जम्मू-कश्मीर के जिला डोडा में बने तनावपूर्ण हालात; कर्फ्यू लगाया, संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आप विधायक मेहराज मलिक की जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत के विरोध में प्रदर्शन हुआ जिसके कारण निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। भद्रवाह घाटी तक प्रतिबंध बढ़ाए गए दुकानें बंद रहीं और सुरक्षा बढ़ाई गई। आप सांसद संजय सिंह ने मलिक की गिरफ्तारी को अवैध बताया और भाजपा सरकार पर निशाना साधा।

डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू-कश्मीर के जिला डोडा में बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मेहराज मलिक की जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए जाने के विरोध में गत मंगलवार को प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़पों के बाद बने तालावपूर्ण हालात को देखते हुए पूरे जिले में कर्फ्यू लागू किया गया है।
अब इन प्रतिबंधों का दायरा भद्रवाह घाटी तक बढ़ा दिया गया है। शहर की सभी दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी बंद हैं।
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को हुई झड़पों में दो अधिकारियों सहित कम से कम आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। मलिक को कथित तौर पर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए जाने और कठुआ जेल में बंद किए जाने के बाद कठुआ से शुरू हुआ प्रदर्शनों का सिलसिला आज बुधवार को जम्मू शहर में जारी रहा।
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डोडा जिले में खासकर डोडा विधानसभा क्षेत्र में हालात पूरी रात तनावपूर्ण बने हुए हैं। अधिकारियों ने कहा, "डोडा शहर और आसपास के इलाकों को सील कर दिया गया है। जिले के संवेदनशील इलाकों भद्रवाह, गंदोह, भलेसा, चिल्ली पिंगल, कहारा और ठाठरी में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान बंद हैं और लोगों को घरों के अंदर रहने की सलाह दी गई है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आज फिलहाल शांति है। कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है। जिले में किसी नए विरोध प्रदर्शन की कोई खबर नहीं है।
इसी बीच आप के वरिष्ठ नेता इमरान हुसैन के साथ जम्मू पहुंचे आप सांसद संजय सिंह ने पत्रकारों से कहा कि मलिक की गिरफ्तारी "अवैध" और "असंवैधानिक" है।
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पत्रकारों से बात करते हुए सिंह ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ इस्तेमाल की जाने वाली धारा एक निर्वाचित सदस्य पर अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए आवाज उठाने के लिए लगाई गई है। यह बहुत गलत है।
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दमनकारी हथकंडे अपनाकर आप को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम इस अन्याय के खिलाफ सड़कों पर, संसद में और जरूरत पड़ने पर सर्वोच्च न्यायालय में भी लड़ेंगे।"
वहीं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट डोडा अनिल कुमार ठाकुर ने एक आदेश जारी कर कहा कि अगले आदेश तक पूरे जिले में चार या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध है।
आदेश में आगे निर्देश दिया गया है कि कोई भी व्यक्ति भड़काऊ भाषण नहीं देगा, नारे नहीं लगाएगा या ऐसे हाव-भाव नहीं दिखाएगा जिससे शांति और सांप्रदायिक सद्भाव भंग हो। सार्वजनिक स्थानों पर लाठी या धारदार हथियार ले जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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डोडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को इन प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि निषेधाज्ञा का कोई भी उल्लंघन कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत दंडात्मक कार्रवाई को आमंत्रित करेगा।
परिणामस्वरूप डोडा और भद्रवाह कस्बों के अलावा अन्य कस्बों में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सड़कों पर यातायात भी कम रहा।जिले में इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया गया है। हालांकि जिला अधिकारियों ने इससे इनकार करते हुए कहा कि इंटरनेट के बंद होने के पीछे तकनीकी कारण है।
डोडा को छोड़ जम्मू, राजौरी, पुंछ और किश्तवाड़ में बुधवार को भी आप विधायक के समर्थन में विरोध प्रदर्शन हुए। नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने मलिक की नज़रबंदी की निंदा करते हुए इसे "लोकतंत्र पर हमला" बताया।
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जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मलिक से कोई खतरा नहीं है। ऐसे में उन्हें पीएसए के तहत हिरासत में लेना गलत है।
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