्रा मार्ग से अधिकतम 10-10 हजार श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति देता है और मौसम की चुनौती के कारण यह संख्या घट भी सकती है।

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