Mata Vaishno Devi के त्रिकूट पर्वत की और बढ़ेगी खूबसूरती! हरा-भरा बनाने के लिए चलाया जा रहा यह विशेष अभियान
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने त्रिकूट पर्वत को हरा-भरा बनाने के लिए ड्रोन बीज अभियान शुरू किया है ताकि पवित्र गुफा की प्राकृतिक सुंदरता बनी रहे। बोर्ड हर साल करीब एक लाख पौधे लगाता है और अब तक 17 लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। सीईओ अंशुल गर्ग ने कहा कि यह पर्यावरण संरक्षण में सामुदायिक सहभागिता का एक अच्छा उदाहरण है।

डिजिटल डेस्क, जम्मू। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने मां वैष्णो देवी की पवित्र गुफा की प्राकृतिक भव्यता पहले से ज्यादा खूबसूरत दिखाई देगी। इसके लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ड्रोन बीज अभियान की शुरुआत की है।
इस अभियान का उद्देश्य त्रिकूट पर्वत को हरा भरा बनाना है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा हर साल करीब एक लाख पौधे लगाए जाते हैं। वार्षिक हरित योजना के तहत बोर्ड अब तक करीब 17 लाख से अधिक पौधे लगा चुका है।
श्राइन बोर्ड ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह कदम उठाया है। अच्छी बात यह है कि बोर्ड के इस अभियान में कई स्थानीय संगठन व संस्थाएं पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए हाथ मिला रहे हैं। एसएमवीडीएसबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग ने कहा, "बोर्ड ने पवित्र गुफा की प्राकृतिक भव्यता को संरक्षित करने के लिए त्रिकूट पर्वत पर बीज डालने के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है।"
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उन्होंने आगे कहा कि यह पहल पर्यावरण संरक्षण में एक सफल संस्थागत साझेदारी और सामुदायिक सहभागिता का उदाहरण है। श्राइन बोर्ड और केंद्र सरकार पेंशनभोगी कल्याण संघ (सीजीपीडब्ल्यूए), जम्मू ने स्थानीय लोगों में पर्यावरण संरक्षण और सतत प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए हाथ मिलाया है।
गर्ग ने कहा, "सीजीपीडब्ल्यूए के साथ सहयोग ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाई है और स्थानीय समुदाय में स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा दिया है, जिससे उनके व्यापक नेटवर्क और आउटरीच क्षमताओं का लाभ मिलता है।"
इस वर्ष मानसून के आगमन के साथ दोनों संगठन एक बार फिर जम्मू के वैष्णवी धाम में "वैष्णवी वाटिका" पौध बिक्री काउंटर के माध्यम से जनता को विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां उपलब्ध कराने के लिए एक साथ आए हैं।
यह पौध बिक्री काउंटर लगभग 28 देशी वनस्पति प्रजातियों के पौधे प्रदान कर रहा है जिनमें कटरा के ही पैंथल मार्ग से सटे कुनिया गांव में स्थित बोर्ड की उच्च तकनीक वाली नर्सरी में तैयार किया गया है।
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गर्ग ने कहा, "स्थानीय जलवायु और पारिस्थितिकी तंत्र के अनुकूल ये देशी वनस्पति प्रजातियां खरीद के लिए उपलब्ध हैं, जिससे लोग पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता के प्रयासों में योगदान दे सकते हैं।"
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने उपराज्यपाल की अध्यक्षता में बोर्ड की अग्रणी पर्यावरण-अनुकूल पहलों, जिनमें हरित प्रयास, अपशिष्ट और जल प्रबंधन के अलावा सौर ऊर्जा उत्पादन शामिल हैं, पर भी प्रकाश डाला।
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