'गर्मी बहुत है... केंद्र की ओर से नहीं, मौसम ही ऐसा है', सियासी दबाव के सवाल पर ऐसा क्यों बोले CM उमर अब्दुल्ला?
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य के दर्जे की बहाली पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया चल रही है और इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि गृह मंत्री अमित शाह से इस बारे में विस्तार से बात हुई है और उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा मिलेगा।

पीटीआई, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के हालात और राज्य के दर्जे की बहाली पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात पर भी जवाब दिया। समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए गए एक इंटरव्यू में अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के कई मुद्दों पर बातचीत की।
इसी कड़ी में राज्य का दर्जा बहाल होने को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि अब समय आ गया है, जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया चल रही है और इसे तत्काल कन्क्लूड करने की आवश्यकता है।
'जल्द मिलेगा राज्य का दर्जा'
राज्य के दर्जे को लेकर उमर अब्दुल्ला ने पीटीआई से कहा कि गृह मंत्री अमित शाह से इस बारे में विस्तार से बात हुई है। उनके साथ यह बातचीत अच्छी रही उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा मिलेगा।
उमर अब्दुल्ला से जब यह पूछा गया कि क्या पिछले साल उनके पदभार संभालने के बाद से दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के बीच की दूरी कम हुई है। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी-कभी कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं जो दूरी को बढ़ाती हैं। उन्होंने हाल ही में उत्तरी कश्मीर के सोपोर और जम्मू के कठुआ जिले के बिलावर में दो व्यक्तियों की मौतों की ओर इशारा किया।
दो व्यक्तियों की हत्या पर जताई चिंता
अब्दुल्ला ने कहा, दोनों घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण थीं और मुझे लगता है कि उन्हें रोका जा सकता था। उन्हें पहले नहीं होना चाहिए था और अब जरूरत है कि उनकी पारदर्शी तरीके से जांच की जाए। अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो कानून को अपना काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना उनकी (दिल्ली की ओर इशारा) जिम्मेदारी थी की ऐसी घटनाएं न हों।
ज्ञात हो कि बिलावर में उग्रवाद में शामिल होने के आरोप में एक 26 वर्षीय व्यक्ति ने कथित तौर पर पुलिस उत्पीड़न के बाद 4 फरवरी को आत्महत्या कर ली। इसके एक दिन बाद, बारामूला जिले के सोपोर में एक ट्रक चालक की सेना की गोलीबारी में मौत हो गई।
मुख्यमंत्री ने किया मनोज सिन्हा की जिक्र
जम्मू-कश्मीर पर शासन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि हर किसी को किसी न किसी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इस मामले में, यह हमारे लिए एक नया अनुभव है। हम एक केंद्र शासित प्रदेश हैं। हम सीख रहे हैं, लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने भी इन परिस्थितियों में काम करना सीखा है।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें केंद्र सरकार से किसी तरह की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने मजाकिया अंदाज में जवाब दिया और राजनीतिक दबाव के बजाय मौसम से उत्पन्न चुनौतियों के बारे में बात की।
अब्दुल्ला ने आने वाली गर्मियों में गंभीर जल संकट की संभावना पर चिंता व्यक्त की। नेकां नेता ने कहा, बहुत ज्यादा गर्मी है, केंद्र की ओर से नहीं, लेफ्टिनेंट गवर्नर की ओर से नहीं, किसी अधिकारी की ओर से नहीं, बल्कि मौसम की ओर से। यह गर्मी वास्तव में मुझे परेशान कर रही है। अगर यह जारी रही, तो गर्मियों में हमारे पास पानी की कमी हो जाएगी। यह हमारी सबसे बड़ी समस्या होगी, किसी भी अन्य समस्या से भी बड़ी।
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