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    Jammu News: आतंक और अलगाववाद को बनाए रखने का जरिया बन रहा इंटरनेट, डीजीपी स्वैन बोले- अपराध को बढ़ावा देना बर्दाश्त नहीं

    Updated: Mon, 24 Jun 2024 06:00 AM (IST)

    पुलिस महानिदेशक ने कहा कि साइबर अपराध अपने आप में व्यापक है और यह अन्य पारंपरिक अपराधों तक पहुंच सकता है। स्वैन ने कहा कि पाकिस्तान स्थित एक हैंडलर ने अपने स्थानीय एजेंटों के माध्यम से इंटरनेट का उपयोग करके हमले की साजिश रची। उन्होंने कहा कि वे योजना बनाते हैं। आतंकियों की घुसपैठ के लिए एक स्थान चुनते हैं। वहां हथियार गोला-बारूद और विस्फोटक गिराते हैं।

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    आतंक और अलगाववाद को बनाए रखने जरिया बन रहा इंटरनेट

     राज्य ब्यूरो, जम्मू। पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने कहा कि इंटरनेट जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद को बनाए रखने का माध्यम बन रहा है। पाकिस्तानी आका केंद्र शासित प्रदेश में घुसपैठियों को भेजने और हथियारों की तस्करी के लिए इसी का उपयोग करते हैं।

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    पुलिस स्टेशन बाग-ए-बाहु के साथ साइबर पुलिस स्टेशन जम्मू जोन की इमारत का उद्घाटन करने के बाद वह बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि 75 प्रतिशत चुनौतियां इससे जुड़ी हैं। हो सकता है कि कुछ अधिकारी इसे 60 से 80 प्रतिशत के बीच रखेंगे लेकिन मैं सच्चाई से बहुत दूर नहीं हूं।

    इंटरनेट का उपयोग करके हमले की साजिश रची

    पुलिस महानिदेशक ने कहा कि साइबर अपराध अपने आप में व्यापक है और यह अन्य पारंपरिक अपराधों तक पहुंच सकता है। स्वैन ने कहा कि पाकिस्तान स्थित एक हैंडलर ने अपने स्थानीय एजेंटों के माध्यम से इंटरनेट का उपयोग करके हमले की साजिश रची। उन्होंने कहा कि वे योजना बनाते हैं। आतंकियों की घुसपैठ के लिए एक स्थान चुनते हैं। वहां हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक गिराते हैं।

    डीजीपी ने कहा कि पहले किसी हमले को अंजाम देने के लिए साजिश बैठक में या टेलीफोनिक संपर्क के जरिए तैयार की जाती थी। तब हम संदिग्ध टेलीफोन नंबर को ट्रैक और मॉनिटर करते थे लेकिन अब यह खत्म हो गया है।

    अलगाववाद को बढ़ावा देना बर्दाश्त नहीं

    उन्होंने कहा कि चुनौती से निपटने के लिए एक जवाबी योजना की आवश्यकता है। हम गोपनीयता के नाम पर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे को पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। डीजीपी ने कहा कि वे निजता के खिलाफ नहीं हैं लेकिन निजता के नाम पर अपराध, चाहे व्यक्तिगत स्तर पर या अन्यथा धोखाधड़ी, जबरन वसूली या ब्लैकमेल, सरकार को अस्थिर करने का प्रयास, नागरिक संघर्ष या अलगाववाद को बढ़ावा देना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

    जम्मू-कश्मीर में साइबर अपराध पर उचित ध्यान नहीं दिया गया

    स्वैन ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में साइबर अपराध पर उचित ध्यान नहीं दिया गया लेकिन अब केंद्र शासित प्रदेश के तीन पुलिस जिलों के अलावा जम्मू-कश्मीर के सभी 20 राजस्व जिलों में साइबर पुलिस स्टेशन स्थापित किए गए हैं। डीजीपी ने कहा कि साइबर अपराध ज्यादातर पैसे छीनकर धोखाधड़ी करने या युवा लड़कों और लड़कियों का शोषण करने से संबंधित हैं।