'आतंक का एक भी निशान न रहे', LG मनोज सिन्हा ने आतंकियों और उनके मददगारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आतंकियों की मदद करने वालों को भी आतंकी माना जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उपराज्यपाल ने जम्मू प्रांत के आंतरिक और बाहरी सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। कहा कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करना होगा।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को आतंकियों व उनके पारिस्थितिक तंत्र को नष्ट करने के लिए पूर्व सक्रियता की नीति को अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि आतंकियों की मदद को भी आतंकी कार्रवाई माना जाए और ऐसा करने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह निर्देश गुरुवार को जम्मू प्रांत के आंतरिक और बाहरी सुरक्षा परिदृश्य की एक उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा के दौरान जारी किए।
उन्होंने कहा कि हमें परंपरागत और गैर परंपरागत सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सदैव तैयार रहते हुए जम्मू संभाग से आतंकवाद का पूर्ण सफाया करना है। सीमांत क्षेत्राें से लेकर भीतरी भागों तक सभी सुरक्षा एजेंसियों में व्यापक तालमेल होना चाहिए। खुफिया तंत्र पूरी तरह मजबूत बनाया जाए ताकि किसी भी खतरे से समय रहते समाप्त किया जा सके। आतंक के प्रति शून्य सहिष्णुता के मूल मंत्र के साथ हमें यह कानून व्यवस्था और सुरक्षा का वातावरण बनाए रखना है।
आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश
उल्लेखनीय है कि जम्मू में सुरक्षा परिदृश्य का जायजा लेने से पूर्व गत बुधवार को उपराज्यपाल ने श्रीनगर में कश्मीर घाटी की सुरक्षा व्यवस्था का संबधित अधिकारियों संग जायजा लेते हुए सुरक्षा तंत्र को और मजबूत बनाने व आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।
आज यहां संबधित पुलिस अधिकारियों संग एक बैठक में जम्मू प्रांत के आंतरिक और बाहरी सुरक्षा परिदृश्य का जायजा लेते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि आतंकी हिंसा और अलगाववाद या नार्काे टेरेरिज्म या ड्रग्स काराेबारी, सबके प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि जम्मू प्रांत में आतंकी हिंसा और आतंकियों के पारिस्थितिक तंत्र को नष्ट करने के लिए आतकियों के मददगारों को समाप्त करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।
आतंकरोधी अभियानों का लिया जायजा
आतंकियों को जानबूझकर सुरक्षित ठिकाना प्रदान करनेवाले हों, उनके लिए रसद व अन्य साजो सामान जो जुटाते हैं, सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। आतंकियों की मदद करना भी आतंकी कृत्य माना जाए। समाज में आम लोगों के लिए जो डर का माहौल पैदा करने में लगे हैं, उन्हें चिह्नित कर उन्हें कानून के मुताबिक दंडित किया जाए। उन्होंने जम्मू प्रांत के राजौरी, पुंछ, डोडा, उधमपुर, रियासी व कठुआ में जारी आतंकरोधी अभियानों का भी जायजा लिया।
उपराज्यपाल ने जम्मू प्रांत में सीमांत इलाकों में घुसपैठरोधी तंत्र को और मजबूत बनाने के साथ प्रदेश के भीतरी भागों में सक्रिय आतंकियों व उनके साथियों के खिलाफ सुनियोजित तरीके से अभियान चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि हमें घुसपैठ को पूरी तरह समाप्त करने साथ ही यहां जो आतंकी घुसपैठ करने में कामयाब रहे हैं, उन्हें भी मार भगाना है। इसके लिए हमे अपने खुफिया तंत्र को मजबूत बनाना है।
आतंकवाद विरोधी अभियानों पर जोर दिया
हमारा ध्यान जम्मू संभाग से आतंकवाद के पूर्ण सफाए पर होना चाहिए। हमें जम्मू क्षेत्र में आतंक का एक भी निशान नहीं रहने देना है। उन्होंने पुलिसिंग में अत्याधुनिक प्रौद्योगिक की व्यापक प्रयोग पर जोर देते हुए कहा कि हमें क्षेत्रवार सुरक्षा ग्रिड और आतंकरोधी अभियान तय करने चाहिए।
उन्होंने विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों में समन्वय, नार्को-आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई, पुलिस बल की क्षमता निर्माण और साइबर गश्त और निगरानी क्षमताओं में सुधार के लिए अभिनव रणनीतियों के लिए रोडमैप पर भी चर्चा की। उन्होंने विश्वसनीय खुफिया जानकारी जुटाने, वास्तविक समय की परिचालन खुफिया जानकारी साझा करने और सटीक इनपुट के आधार पर आतंकवाद विरोधी अभियानों पर जोर दिया।
उपराज्यपाल ने कहा कि आतंकवाद के हर अपराधी और समर्थक को इसकी कीमत चुकानी होगी। हमें खुद को विश्वसनीय खुफिया जानकारी से लैस करने और आतंकवादियों को बेअसर करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करने की आवश्यकता है। हमें पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों के लिए तैयार रहना चाहिए।
मिलकर लड़ना होगा
उन्होंने कहा कि हमें नदियों और दुर्गम पर्वत श्रृंखलाओं के साथ सीमांत क्षेत्रों में भी अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाना है। यहां सुरक्षा एवं शांति का वातावरण बनाए रखने व आतंकवाद के समूल नाश के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों को आवश्यक बैक-अप सहायता प्रदान करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
आतंकियों के भर्ती नेटवर्क को नष्ट करने के साथ उनके हैंडलरों और आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्करों को चिहि्नित कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई को सुनिश्चित बनाया जाए। उन्होंने जम्मू प्रांत में सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों व रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों की सुरक्षा व्यवस्था की निरंतर समीक्षा कर उसे और बेहतर बनान के लिए भी कहा।
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