कश्मीरी छात्रों को मौत के मुंह में धकेलने वाला टीचर, लश्कर का वफादार था अशरफ; LG के एक्शन के बाद आई अक्ल ठिकाने
Jammu Kashmir News जम्मू-कश्मीर के छात्रों को जिहादी पाठ पढ़ाने वाले सरकारी टीचर मोहम्मद अशरफ बट जेल में है। लश्कर-ए-तैयबा का वफादार अशरफ पाकिस्तान में बैठे आतंकी कमांडर मोहम्मद कासिम के इशारे पर काम कर रहा था। वह न सिर्फ छात्रों को आतंकी बना रहा था बल्कि आतंकी गतिविधियों में भी शामिल था। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है।

नवीन नवाज, जम्मू। क्या कोई शिक्षक अपने छात्रों को मौत के मुंह में धकेल सकता है, उन्हें बर्बाद कर सकता है। जवाब आएगा-नहीं, लेकिन मोहम्मद अशरफ बट के कृत्यों से यह धारणा बदल जाती है। यही कारण है कि उसे जम्मू-कश्मीर के युवाओं, विशेषकर छात्रों को बचाने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बर्खास्त कर दिया।
जम्मू में प्रांत में जिला रियासी का रहने वाला मोहम्मद अशरफ बट अपने छात्रों को न सिर्फ जिहादी पाठ पढ़ा, उन्हें आतंकी बनने के लिए तैयार कर रहा था, बल्कि पाकिस्तान में बैठे लश्कर कमांडर मोहम्मद कासिम के इशारे पर कटड़ा, रियासी, माहौर व अन्य जगहों पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में अहम भूमिका निभा रहा था। जेल में बंद होने के बावजूद उसने जेल से ही पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलरों के साथ अपना संवाद भी बनाए रखा।
मोहम्मद की सेवाएं साल 2013 में हुई नियमित
वर्ष 2008 में रहबर-ए-तालीम शिक्षक के रूप में जम्मू कश्मीर शिक्षा विभाग में नियुक्त होने के बाद मोहम्मद अशरफ की बतौर अध्यापक सेवाएं वर्ष 2013 में नियमित हुई। कहने को वह शिक्षा विभाग में अध्यापक था, लेकिन वह लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन का ओवरग्राउंड वर्कर और उसका वफादार था।
उसने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों की मदद करते हुए, भारत की एकता अखंडता को नुकसान पहुंचाने का हर संभव काम किया। उसे यह भी ध्यान में नहीं रहा कि उसे वेतन कहां से मिल रहा है, वह जो कर रहा है, वह गैर- इस्लामिक है। वर्ष 2022 में उसकी गतिविधियों पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर पड़ी और वह पकड़ा गया। मौजूदा समय में वह जिला कारावास रियासी में बंद हैं।
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पाकिस्तान में बैठे आतंकी के लिए कर रहा था काम
जांच में पता चला कि उसका हैंडलर पाकिस्तान में रहने वाला लश्कर-ए-तैयबा के मोस्ट वांटेड आतंकियों में एक मोहम्मद कासिम है।
अशरफ बट को लश्कर-ए-तैयबा जम्मू प्रांत में अपना सबसे प्रमुख मोटिवेटर मानती है, क्योंकि वह एक शिक्षक के तौर पर अशरफ युवाओं में जिहादी मानसिकता पैदा कर उन्हें आतंकी संगठन का हिस्सा बनाने और अध्यापन जैसे एक सम्मानजनक, नेक पेशे की आड़ में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सबसे उपयुक्त था।
आतंकियों को धन जुटाने और हथियार छिपाने में करता था मदद
उसने आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने और हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों को एक जगह से दूसरी जगह तक सुरक्षित पहुंचाने,आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकानों का बंदोबस्त करने में पूरी मदद की। एक सक्रिय आतंकी सहयोगी के तौर पर अशरफ ने पाकिस्तान में रहने वाले लश्कर कमांडरों के कहने पर जम्मू कश्मीर में कुछ खास लोगों को धमकी भरे पत्र पहुंचाने का काम भी किया।
अशरफ बट कितना चालाक और धूर्त है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जेल में बंद होने के बावजूद उसने अपने कुछ अन्य साथियों के माध्यम से पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलरों से संपर्क बहाल कर लिया।वह जेल में बंद अन्य कैदियों को भी जिहादी पाठ पढ़ाने लगा और उनमें से कईयों को आतंकी संगठन के लिए काम करने के लिए तैयार करने में कामयाब रहा।
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